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    क्या है RBI की ECL गाइडलाइन जिसकी वजह से लड़खड़ाए PSU बैंको के शेयर, 3 फीसदी से ज्यादा की हुई थी गिरावट

    By Gaurav KumarEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Thu, 11 May 2023 03:22 PM (IST)

    बैंकों के शेयरों में पिछले कुछ दिनों से लगातार गिरावट जारी है। बुधवार को बाजार बंद होने के बाद पीएसयू बैंक के शेयरों में 2 फीसदी से अधिक की गिरावट हुई थी। मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक इस फैसले का असर केनरा बैंक और पीएनबी पर अधिक हो सकता है।

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    Due to this decision of RBI, the shares of banks are falling.

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: पिछले कुछ दिनों से बैंकों के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। कल बाजार होने के बाद निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में 2 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई थी। बैंक ऑफ बड़ौदा को छोड़कर, अन्य सभी पीएसयू बैंक स्टॉक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और इंडियन बैंक की अगुवाई में 3 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ समाप्त हुए थे।

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    इसके अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक जैसे अन्य बैंक भी कल दिन के कारोबार के दौरान 1 से 2 फीसदी से अधिक गिर थे। तो आखिरकार बैंकों के शेयर गिरने का क्या कारण है, आज हम आपको इसे के बारें में बाताएंगे।

    RBI के इस फैसले से गिरावट

    वर्ष की शुरुआत से पीएसयू शेयरों में गिरावट के अन्य कारणों में से एक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बैंकों द्वारा प्रावधान के लिए अपेक्षित क्रेडिट लॉस (ECL) ढांचे का प्रस्ताव है।

    अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने यह अनुमान लगाया है कि मोटे तौर पर ECL दिशानिर्देशों के संभावित प्रभाव लोन पर 1 प्रतिशत से 2.5 प्रतिशत के बीच होगा। वहीं नेट वर्थ के लिहाज से इस का इम्पेक्ट बैंकों पर 5 से 20 प्रतिशत के बीच हो सकता है।

    मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक इस फैसले का असर केनरा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक पर अधिक हो सकता है वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया को उनकी मजबूत बैलेंस शीट के कारण इस फैसले का असर कम होने की संभावना है।

    आरबीआई ने जारी किया था ये निर्देश

    केंद्रीय बैंक ने जनवरी में एक चर्चा पत्र जारी किया था जिसमें एनबीएफसी के लिए बैंकों की प्रावधान आवश्यकताओं को बराबर लाने का प्रस्ताव था। इस प्रस्ताव के मुताबिक एक्सपेक्टेड क्रेडिट लॉस दृष्टिकोण के तहत हानि नुकसान का अनुमान लगाने की आवश्यकता सभी लोनऔर एडवांस पर लागू होगी।

    क्या है ECL ?

    एक्सपेक्टेड क्रेडिट लॉस (ECL) वित्तीय साधन के अपेक्षित जीवन पर क्रेडिट हानियों (यानी, सभी नकदी की कमी का वर्तमान मूल्य) का संभाव्यता-भारित का अनुमान होता है। आसान भाषा में कहें तो कंपनियों को यह देखना जरूरी होता है कि वर्तमान और भविष्य की आर्थिक स्थिति नुकसान की मात्रा को कैसे प्रभावित करती है।

    ECL को या तो व्यक्तिगत जोखिम स्तर या सामूहिक पोर्टफोलियो स्तर (साझा ऋण जोखिम विशेषताओं के आधार पर समूहीकृत जोखिम) पर मापा जा सकता है।