Gautam Gambhir ने BCCI पर छोड़ा अपने भविष्य का फैसला, कहा- भारतीय क्रिकेट महत्वपूर्ण, मैं नहीं
Gautam Gambhir BCCI: दक्षिण अफ्रीका से 0-2 की टेस्ट सीरीज हार के बाद भारतीय कोच गौतम गंभीर पर दबाव बढ़ गया है। घरेलू टेस्ट में लगातार दो व्हाइटवॉश झेलने वाले पहले भारतीय कोच बनने के बाद, गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनके भविष्य का फैसला बीसीसीआई करेगा।
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Gautam Gambhir ने BCCI पर छोड़ा अपने भविष्य का फैसला
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Gautam Gambhir Statement: साउथ अफ्रीका के हाथों 0-2 की करारी हार के बाद गुवाहाटी में मीडिया के तीखे सवालों का सामना करते हुए भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर शांत नजर आए। 26 नवंबर को खेले गए दूसरे और आखिरी टेस्ट में भारत को 408 रनों से हार का सामना करना पड़ा और इसी के साथ दो मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप भी झेलनी पड़ी।
भारत की हार के बाद कोच गंभीर पर दबाव लगातार बढ़ रहा है, क्योंकि वह पहले भारतीय कोच बन गए हैं जिन्हें घरेलू टेस्ट में लगातार दो व्हाइटवॉश झेलने पड़ी हैं। गंभीर की कोचिंग में पहले ही साल में भारत को न्यूजीलैंड से 0-3 और अब साउथ अफ्रीका से 0-2 की हार मिली है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब गंभीर आए तो उन्होंने लगातार ट्रोल होने के बाद चुप्पी तोड़ी और कहा कि उनके भविष्य पर फैसला बीसीसीआई करेगा।
Gautam Gambhir ने खुलकर ली भारत की हार की जिम्मेदारी
दरअसल, भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के कार्यकाल में भारत ने पिछले 7 में से 5 घरेलू टेस्ट गंवाए हैं और अब तक खेले गए 19 मैचों में से 10 में टीम को हार का सामना करना पड़ा है। जब गुवाहाटी टेस्ट मैच में 408 रन के अंतर से हार झेलने के बाद गौतम गंभीर प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए तो उनसे ये सवाल पूछा गया कि क्या अभी भी वह टीम के लिए बेहतर विकल्प है? इस पर गंभीर ने जवाब दिया कि ये फैसला बीसीसीआई का होगा। जब मैंने पद संभाला था तब भी कहा था, भारतीय क्रिकेट महत्वपूर्ण है, मैं नहीं। आज भी उसी बात पर कायम हूं।
गंभीर ने आलोचनाओं पर नाराजगी भी जताई और मीडिया पर तंज कसते हुए कहा कि वे सिर्फ हार पर फोकस करते हैं, उपलब्धियों को नजरअंदाज कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि लोग भूल जाते हैं कि मैंने ही इंग्लैंड में युवा टीम के साथ नतीजे दिलाए थे। आप सब जल्दी भूल जाते हैं। न्यूजीलैंड का जिक्र कर लेते हैं, लेकिन ये भी मत भूलिए कि मेरे ही कोचिंग में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जीता था। ये टीम नई है, अनुभव कम है, और मैंने पहले भी कहा कि इन्हें सीखने में समय लगेगा, लेकिन ये पूरा प्रयास कर रहे हैं।
"मैं यहां बहाने बनाने नहीं आया"
सीरीज हारने के बाद अपनी पहली बात में गौतम गंभीर ने कहा कि मुझे ट्रांजिशन शब्द से नफरत है और मैं यहां बहाने बनाने नहीं आया हूं, लेकिन ट्रांजिशन असल में यही है, युवा खिलाड़ी सीख रहे हैं। आपको उन्हें समय देना होगा। हार की जिम्मेदारी सबकी है और सबसे पहले मेरी है।
उन्होंने कहा कि 95/1 से 122/7 होना गलत है। किसी एक खिलाड़ी या शॉट को हार काो जिम्मेदार नहीं ठहरा जा सकता। मैंने कभी किसी को अलग से दोष नहीं दिया और आगे भी नहीं दूंगा।
बता दें कि गंभीर के कोच बनने के बाद भारत का टेस्ट रिकॉर्ड कमजोर रहा है। टीम ने पिछले 18 टेस्ट में से 10 हारे हैं। इसमें दो बार घर में हार भी शामिल है। एक बार न्यूजीलैंड से और अब दक्षिण अफ्रीका से।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ मिली हार के बाद गंभीर की टीम चुनने की सोच पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं,क्योंकि वे ऑलराउंडरों पर ज्यादा भरोसा करते हैं। लेकिन उन्होंने अपनी सोच का बचाव किया। गंभीर बोले कि टेस्ट क्रिकेट के लिए सबसे चमकीले या सबसे ज्यादा टैलेंटेड खिलाड़ियों की जरूरत नहीं होती। हमें मजबूत इरादों वाले खिलाड़ी चाहिए, वे अच्छे टेस्ट खिलाड़ी बनते हैं।

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