सिर्फ युवराज सिंह ही नहीं, भारत के इस पूर्व ओपनर ने भी संवारा है अभिषेक शर्मा का करियर, बल्लेबाज ने खुद किया खुलासा
भारतीय टीम के युवा सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने मुंबई में खेले गए पांचवें और आखिरी टी20 मैच में इंग्लैंड के खिलाफ तूफानी पारी खेली। उनकी इस पारी ने कई रिकॉर्ड बना दिए। अभिषेक भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह को अपना गुरू मानते हैं लेकिन अभिषेक ने खुद बताया है कि एक और शख्स ने उनके खेल को निखारा है।

जेएनएन, नई दिल्ली: टी-20 क्रिकेट जैसे अनिश्चित प्रकृति के प्रारूप में जहां एक बल्लेबाज को सफलता से अधिक असफलताएं मिलती हैं, लेकिन भारत के नए पावरहिटर अभिषेक शर्मा ने बहुत पहले ही यह मूल मंत्र गांठ लिया था कि सफल होने के लिए उन्हें पूरे आत्मविश्वास और निडर होकर खेलना होगा।
पंजाब के इस 24 वर्षीय बल्लेबाज ने आईपीएल 2024 में शानदार प्रदर्शन करके भारतीय टीम में जगह बनाई और वह एक साल के अंदर अपनी विशेष छाप छोड़ने में सफल रहे। टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका पहला शतक (46 गेंद) भारत की तरफ से इस प्रारूप में तीसरा सबसे तेज शतक था। उनका दूसरा शतक (37 गेंद) सबसे छोटे प्रारूप में भारत की तरफ से दूसरा सबसे तेज शतक है।
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युवराज सिंह ने कही थी बड़ी बात
इस बीच, उन्होंने प्रतिष्ठित सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 28 गेंदों में शतक लगाकर नया भारतीय रिकॉर्ड बनाया था। अभिषेक के खेल में युवराज सिंह की झलक दिखाई देती है जो इस युवा क्रिकेटर के मार्गदर्शक भी रहे हैं। अभिषेक ने इंग्लैंड के विरुद्ध पांचवें टी20 में 54 गेंद पर 135 रन बनाने के बाद युवराज का आभार व्यक्त किया। अभिषेक ने कहा, "अभ्यास के दौरान मेरा फोकस बहुत स्पष्ट था। युवी पाजी ने तीन या चार साल पहले ये सभी बातें मेरे दिमाग में डाल दी थीं।"
उन्होंने कहा, "युवी पाजी मुझ पर विश्वास करते हैं और जब युवराज सिंह जैसा कोई व्यक्ति आपसे कहता है कि आप देश की तरफ से खेलोगे और आप भारत के लिए मैच विजेता बनोगे तो जाहिर तौर पर आप यह सोचने की कोशिश करते हैं कि ठीक है मैं देश के लिए खेलूंगा और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा।"
वसीम जाफर का भी अहम रोल
इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा, युवी पाजी और पंजाब के कोच वसीम जाफर ने मेरे क्रिकेट करियर में अहम भूमिका निभाई है और उम्मीद है कि वे ऐसा करना जारी रखेंगे। लेकिन जैसा कि मैंने पहले कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं वह उनकी (युवराज) वजह से हूं।"
एक युवा क्रिकेटर में आत्म-संदेह और असुरक्षा की भावना होना स्वाभाविक है, लेकिन अभिषेक की सफलता की कहानी बताती है कि भारतीय टीम प्रबंधन और उनके अन्य शुभचिंतकों का उन पर भरोसा बनाए रखने से भी उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मदद मिली। अभिषेक ने कहा, वह युवराज ऐसे व्यक्ति हैं जो हमेशा मेरी मदद के लिए तैयार रहते हैं। मैंने हमेशा उनकी सलाह पर अमल किया है क्योंकि वह इस खेल के बारे में मुझसे बेहतर जानते हैं। इसलिए मैंने हमेशा उन पर विश्वास किया है।"
टीम प्रबंधन ने दी छूट
अभिषेक ने कहा कि टीम प्रबंधन ने उन्हें हर संभव प्रयास करने और असफलताओं की चिंता न करने का जो आत्मविश्वास दिया है, उससे भी मदद मिलती है। अभिषेक से जब युवराज के एक ओवर में छह छक्कों का रिकॉर्ड तोड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि निकट भविष्य में यह रिकॉर्ड तोड़ा जा सकता है। मैं नहीं जानता कि कोई यह रिकॉर्ड तोड़ पाएगा या नहीं। मैंने युवी पाजी से भी पूछा था और कि वह भी एक ओवर में छह छक्के लगाने की सोच के साथ मैदान पर नहीं उतरे थे लेकिन जब आप एक निश्चित मानसिकता के साथ खेलते हैं तो ऐसा हो जाता है।"
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