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टैक्स बचाना चाहते हैं आप, तो ये 10 विकल्प आ सकते हैं आपके काम

म्युचुअल फंड ईएलएसएस 3 वर्ष के लॉक इन पीरियड के साथ आते हैं। इसमें आकर्षक रिटर्न भी मिलता है। टैक्स सेविंग विकल्पों में भी यह काफी पॉपुलर है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 03:38 PM (IST)Updated: Tue, 26 Feb 2019 03:56 PM (IST)
टैक्स बचाना चाहते हैं आप, तो ये 10 विकल्प आ सकते हैं आपके काम
टैक्स बचाना चाहते हैं आप, तो ये 10 विकल्प आ सकते हैं आपके काम

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। किसी ऐसे निवेश विकल्प का चुनाव करना सबसे मुश्किल काम होता है जो कि आपकी टैक्स बचत से जुड़ी जरूरतों को पूरा कर सके। क्योंकि हर निवेश विकल्प के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। जहां तक नौकरीपेशा लोगों की बात है म्युचुअल फंड इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), सुकन्या समृद्धि अकाउंट, टैक्स सेविंग बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी), सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (एससीएसएस) और नेशनल पेंशन स्कीम ऐसे ही कुछ विकल्प हैं जिनका इस्तेमाल टैक्स सेविंग के लिए किया जाता है।

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जानिए टैक्स सेविंग निवेश विकल्पों के बारे में:

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम: म्युचुअल फंड ईएलएसएस 3 वर्ष के लॉक इन पीरियड के साथ आते हैं। इसमें आकर्षक रिटर्न भी मिलता है। टैक्स सेविंग विकल्पों में ईएलएसएस सबसे ज्यादा पॉपुलर विकल्प माना जाता है। वर्ष 2018 के आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इक्विटी और इक्विटी लिंक्ड म्युचुअल फंड के 1 लाख से ज्यादा के कैपिटल गेन पर 10 फीसद के एलटीसीजी टैक्स की घोषणा की थी। ईएलएसएस ने बीते तीन वर्षों के दौरान औसतन 9.78 फीसद का रिटर्न दिया है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ): वर्ष 2019 की जनवरी-मार्च तिमाही के लिए पीपीएफ पर ब्याज दर 8 फीसद की है। पीपीएप में निवेश का सबसे बड़ा आकर्षण इसका ईईई कैटेगरी में शामिल होना है। यानी इसमें निवेश, निवेश पर ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर टैक्स नहीं देना होता है। आयकर की धारा 80C इसमें निवेश पर आप टैक्स छूट का क्लेम कर सकते हैं।

नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस): आयकर की धारा 80C के अंतर्गत मिलने वाली 1.50 लाख रुपये तक की सालाना छूट के अलावा एनपीएस के माध्यम से भी आप एक वित्त वर्ष के दौरान 50,000 रुपये तक की टैक्स कटौती का फायदा ले सकते हैं। यह छूट आयकर की धारा 80CCD (1b) के अंतर्गत मिलती है। यह तभी संभव होता है जब आपका नियोक्ता आपके वेतन का 10 फीसद हिस्सा एनपीएस में ट्रांसफर करता है। एनपीएस पर मिलने वाली ब्याज दर बीते 5 वर्षों से 10.84 फीसद बनी हुई है।

सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS): जनवरी-मार्च तिमाही (2019) के लिए सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम पर मिलने वाली ब्याज दर 8.7 फीसद निर्धारित है। यह योजना 5 वर्षों के लॉक इन पीरियड के साथ आती है। हालांकि इसमें तीन अतिरिक्त वर्षों का विस्तार लिया जा सकता है। 60 वर्ष के लोग इस योजना का हिस्सा हो सकते हैं। वहीं ऐसे लोग जिन्होंने 58 वर्ष की आयु के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है वो भी इस योजना का हिस्सा बन सकते हैं।

टैक्स सेविंग एफडी: अधिकांश वाणिज्यिक बैंक टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट की सुविधा देते हैं। ये सेवा भी 5 वर्ष के लॉक इन पीरियड के साथ आती है। वर्तमान में टैक्स सेविंग एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर 7.5 फीसद से लेकर 8.25 फीसद तक है।

सुकन्या समृद्धि अकाउंट: सुकन्या समृद्धि अकाउंट बच्चियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिहाज से एक खास स्कीम है। माता पिता अपनी बच्चियों के नाम से यह खाता खुलवा सकते हैं। इस खाते में वो 1000 रुपये का न्यूनतम और 1.5 लाख रुपये सालाना का अधिकतम निवेश कर सकते हैं। वर्तमान में इस खाते पर मिलने वाली ब्याज दर 8.7 फीसद है।

यूलिप: बीते पांच वर्षों की अगर बात करें तो यूलिप पर मिलने वाली ब्याज दर 8 से 14 फीसद रही है। यूलिप काफी हद तक पारंपरिक बीमा योजना के समान है। इंश्योरेंस के अलावा यह निवेश संबंधी फायदे भी उपलब्ध करवाती है।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी): वर्ष 2019 की जनवरी मार्च तिमाही के लिए नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर मिलने वाली ब्याज दर 8 फीसद की है। निवेशक इस पर अर्जित हुए ब्याज पर टैक्स फायदे और आयकर की धारा 80C के अंतर्गत टैक्स कटौती क्लेम कर सकते हैं।

पेंशन प्लान्स: अगर बीते पांच वर्षों की बात करें तो पेंशन प्लान्स पर मिलने वाली ब्याज दर 8 से 10 फीसद रही है।

इंश्योरेंस स्कीम: अधिकांश इंश्योरेंस पॉलिसी पर मिलने वाली ब्याज दर 20 वर्ष की योजना के लिए अमूमन 5 फीसद होती है।

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