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रेल यात्री कृपया ध्यान दें, टिकट रिजर्वेशन से जुड़े ये 10 नियम आपको मालूम होने चाहिए

अगर आप रेलवे में अक्सर सफर करते हैं तो आपको ट्रेन रिजर्वेशन से जुड़े ये आम नियम पता होने चाहिए

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 03 Jul 2018 08:11 AM (IST)Updated: Sun, 08 Jul 2018 10:29 AM (IST)
रेल यात्री कृपया ध्यान दें, टिकट रिजर्वेशन से जुड़े ये 10 नियम आपको मालूम होने चाहिए
रेल यात्री कृपया ध्यान दें, टिकट रिजर्वेशन से जुड़े ये 10 नियम आपको मालूम होने चाहिए

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। हर रोज करीब 2 करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाली इंडियन रेलवे अपने ऑनलाइन टिकट प्लेटफॉर्म आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन) के जरिए टिकट का रिजर्वेशन करवाने की सुविधा उपलब्ध करवाती है। इसके अलावा आप ऑफलाइन माध्यम से रेलवे रिजर्वेशन ऑफिस और अधिकृत ट्रैवल एजेंसी से भी इसकी बुकिंग करवा सकते हैं।

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इंडियन रेलवे प्रशासन सीट, बर्थ, कंपार्टमेंट और कैरिज को नियम के मुताबिक रिजर्व करती है। एडवांस रिजर्वेशन आमतौर पर 120 दिन पहले (सभी श्रेणियों और सभी ट्रेनों के लिए) किया जाता है। हम अपनी इस खबर में रेलवे रिजर्वेशन से जुड़े ऐसे 10 नियम बता रहे हैं जो आपको हर हाल में मालूम होने चाहिए। जान लीजिए ये नियम..

  • इंडियन रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट (indianrail.gov.in) में दर्ज जानकारी के मुताबिक एक व्यक्ति एक बार में सिर्फ 6 टिकट ही बुक करा सकता है।
  • हर कोई यात्री किसी श्रेणी में किसी यात्रा के लिए पीएनआर बुक करवाता है तो उसे यात्रा के दौरान अपनी पहचान का कोई एक प्रूफ देना होता है। यह आधार कार्ड या वोटर आईकार्ड (ओरिजनल) हो सकता है। इसके बिना माना जाएगा कि यात्री बिना टिकट सफर कर रहा है और उसी के हिसाब से उससे शुल्क वसूला जाएगा।
  • एक बार में एक व्यक्ति की ओर से सिर्फ एक रिजर्वेशन फॉर्म ही स्वीकार किया जाएगा, हालांकि अगर रिटर्न जर्नी भी यात्रा का हिस्सा है तो यात्री दो से तीन फॉर्म का इस्तेमाल कर सकता है।
  • जरूरी यात्रा टिकट की खरीद के बिना आपके एकोमडेशन को रिजर्व नहीं किया जा सकता है। प्रोविजनल आधार पर आपके एकोमडेशन का रिजर्वेशन नहीं किया जा सकता है।
  • जब बर्थ एक यात्री के लिए रिजर्व होती है, तो इसका मकसद यह होता है कि उसे सोने के लिए रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक स्थान उपलब्ध करवाया जाए।
  • टिकट पर ट्रेन के डिपार्चर का समय लिखा होता है जो कि यात्री के लिए एक संकेतक होता है। रेलवे यात्रियों को तय समय पर अपनी यात्रा के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचना चाहिए। यात्रियों को यात्रा के दिन रेलवे स्टेशन से सही समय का पता लगाना चाहिए। इस तरह के टिकट 120 दिन पहले एडवांस में छापे जाते हैं।
  • वो यात्री जिनकी टिकट आरएसी (रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन) श्रेणी की है उन्हें शुरुआती तौर पर बैठने भर के लिए सीट उपलब्ध करवाई जाती है और बाद में स्थान मिलने पर उन्हें बर्थ भी उपलब्ध करवाई जा सकती है। यह उस सूरत में होता है जब काफी सारे यात्री अंतिम मिनटों में अपनी टिकट कैंसिल कराते हैं या फिर यात्री समय पर स्टेशन नहीं पहुंचते हैं।
  • रिजर्वेशन काउंटर पर रिजर्वेशन का आवेदन ट्रेन के डिपार्चर (प्रस्थान) के 4 घंटे पहले तक स्वीकार किए जाते हैं, इसके बाद यह सुविधा नहीं मिलती है। इसके बाद, निर्धारित प्रस्थान से एक घंटे पहले स्टेशनों पर मौजूदा काउंटरों पर रिजर्वेशन कराया जा सकता है।
  • अगर किसी यात्री के लिए कोई सीट या बर्थ आरक्षित है तो वो यात्रा के 10 मिनट पहले तक किसी को नहीं दी जाती (यात्री के न पहुंचने की सूरत में)। रेलव प्रशासन इस पर रिजर्वेशन कैंसिल कर यह सीट या बर्थ उस यात्री को दे सकता है जिसकी टिकट आरएसी या वेटिंग लिस्ट वाली है।
  • जिस रेल यात्री को कन्फर्म रिजर्वेशन मिलता है या तो टिकट बुकिंग के दौरान ही उसे कोच या बर्थ अलॉट हो जाती है जिसका जिक्र उसकी टिकट में होता है।

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