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    Loan Apps: चीनी लोन ऐप्स पर प्रतिबंध के बाद अब NBFC पर लगाम कसने की तैयारी, RBI ने तैयार की लिस्ट

    By Sonali SinghEdited By: Sonali Singh
    Updated: Wed, 08 Feb 2023 04:25 PM (IST)

    Chinese Loan Apps चीनी लोन ऐप को बंद करने के बाद अब RBI ने मंत्रालय को NBFC के साथ रजिस्टर्ड ऐप्स की एक लिस्ट दी है। इस लिस्ट के आधार पर इस तरह के ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। (जागरण फोटो)

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    RBI Has Prepared List Of NBFCs To Imposed Ban

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हफ्ते की शुरुआत में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने लोन ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिनमें कुल 94 ऐप्स का परिचालन भारत में बंद किया गया था। इनमें मुख्य रूप से चीन से जुड़ी संस्थाएं शामिल थीं। वहीं, इसमें कुछ भारतीय ऐप कंपनियां भी थीं।

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    सरकार के इस कदम के बाद अब दूसरा रुख गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (NBFC) के लिए है। RBI ने मंत्रालय को एनबीएफसी के साथ काम करने वाले ऐप्स की एक सूची दी है, जिसके आधार पर इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

    फर्जी ऐप्स पर लग सकता प्रतिबंध

    RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि आरबीआई ने उन ऐप्स की लिस्ट मांगी है, जिनके साथ रजिस्टर्ड एनबीएफसी काम करते हैं। हाल के दिनों में कई अवैध ऐप सामने आए हैं, जिन्हें किसी एनबीएफसी ने नियुक्त नहीं किया है। ऐसे ऐप्स मोबाइल पर संदेश भेजकर उधार देने का वादा करते हैं। इन ऐप्स के लिस्ट के आधार पर आने वाले दिनों में सरकार कड़े कदम उठाएगी।

    हट सकता प्ले स्टोर से

    RBI के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा कि आरबीआई ने केवल रजिस्टर्ड संस्थाओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले ऐप की लिस्ट को साझा किया है औ किसी भी डिजिटल लेंडिंग ऐप पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव नहीं दिया है। इसका अंतिम फैसला मंत्रालय खुद लेगी। वहीं, मंत्रालय ने प्ले स्टोर से इन ऐप्स को हटाने का अनुरोध किया है।

    हट चुके हैं 94 ऐप्स

    इस लिस्ट के आने से पहले मंत्रालय 94 लोन ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगा चुकी है। इन सभी ऐप्स के बारे में रिपोर्ट आई थी कि ये अनुचित शर्तों के साथ फर्जी लोन देने का वादा कर रहे हैं। इनमें 'बाय नाउ पे लेटर' ( BNPL) श्रेणी में लेज़ीपे (LazyPay) और किश्त (Kissht) जैसे ऐप्स शामिल हैं।

    इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY)  ने आईटी अधिनियम, 2000 के तहत कंपनियों को एक नोटिस भेजा था, इसके बाद फिनटेक प्लेटफॉर्म PayU की बाय-नाउ-पे-लेटर सर्विस LazyPay की वेबसाइट को हटा दिया गया। 

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