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रेलवे की ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम है वेटिंग लिस्ट वालों के लिए खास, जानें इससे जुड़ी बड़ी बातें

रेलवे की ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम का फायदा न सिर्फ वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को मिलता है बल्कि रेलवे को भी होता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 07 Aug 2018 09:59 PM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 02:36 PM (IST)
रेलवे की ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम है वेटिंग लिस्ट वालों के लिए खास, जानें इससे जुड़ी बड़ी बातें
रेलवे की ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम है वेटिंग लिस्ट वालों के लिए खास, जानें इससे जुड़ी बड़ी बातें

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन) ऑनलाइन टिकट में ऑटो ‘क्लास अपग्रेडेशन’ विकल्प को उपलब्ध करवाती है। आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट irctc.co.in के मुताबिक इस ऑफर के अंतर्गत इंडियन रेलवे वेटिंग लिस्ट वाले ऐसे रेल यात्रियों को जिन्होंने टिकट का पूरा किराया चुकाया है, उनकी टिकट को उच्चतम श्रेणी में अपग्रेड करवाने की सुविधा देती है।

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हालांकि इस सुविधा का फायदा न सिर्फ वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को मिलता है बल्कि इससे रेलवे को भी फायदा होता है क्योंकि इससे तमाम वैकल्पिक ट्रेनों की उच्चतम श्रेणी में खाली पड़ी उनकी सीटें भी भर जाती हैं। वहीं इस सुविधा का फायदा सिर्फ उन्हें मिलता है जिन्होंने टिकट का पूरा किराया चुकाया होता है। आईआरसीटीसी के मुताबिक कन्सेशन टिकट/ फ्री पास होल्डर जिसमें रियायत पर यात्रा करने वाले सीनियर सिटीजन भी शामिल होते हैं को अपने टिकट को अपग्रेड कराने की सुविधा का लाभ नहीं मिलता है।

IRCTC की ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम से जुड़ी 10 बड़ी बातें:

  • चार्ट तैयार करने के दौरान पीआरएस (यात्री आरक्षण प्रणाली) की ओर से ऑटोमेटिकली अपग्रेडेशन कर दिया जाता है। ट्रेन कंडक्टर और टिकट एग्जामनर के पास किसी भी यात्री के टिकट को किसी ट्रेन में अपग्रेड करने का कोई अधिकार नहीं होता है।
  • अगर यात्री ने, जिसकी टिकट को अपग्रेड किया जा चुका है और उसने अपनी टिकट को कैंसिल कर दिया है, तो उसे ओरिजनल क्लास के लिए सिर्फ कैंसिलेशन चार्ज का भुगतान करना होता है।
  • आईआरसीटीसी के मुताबिक टिकट पर अपग्रेडेशन एक क्लास ऊपर की श्रेणी में ही किया जाता है। उदाहरण के तौर पर स्लीपर से थर्ड एसी, थर्ड एसी से सेकेंड एसी और सेकेंड एसी से फर्स्ट एसी।
  • इस स्कीम के तहत कन्फर्म सीट की सुविधा सिर्फ वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को ही दी जाती है। ट्रेन की बाकी बची हुई सीटों को बुकिंग के लिए करेंट काउंटर में शिफ्ट कर दिया जाता है। ऐसे में अगर ट्रेन मे कोई वेटिंग लिस्ट नहीं होती है तो अपग्रेडेशन नहीं किया जाता है।
  • कन्फर्म पैसेंजर की बर्थ जिसे उच्च श्रेणी में अपग्रेड किया जा चुका है उसे उस श्रेणी के आरएसी (रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन/वेटिंग लिस्ट) वाले यात्रियों को अलॉट कर दिया जाता है। इसके बाद भी अगर कुछ सीटें खाली रह जाती हैं तो निचली श्रेणी के कन्फर्म यात्रियों को उसका अलॉटमेंट कर दिया जाता है।
  • एक पीएनआर से सभी यात्रियों (अधिकतम 6) को एक साथ अपग्रेड किया जा सकता है।
  • यात्रियों से उनसे बिना पूछे उनकी टिकट को अपग्रेड कर दिया जाता है। स्लीपर को एसी कोच में, केबिन बर्थ को साइड बर्थ में, लोअर बर्थ को अपर बर्थ में, केबिन लेवल के अकोमडेशनन को कोच लेवल कॉम्पैक्ट अकोमडेशन। हालांकि अगर यात्री फॉर्म भरने के दौरान ऑप्शन फॉर अपगेड्रेशन में ‘नो’ का चुनाव करता है तो उसके पीएनआर को पीआरएस की ओर से अपग्रेडेशन के लिए कंसीडर नहीं किया जाता है।

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