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    LIC Share in Adani Group: एलआईसी के पास अडानी समूह में 1 फीसद से भी कम हिस्सेदारी, सुरक्षित हैं सभी निवेश

    By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth Priyadarshi
    Updated: Tue, 07 Feb 2023 07:44 PM (IST)

    LIC Share in Adani Group सरकार ने मंगलवार को बताया कि सरकार के स्वामित्व वाले भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास अडानी समूह में इक्विटी और ऋण दोनों में 1% से कम हिस्सेदारी है। (जागरण फाइल फोटो)

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    LIC holds less than 1 percent stake in equity and debt in Adani Group

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। विपक्षी दलों द्वारा भारतीय स्टेट बैंक और एलआईसी के अडानी समूह को दिए गए कर्ज को लेकर लगाए जाने वाले आरोपों को देखते हुए सरकार ने संसद में बयान जारी कर इसकी सफाई दी है। जनवरी में अमेरिकी शार्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह को अपनी सूचीबद्ध फर्मों के शेयर की कीमतों में गिरावट का सामना करना पड़ा।

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    बता दें कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में स्टॉक में हेरफेर और अकाउंटिंग में धोखाधड़ी का आरोप लगाया है और इसके चलते बार-बार सदन की कार्रवाई में बाधा पहुंची है। विपक्षी दलों ने आरोपों की जांच की मांग करते हुए सदन की कार्यवाही बाधित की है।

    कितना है एलआईसी का हिस्सा

    मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि अडानी समूह की कंपनियों के तहत इक्विटी का कुल खरीद मूल्य 30,127 करोड़ था। उन्होंने कहा कि 27 जनवरी को बाजार बंद होने के समय एलआईसी का बाजार मूल्य 56,142 करोड़ था। अडानी समूह में एलआईसी का एक्सपोजर, बुक वैल्यू पर एलआईसी के कुल एयूएम का सिर्फ 0.975 फीसद है।

    सुरक्षित हैं सभी निवेश

    कराड ने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य सुशील कुमार मोदी के अडानी समूह में एलआईसी की हिस्सेदारी के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। कराड ने कहा कि एलआईसी ने पुष्टि की है कि उसके निवेश के बारे में अधिकतर जानकारी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। कराड ने कहा कि एलआईसी के सभी निवेश बीमा अधिनियम, 1938 और आईआरडीए निवेश विनियम, 2016 के वैधानिक ढांचे के अनुसार सख्ती से किए जाते हैं और एक सटीक व्यवस्था द्वारा निर्देशित होते हैं।

    कांग्रेस और उसके कुछ सहयोगियों ने अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की संसदीय पैनल जांच की मांग की है, जबकि अडानी समूह ने उन्हें खारिज कर दिया है। समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को 'भारत और उसके स्वतंत्र संस्थानों पर हमला' कहा है।

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