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    इलेक्ट्रॉनिक व एप इकोनॉमी बनने की ओर भारत अग्रसर, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा का हो रहा है अधिक निर्यात

    By Jagran NewsEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Thu, 20 Apr 2023 10:46 PM (IST)

    इलेक्ट्रॉनिक आइटम के निर्माण को लेकर भारत के प्रति दुनिया की बड़ी कंपनियों के रुझान से अब यह साफ हो गया है कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स व एप इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है। आंकड़ों से पता चलता है कि इलेक्ट्रॉनिक आइटम निर्यात का सबसे बड़ा खिलाड़ी बनता जा रहा है।

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    इलेक्ट्रॉनिक व एप इकोनॉमी बनने की ओर भारत अग्रसर। फाइल फोटो।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक आइटम के निर्माण को लेकर भारत के प्रति दुनिया की बड़ी कंपनियों के रुझान से अब यह साफ हो गया है कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स व एप इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है। मात्र दो साल में इलेक्ट्रॉनिक आइटम के निर्यात में आने वाली तेजी भी कुछ ऐसी ही कहानी बयां कर रही है।

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    भारत में मुंबई व दिल्ली में एप्पल के स्टोर लांच के मौके पर कंपनी के सीईओ टीम कुक ने कहा कि वह भारत में अपने कारोबार को बढ़ाने के साथ देश भर में निवेश के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले सप्ताह जेपी मार्गेन की तरफ से प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2025 तक एप्पल उत्पादों का एक चौथाई उत्पादन चीन से बाहर होने लगेगा, जबकि अभी एप्पल उत्पादों का सिर्फ पांच फीसद उत्पाद चीन से बाहर होता है।

    रिपोर्ट के मुताबिक एप्पल के इस फैसले का लाभ भारत व वियतनाम को मिलेगा। जाहिर है भारत में अभी एप्पल का सफर बाकी है। वर्ष 2022-23 के निर्यात आंकड़ों से पता चलता है कि इलेक्ट्रॉनिक आइटम कैसे भारत के निर्यात का सबसे बड़ा खिलाड़ी बनता जा रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में इलेक्ट्रॉनिक आइटम के निर्यात में 50.56 फीसद की बढ़ोतरी रही, जबकि रोजगार के लिए महत्वपूर्ण माना जाने वाला गारमेंट के निर्यात में सिर्फ 1.1 फीसद की बढ़ोतरी रही।

    वित्त वर्ष 2021-22 में इलेक्ट्रॉनिक आइटम का निर्यात 15.6 अरब डॉलर का था जो वित्त वर्ष 22-23 में बढ़कर 23.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया। वहीं, वित्त वर्ष 2021-22 में गारमेंट का निर्यात 16 अरब डॉलर का था जो इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम के निर्यात से अधिक था। लेकिन वित्त वर्ष 2022-23 में गारमेंट का निर्यात सिर्फ 16.19 अरब डॉलर तक ही पहुंच पाया।

    इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की खास बात है कि इसके निर्माण से भी बड़ी संख्या में रोजगार निकलते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम के निर्यात की गति अभी और तेज होगी। वर्ष 2025 तक इस निर्यात को 50 अरब डॉलर तक ले जाने की कोशिश की जा रही है। एप्पल जैसी कंपनी के भारत में मैन्यूफैक्चरिंग शुरू करने से इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग का पूरा माहौल बदलने जा रहा है क्योंकि बड़ी कंपनियों के साथ उनकी सप्लाई चेन से जुड़ी कंपनियां भी आती हैं।

    दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि भारत में फोन निर्माण में जुटी चीन की कंपनियों पर भी अब निर्यात शुरू करने का दबाव है और वे इस साल पूरी तरह से निर्यात के लिए तैयार भी है। शाओमी से लेकर वीवो तक ने चालू वित्त वर्ष में बड़े पैमाने पर मोबाइल फोन निर्यात की तैयारी कर रही है। प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव की वजह से अगले साल से भारत में ही लैपटाप व अन्य गजेट्स का भी निर्माण शुरू हो जाएगा।

    टेक्नोलॉजी पर जोर होने की वजह से भारत में एप भी बड़ी संख्या में विकसित किए जा रहे हैं और वित्तीय सेक्टर से लेकर शिक्षा तक एप पर निर्भरता बढ़ती जा रही है।