पाकिस्तान में मैच फिक्सिंग कैसे होती थी? कौन था इनमें शामिल? पूर्व कप्तान ने कहा- 'अपनी किताब में करूंगा पूरा खुलासा'
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने कहा है कि वह अपनी किताब लाने वाले हैं और इस किताब में वह खुलासा करेंगे कि 90 के दशक में पाकिस्तान में कैसे मैच फिक्सिंग होती थी और कौन लोग इसमें शामिल थे। उन्होंने कहा है कि 90 के दशक के कई खिलाड़ियों की वजह से पाकिस्तान को दूसरा वर्ल्ड कप जीतने में 17 साल लग गए थे।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने हैरान करने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि वह अपनी आने वाली खिताब में पाकिस्तान में मैच फिक्सिंग के सारे राज खोलकर रख देंगे। राशिद लतीफ चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान अपने बयानों के कारण चर्चा में रहे। उन्होंने अपनी ही टीम के कुछ पूर्व साथियों पर जमकर कमेंट किए। इन खिलाड़ियों द्वारा की गई टीम की आलोचना राशिद को रास नहीं आ रही थी।
लतीफ ने इनडायरेक्ट तरीके से पाकिस्तान के महान गेंदबाजों और कप्तान रहे वसीम अकरम, वकार यूनिस पर निशाना साधा था। उन्होंने 90 के दशक के लड़कों की बात कहते हुए कहा था कि इन लोगों ने पाकिस्तान की क्रिकेट के लिए कुछ नहीं किया। इनके आगे पैसा फेंको और ये लोग कुछ भी कर सकते हैं।
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'अपनी किताब में खोलूंगा पोल'
राशिद लतीफ ने एक बयान में कहा, "मैंने किताब लिखनी शुरू कर दी है। 90 के दशक में मैच फिक्सिंग अपने चरम पर थी। मैं हर चीज का खुलासा करूंगा। फिक्सिंग कैसे होती ती और इसमें कौन शामिल था। मैं खुलासा करूंगा कि 90 के दशक में क्रिकेट में क्या चलता था और ये भी बताऊंगा कि किस पूर्व कप्तान ने राष्ट्रपति के सामने क्षमा याचिका लगाई थी।"
इससे पहले लतीफ ने कहा था कि 90 के दशक के कुछ खिलाड़ियों को क्रिकेट से दूर रखना चाहिए क्योंकि इन्होंने फायदा पहुंचाने के बजाए नुकसान ज्यादा किया है। लतीफ ने कहा, "पाकिस्तान को दूसरा वर्ल्ड कप जीतने में 17 साल लग गए क्योंकि 90 के खिलाड़ियों ने ऐसा होने नहीं दिया। 90 के खिलाड़ियों को मैनेजमेंट और टीम से दूर रखो फिर आज के खिलाड़ी जीतने की कोशिश करेंगे।"
नई बात नहीं है फिक्सिंग
राशिद लतीफ ने कहा है कि फिक्सिंग कोई नई बात नहीं है। उन्होंने क्रिकइंफो में अपने कॉलम में लिखा, "जो मैं जानता हूं, कुछ मैच फिल्म की तरह स्क्रिप्टेड होते हैं। जहां ये तय होता कि टेस्ट मैच के किस सेशन में कितने रन बनेंगे, या कितने ओवर फेंके जाएंगे।"
उन्होंने लिखा, "हर खिलाड़ी अपना भविष्य सुरक्षित करना चाहता है क्योंकि किसी की भी टीम में जगह लंबे समय तक पक्की नहीं है। इसलिए जब उसे इतना पैसा मिलता है जो उसकी अगले पांच साल की कमाई के बराबर होता है तो स्वाभाविक तौर पर लालच में आएगा। अगर खिलाड़ी मतलबी होगा तो फंस जाएगा। मेरी नजर में, मैं अपने अनुभव से ये कह सकता हूं कि शीर्ष खिलाड़ी ज्यादा मतलबी होते हैं।"
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