'मुझे फोन आया कि भारत को सजा मत दो...', पूर्व मैच रेफरी ने Sourav Ganguly और ICC पर लगाया बड़ा आरोप
Chris Broad on Sourav Ganguly: पूर्व मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने ICC पर गंभीर आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि उन्हें भारत के खिलाफ ओवर-रेट मामलों में नरमी बरतने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने बताया कि एक बार भारत के तीन-चार ओवर पीछे होने पर उन्हें ICC से फोन आया कि थोड़ी नरमी बर्तो, क्योंकि ये इंडिया है। ब्रॉड ने यह भी कहा कि सौरव गांगुली की कप्तानी में भी ऐसी ही घटना हुई थी, जिससे पता चलता है कि तब भी राजनीति थी।

Chris Broad का ICC और सौरव गांगुली पर बड़ा आरोप
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Chris Broad on Sourav Ganguly: पूर्व मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि अपने 21 साल के करियर के दौरान उन्हें भारत के खिलाफ ओवर रेट मामलों में नरमी बरतने के निर्देश दिए गए थे।इतना ही नहीं उन्होंने भारतीय टीम के साथ-साथ पूर्व कप्तान सौरव गांगुली पर बड़ा आरोप लगाया है।
Chris Broad का ICC और सौरव गांगुली पर बड़ा आरोप
दरअसल, 68 साल के क्रिस ब्रॉड (Chris Broad) ने हाल ही में द टेलीग्राफ को दिए इंटरव्यू में कहा कि आईसीसी के अंदर अब राजनीतिक दखल काफी बढ़ गया है। ब्रॉड ने 2003 से 2024 तक बतौर मैच रेफरी काम किया और इस दौरान उन्होंने 622 अंतरराष्ट्रीय मैचों की निगरानी की, जो क्रिकेट इतिहास में तीसरा सबसे ज्यादा आंकड़ा है। उनका आखिरी मैच फरवरी 2024 में कोलंबो में हुआ था।
ब्रॉड(Chris Broad on Sourav Ganguly) ने बताया कि एक बार भारत के ओवर रेट में कमी को लेकर उन्हें सीधे आईसीसी से फोन आया। उन्होंने कहा कि भारत मैच के अंत में तीन-चार ओवर पीछे था, जिससे उन पर फाइन लगना था। तभी मुझे फोन आया और कहा गया कि थोड़ा नरम रहो, कुछ समय निकाल लो क्योंकि ये इंडिया है। फिर हमें समय निकालना पड़ा ताकि ओवर रेट फाइन से नीचे आ जाए।
उन्होंने आगे बताया कि अगले ही मैच में फिर वही गलती हुई, जब सौरव गांगुली टीम के कप्तान थे। ब्रॉड ने कहा कि अगले मैच में भी वही हुआ। मैंने पूछा-अब क्या करना है? तो कहा गया कि अब करो पेनल्टी। यानी राजनीति तब भी थी। कुछ लोग अब इस सिस्टम में राजनीतिक समझदारी दिखाते हैं, या फिर चुप रहना ही बेहतर समझते हैं।
ब्रॉड ने स्वीकार किया कि अपने लंबे करियर में उन्होंने कई राजनीतिक और व्यक्तिगत दबाव झेले। उन्होंने इस पर कहा कि 20 साल तक इस माहौल में रहना आसान नहीं था। कुछ जगहों पर ‘सही और गलत’ के बीच गंगा जैसी दूरी होती है और बीच में बहुत गंदा पानी होता है। फिर भी इतने साल टिके रहना मेरे लिए बड़ी बात है।

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