Netra AI App: अब मात्र 5 -10 रुपए में हो जाएगी आंखों की जांच, IIT छात्रों ने तैयार किया नेत्र एआइ ऐप
रायपुर के तीन निजी नेत्र चिकित्सालयों में 500 मरीजों पर इस एप का परीक्षण सफल रहा है। नेत्र एआइ एप से मरीजों की जांच बहुत आसान हो गई है जांच का खर्च भी पांच से दस रुपए तक आएगा। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के साथ विकसित किया गया है।

रायपुर, जागरण आनलाइन डेस्क। आइआइटी भिलाई के छात्रों ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है जो कुछ ही सेकेंड में आंखों की बीमारियों का पता लगा सकता है और उनकी रिपोर्ट कर सकता है। शोधकर्ताओं ने इसे नेत्र एआइ ऐप नाम दिया है। आइ एआइ ऐप के माध्यम से नेत्रों के रोग जैसे मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी आदि का 99 प्रतिशत तक सटीक पता लगाया जा सकता है।
रायपुर के तीन निजी नेत्र चिकित्सालयों में 500 मरीजों पर इस एप का परीक्षण सफल रहा है। एप में मरीजों का डाटा भी सेव किया जा सकता है। अब शोधकर्ता इस ऐप को पेटेंट कराने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं लेकिन आइआइअी छात्रों और इस ऐप का परीक्षण करने वाले डाक्टरों के बीच कुछ आपसी विवाद के कारण मामला अटक गया।
जांच का खर्च भी पांच से दस रुपए तक
शोधकर्ताओं ने रायपुर एम्स को आइ एआइ ऐप भी उपलब्ध कराया है। इस समय एक एप बनाने में करीब 50 हजार रुपए खर्च किए जा रहे हैं। नेत्र विकारों की जांच के लिए आने वाले उपकरण 10 लाख रुपए की कीमत में उपलब्ध हैं। नेत्रा एआइ एप से मरीजों की जांच बहुत आसान हो गई है, जांच का खर्च भी पांच से दस रुपए तक आ जाएगा।
आइआइटी भिलाई के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर गगन राज गुप्ता के निर्देशन में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र मधुर भट्टर, कंप्यूटर साइंस के छात्र प्रांशुल सक्सेना और हर्षित जाजोधिया ने यह एप तैयार किया है।
ऐसे काम करता है एआइ एप
नेत्र एआइ ऐप को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के साथ विकसित किया गया है। यह ऐप लेंस, फंडस कैमरा के सपोर्ट से आपरेट होता है। ऐप में हम नाम, उम्र की जानकारी डालते हैं कि कौन सा आइ टेस्ट करना है। फिर डिवाइस को आंखों के पास लाकर स्क्रीनिंग होती है।
जैसे ही स्क्रीन की जांच की जाती है, यह डिवाइस आंख की बीमारी का विश्लेषण करती है। चंद सेकेंड में रिपोर्ट आ जाती है। साधारण प्रशिक्षण के लेने के बाद कोई भी इसका उपयोग कर सकता है।
नेत्र एआइ ऐप आंखों की बीमारियों के बारे में सही जानकारी देता है। इससे इलाज करना बेहद आसान हो जाएगा। फिलहाल इसे मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी के लिए तैयार किया गया है। अन्य नेत्र रोगों को इसके दायरे में लाने के लिए शोध जारी है।
-गगन राज गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर, आइआइटी भिलाई
IIT छात्रों द्वारा विकसित नेत्र एआइ ऐप जांच में उपयोगी साबित होगा। इस ऐप से बेहद आसानी से जांच की जा सकती है। यह मरीजों के लिए काफी लाभकारी रहेगा।
डॉ. सुभाष मिश्रा, राज्य नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय दृष्टिहीनता निवारण अभियान
यह भी पढ़ें-
Chhattisgarh Weather Update: सर्द हवाओं ने बढ़ायी ठंड, रायपुर में सामान्य से नीचे गिरा पारा
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।