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    'मैं 24 घंटे तक सोना चाहता था', कैंसर को हरा लौटे आरसीबी के पूर्व क्रिकेटर ने बयां की दर्दभरी कहानी

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 04:19 PM (IST)

    आईपीएल टीम आरसीबी के लिए खेलने वाले दिग्गज खिलाड़ी ने हाल ही में कैंसर को मात देने के बाद क्रिकेट में वापसी की है। उन्होंने अपने दर्द भरे सफर को बयां किया है और बताया है कि किमोथैरेपी के दौरान वह कैसा महसूस कर रहे थे। 

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    निक मेडिनसन ने बताया कैंसर का दर्द

    स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट और टी20 क्रिकेटर निक मेडिनसन एक जानलेवा बीमारी से जूझ, उस दर्द को पछाड़ कर वापस लोटे हैं। मेडिनसन ने बताया है कि उन्हें टैस्टिकुलर कैंसर था जिसे वह मात देने में सफल रहे लेकिन इस दौरान उनका सफर दर्द से भरा रहा। मेडिनसन ने बताया कि उन्होंने टेस्टिकुलर कैंसर को हराने के लिए कितनी कठिन लड़ाई लड़ी।

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    उन्होंने बताया कि सर्जरी और कई हफ्तों की कीमोथेरेपी के बाद उन्होंने इस बीमारी को मात दी। आखिरी बार मार्च में शेफील्ड शील्ड में खेलने वाले मेडिनसन की जांच में कैंसर का पता चलने के बाद उनका ट्यूमर हटाने के लिए ऑपरेशन किया गया। लेकिन उनकी असली लड़ाई तो इसके बाद शुरू हुई।

    डर गए थे मेडिनसन

    2014 से 2015 के बीच रॉयल चैलेंजर्स बेंगुलरू के लिए खेलने वाले मेडिनसन ने क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू से बात करते हुए बताया कि जब उन्हें अपने कैंसर के बारे में बताया तो वह डरावना पल था। उन्होंने कहा, "जब मुझे पता चला कि मुझे कीमो करवानी है तो यह मेरे लिए बहुत मुश्किल पल था। कैंसर मेरे पेट के लिम्फ नोड्स और फेफड़ों तक फैल चुका था। वह पल मेरे लिए सबसे डरावना था।"

    33 साल के मेडिनसन ने स्वीकार किया कि कीमोथेरेपी के वो नौ सप्ताह उनके जीवन के सबसे चुनौतीपूर्ण सप्ताह थे। कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स को कम करने के लिए उन्हें स्टेरॉइड्स दिए गए, लेकिन उनके भी गंभीर असर हुए। उन्होंने कहा, "दूसरे या तीसरे हफ्ते तक मेरे सारे बाल झड़ गए थे। मैं बहुत बुर महसूस कर रहा था। मैं कुछ स्टेरॉइड्स ले रहा था जो साइड इफेक्ट्स को संभालने में मदद करते थे, लेकिन वे मुझे रात में सोने नहीं देते थे। मैं 1 बजे तक तो सो जाता, लेकिन फिर सुबह 6 बजे तक जागता रहता। यह बहुत कठिन था। मैं पूरी तरह थक चुका था और ऐसा लगता था कि मैं 24 घंटे सोता ही रहूं।"

    मेडिनसन बने दूसरी बार पिता

    इस बीच मेडिनसन को एक खुशी भी मिली। वह दूसरी बार पिता बने। उन्होंने यह भी बताया कि सबसे डरावनी बात यह थी कि उन्होंने जल्द जांच करवा ली थी फिर भी कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल गया था। उन्होंने कहा, "यह जानना कि मैंने इसे जितनी जल्दी पकड़ सकता था, पकड़ा और फिर भी यह फैल गया। मेरे लिए यह बहुत डरावना था। मेरा मानना है कि अगर आपको किसी चीज को लेकर चिंता है, तो उसे तुरंत जांच करवाना बहुत ज़रूरी है।"

    मैडिनसन की कीमोथेरेपी जुलाई के मध्य में खत्म हुई थी, और दो महीने बाद उन्हें यह पता चला कि इलाज सफल रहा। इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे क्रिकेट में वापसी की दिशा में कदम बढ़ाए। उन्होंने कीमोथेरेपी के दो हफ्ते बाद ही पहली बार नेट्स में अभ्यास किया।

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