भारतीय टेस्ट टीम को नए हेड कोच की जरुरत, पूर्व क्रिकेटर ने गौतम गंभीर पर साधा निशाना
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर ने गौतम गंभीर पर निशाना साधते हुए कहा कि टेस्ट टीम को नए हेड कोच की जरुरत है। मनोज तिवारी ने कहा कि गौतम गंभीर कभी भी कोच पद के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं थे। तिवारी ने कहा कि भारतीय क्रिकेट को बचाने के लिए जरूरी है लाल गेंद का नया कोच नियुक्त किया जाए।

गौतम गंभीर
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने हेड कोच गौतम गंभीर पर निशाना साधते हुए कहा कि टेस्ट टीम को नए कोच की जरुरत है। गंभीर की कोचिंग में भारत को हाल ही में साउथ अफ्रीका के हाथों घरेलू टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप झेलना पड़ा।
गौतम गंभीर ने सीरीज हार के बाद प्रेस कांफ्रेंस में जिस तरह जवाब दिए, उससे मनोज तिवारी नाखुश दिखे। गंभीर ने टेस्ट टीम की मौजूदा स्थिति पर अलग-अलग जवाब दिए। तिवारी को आपत्ति है कि टीम में स्थिरता की कमी दिखी और टीम में लगातार बदलाव हुए।
मनोज तिवारी ने क्या कहा
बंगाल के पूर्व क्रिकेटर ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो यह दीवार पर लिख सकता था। ऐसा होना ही था। मुझे पता था कि चीजें सही नहीं जा रही हैं। जिस प्रक्रिया का वो पालन करने जा रहे थे, वो सही रणनीति या योजना नहीं थी। टीम में काफी बदलाव हुए और कई बाहर हुए, जो कि सबूत हैं। यही वजह है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में ऐसा प्रदर्शन दिखा।'
टेस्ट में नए हेड कोच की जरुरत
तिवारी का मानना है कि भारतीय टीम को टेस्ट प्रारूप के लिए अलग कोच की जरुरत है। उन्होंने कहा, 'निश्चित ही भारत को लाल गेंद क्रिकेट के लिए नए कोच की जरुरत है। यह जरूरी है कि फैसला लिया जाए ताकि भारतीय क्रिकेट को बचाया जा सके। बहुत खराब स्तर पर पहुंच गए हैं।'
गंभीर की कड़ी आलोचना
गंभीर ने अपना बचाव करने के लिए एशिया कप, चैंपियंस ट्रॉफी खिताब और इंग्लैंड दौरे का श्रेय लिया, जो मनोज तिवारी को बिलकुल रास नहीं आया। तिवारी ने कहा कि इंग्लैंड दौरे के नतीजे अपेक्षित नहीं थे।
पूर्व क्रिकेटर ने कहा, 'गंभीर दावा कर रहे हैं कि युवा टीम के साथ इंग्लैंड में सीरीज ड्रॉ कराई। मेरे विचार में इंग्लैंड सीरीज ड्रॉ हमारे लिए बेहतर नतीजा नहीं था। वो अच्छा नतीजा नहीं था। हमारे पास जैसे खिलाड़ी थे, वो इंग्लैंड ने आखिरी दिन कई खराब शॉट खेले। वो आसानी से 3-1 से सीरीज जीत जाते। गंभीर के कार्यकाल में कोई बड़ी उपलब्धि नहीं मिली है।'

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