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    फार्मा, चमड़ा और फुटवियर जैसे क्षेत्रों में घटा भारत का निर्यात, इन सेक्टरों में हुई वृद्धि

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Sat, 27 May 2023 11:32 AM (IST)

    India Export Data भारत के इलेक्ट्रानिक्स मशीनरी पेट्रोलियम और आटो पा‌र्ट्स जैसे उत्पादों के निर्यात में इजाफा देखा गया है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव ने कहा हिस्सेदारी कम होने की बड़ी वजह उत्पादों का गुणवत्तायुक्त नहीं होना है। (जागरण - फाइल फोटो)

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    India exports declined in sectors like pharma leather and footwear

    नई दिल्ली, जेएनएन: वर्ष 2015 की तुलना में 2022 में फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और आभूषण, चमड़ा व फुटवियर जैसे क्षेत्रों में भारत का निर्यात घटा है। इसका आशय यह है कि इन क्षेत्रों में उसका वैश्विक व्यापार घटा है। हालांकि इसी अवधि के दौरान इलेक्ट्रानिक्स, मशीनरी, पेट्रोलियम, आटो पा‌र्ट्स, लोहा व इस्पात और एल्युमिनियम जैसे उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है।

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    क्यों घटा भारत का निर्यात?

    ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआइ) के सह संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि परिधान, लेदर, फुटवियर और सी फूड जैसे क्षेत्रों के वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी कम हो रही है। खास बात यह है कि हिस्सेदारी कम होने की बड़ी वजह इन उत्पादों का मूल्य नहीं बल्कि गुणवत्ता है।

    किन क्षेत्रों में बढ़ रहा भारत का निर्यात?

    रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक व्यापार के जिन प्रमुख क्षेत्रों में हिस्सेदारी बढ़ी है, वे हैं इलेक्ट्रानिक्स, दूरसंचार, मोबाइल फोन, बिजली के उपकरण और मशीनरी हैं। ये उत्पाद विश्व व्यापार में पर्याप्त महत्व रखते हैं और इनका कुल बाजार मूल्य 6 ट्रिलियन डालर से अधिक है।

    जीटीआरआइ ने कहा कि इन क्षेत्रों में भारत की हिस्सेदारी कम है, लेकिन धीरे-धीरे बढ़ रही है। 2022 में वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 1.8 प्रतिशत थी। हालांकि, मशीनरी और इलेक्ट्रानिक्स में उसकी हिस्सेदारी 2015 में क्रमश: 0.75 प्रतिशत और 0.4 प्रतिशत थी। सात वर्षों के दौरान इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।

    रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गुणवत्ता का मुद्दा सिर्फ फार्मास्यूटिकल्स तक ही सीमित नहीं है बल्कि झींगा और झींगे जैसे जलीय कृषि उत्पादों का निर्यात गुणवत्ता के चलते प्रभावित हो रहा है। झींगे में साल्मोनेला (एक प्रकार का बैक्टीरिया) की मौजूदगी के कारण कई देश इन उत्पादों को अस्वीकार कर देते हैं। गुणवत्ता के मुद्दे ने भारतीय चाय के निर्यात को भी प्रभावित किया है। जिन देशों को चाय निर्यात होती है, उन देशों का कहना है कि इसमें कीटनाशकों की सीमा अनुमेय सीमा से अधिक है।