क्यों पिछले 5 साल में हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर ने दिया बचत खाते से भी कम रिटर्न? ये हैं 3 बड़ी वजह
हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL Share Price) का प्रदर्शन पिछले 5 वर्षों में कमजोर रहा है, जबकि सेंसेक्स में अच्छी वृद्धि हुई। कंपनी के राजस्व और लाभ में मामूली वृद्धि हुई है। विश्लेषकों का मानना है कि उपभोक्ताओं की बदलती आदतें और नए ब्रांडों की ओर रुझान HUL की धीमी वृद्धि का कारण हैं। कंपनी अब विकास को पुनर्जीवित करने के लिए नई रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर ने किया 5 सालों में कमजोर प्रदर्शन
नई दिल्ली। एक समय कंज्यूमर शेयरों में बेस्ट मानी जाने वाली कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL Share Price) का परफॉर्मेंस पिछले पांच सालों में बेहतर नहीं रहा है। भारत की सबसे बड़ी फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी ने इस दौरान मुश्किल से 10% रिटर्न दिया है, जबकि इसी समय में सेंसेक्स लगभग दोगुना हो गया है। 10 फीसदी रिटर्न बचत खाते से भी कम है, जिसमें 5 सालों में इससे अधिक रिटर्न मिलता।
यह अंतर इसलिए और भी ज्यादा है, क्योंकि 2000 के दशक के मध्य से 2021 के बीच, HUL मार्केट में सबसे भरोसेमंद वेल्थ क्रिएटर्स में से एक बन गई थी, जिसने इन्वेस्टर्स की वेल्थ को दस गुना बढ़ा दिया था। लेकिन पिछले पांच सालों में ITC और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने शेयरहोल्डर्स को इससे कहीं अधिक अच्छा रिटर्न दिया है, जबकि HUL अपना पुराना रिकॉर्ड नहीं दोहरा पाई।
प्रीमियम वैल्यूएशन पर ट्रेड
देश के सबसे जाने-माने कंज्यूमर स्टॉक पर अब यह सवाल मंडरा रहा है कि क्या यह ऐसे मार्केट में अपनी अहमियत खो रहा है जो इसके ग्रोथ के पुराने इंजन से भी तेजी से बदल रहा है। माना जा रहा है कि HUL की प्रॉब्लम यह नहीं है कि वह खराब परफॉर्म कर रही है, बल्कि प्रॉब्लम यह है कि यह उतनी तेजी से ग्रो नहीं कर रही है, जितना इसका साइज है, क्योंकि इसका शेयर अभी भी प्रीमियम वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा है।
रेवेन्यू और प्रॉफिट में मामूली ग्रोथ
FY25 में, HUL ने 60,680 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया, जो पिछले साल के मुकाबले 2% की मामूली ग्रोथ है। सभी सेगमेंट में प्रॉफिट 13,675 करोड़ रुपये से बढ़कर 14,300 करोड़ रुपये हो गया और ये भी मामूली बढ़ोतरी रही।
दरअसल एक ऐसी कंपनी के लिए जिसकी कमाई बहुत अधिक है और जिसने पहले से ही मजबूत वॉल्यूम ग्रोथ और कैपिटल पर ज्यादा रिटर्न के साथ उन वैल्यूएशन को सही ठहराया है, ग्रोथ की यह रफ्तार धीमी लगती है।
क्यों है धीमी रफ्तार
विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी की धीमी वृद्धि का एक कारण यह है कि भारतीय उपभोक्ता अपनी खरीदारी की आदतों में बदलाव कर रहे हैं। वे अब अधिक सेलेक्टिव हो गए हैं और नए ब्रांड्स की ओर बढ़ रहे हैं। पर्सनल केयर कैटेगरी में, युवा खरीदार नए फॉर्मेट और नए ब्रांड्स की ओर बढ़ रहे हैं, जैसे कि Mamaearth, Plum, और Wow।
ये भी है एक बड़ा कारण
HUL की होर्लिक्स और बूस्ट जैसे पारंपरिक ब्रांड अब उतनी तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं जितनी तेजी से वे पहले बढ़ते थे। कंपनी को अब इन ब्रांडों को फिर से रिवाइव करने के लिए काम करना होगा। हालांकि, होम केयर कैटेगरी में कंपनी की स्थिति मजबूत बनी हुई है, जिसमें सर्फ एक्सेल और रिन जैसे ब्रांड अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
HUL की नई सीईओ प्रिया नायर के नेतृत्व में, कंपनी अब वॉल्यूम-लेड ग्रोथ, शार्पर कंज्यूमर सेगमेंटेशन, और डिजिटल और क्विक-कॉमर्स चैनलों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह अपनी वृद्धि को पुनर्जीवित करे और अपने शेयरधारकों के लिए मूल्य बनाए रखे।

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