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    'बड़े लक्ष्य का पीछा करते समय बल्लेबाजों में भूमिका की कमी दिखी', भारतीय दिग्‍गज ने बताई टीम इंडिया की कमजोरी

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 05:31 PM (IST)

    उथप्पा का मानना था कि अक्षर की धीमी गति से खेली गई 21 रनों की पारी दबाव कम करने में विफल रही, जिससे उनके आसपास विकेट गिरने लगे और रणनीति में बदलाव करन ...और पढ़ें

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    सीरीज में वापसी पर भारत की नजर।

    नई दिल्ली, पीटीआई: पूर्व भारतीय बल्लेबाज राबिन उथप्पा ने बड़े लक्ष्य का पीछा करते समय भारत की बल्लेबाजी रणनीति में भूमिका को लेकर स्पष्टता की कमी की ओर इशारा करते हुए कहा कि पारी की शुरुआत में अत्यधिक लचीलेपन के कारण रन बनाना मुश्किल हो जाता है। भारतीय टीम गुरुवार को मुल्लांपुर में खेले गए दूसरे टी-20 मैच में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 214 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 19.1 ओवर में 162 रन पर आउट हो गई। इस 51 रन की हार के साथ पांच मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर हो गई।

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    उथप्पा ने कहा कि समस्या शुरुआती विकेट गिरने की नहीं थी, बल्कि शुभमन गिल के आउट होने के बाद अपनाई गई रणनीति की थी। भारत के पास मजबूत बल्लेबाजी क्रम है लेकिन टीम ने उसका इस्तेमाल अच्छे से नहीं किया। उन्हों जियो हाटस्टार पर कहा कि शुभमन आउट हुए तो अक्षर पटेल बल्लेबाजी करने आए। उस समय उन्हें एक ऐसे बल्लेबाज की भूमिका निभानी थी जो जोखिम उठाकर बल्लेबाजी करें और तेजी से रन बनाकर अभिषेक शर्मा पर से दबाव कम कर सके।

    उथप्पा का मानना था कि अक्षर की धीमी गति से खेली गई 21 रनों की पारी दबाव कम करने में विफल रही, जिससे उनके आसपास विकेट गिरने लगे और रणनीति में बदलाव करना पड़ा। इससे लक्ष्य का पीछा करना और धीमा हो गया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बल्लेबाजों को अपनी भूमिकाओं और पारी को आगे बढ़ाने के तरीके के बारे में स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए।

    उन्होंने कहा कि पहले छह से आठ ओवरों के बाद बल्लेबाजों की रणनीति में लचीलापन ठीक है, लेकिन बड़े स्कोर का पीछा करने से पहले एक मजबूत नींव की जरूरत होती है। बिना मजबूत आधार के गगनचुंबी इमारत नहीं खड़ी की जा सकती। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों से एक ही मैच में कई भूमिकाएं निभाने की उम्मीद करना चीजों को जटिल बना देता है और भारत यहीं चूक कर रहा है। मैं प्रारंभिक बल्लेबाजों और पारी की शुरुआत चरण में अत्यधिक लचीलापन दिखाने के पक्ष में नहीं हूं।

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