शेयर खरीदने पर आपको शेयर के साथ मिलते हैं कंपनी के ये 9 अधिकार, इस बारे कितना जानते हैं आप?
क्या आप जानते हैं कि शेयर खरीदने का मतलब सिर्फ प्रॉफिट कमाना ही नहीं है बल्कि इसके साथ आपको कंपनी में कई कानूनी और अहम अधिकार (shareholder rights) भी मिलते हैं। अक्सर नए निवेशक इन अधिकारों को नजरअंदाज कर देते हैं जबकि ये अधिकार आपको कंपनी की दिशा और फैसलों में हिस्सेदारी का मौका देते हैं। एक शेयरहोल्डर होने के नाते आपके पास पूरे 9 अधिकार होते हैं।

नई दिल्ली| शेयर बाजार में निवेश करने वाले ज्यादातर लोग यह सोचकर शेयर खरीदते हैं कि उनकी कीमत बढ़ेगी और उन्हें अच्छा मुनाफा मिलेगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शेयर खरीदने का मतलब सिर्फ प्रॉफिट कमाना ही नहीं है, बल्कि इसके साथ आपको कंपनी में कई कानूनी और अहम अधिकार (shareholder rights) भी मिलते हैं।
अक्सर नए निवेशक इन अधिकारों को नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि असल में ये अधिकार आपको कंपनी की दिशा और फैसलों में हिस्सेदारी का मौका देते हैं। एक शेयरहोल्डर होने के नाते आपके पास एक-दो नहीं बल्कि पूरे 9 अधिकार होते हैं। लेकिन ये अधिकार होते कौन से हैं, चलिए जानते हैं?
1. डिविडेंड पाने का अधिकार
अगर कंपनी मुनाफा कमाती है और डिविडेंड घोषित करती है, तो उसका हिस्सा शेयरधारकों को मिलता है। यह आपके निवेश पर बोनस की तरह होता है।
2. कंपनी की जानकारी पाने का अधिकार
आपको कंपनी की एनुअल रिपोर्ट, ऑडिटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट, नोटिस और अन्य जरूरी दस्तावेज मिलते हैं। इससे आप जान पाते हैं कि कंपनी कैसे काम कर रही है।
यह भी पढ़ें- Demat vs Trading Account: क्या डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट अलग-अलग होते हैं, दोनों में क्या है अंतर?
3. मीटिंग में शामिल होने का अधिकार
शेयरहोल्डर कंपनी की जनरल मीटिंग (corporate governance) में शामिल होकर अपनी राय रख सकते हैं।
4. ई-वोटिंग और पोस्टल बैलट का अधिकार
कंपनी गवर्नेंस से जुड़े अहम फैसलों में आप वोट डालकर योगदान दे सकते हैं।
5. सवाल पूछने और प्रस्ताव रखने का अधिकार
आप बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से सवाल पूछ सकते हैं, मीटिंग (company meetings) में नए मुद्दे रख सकते हैं और प्रस्ताव पेश कर सकते हैं।
6. अहम फैसलों में वोटिंग का अधिकार
मर्जर-एक्विजिशन, नए डायरेक्टर की नियुक्ति, ऑडिटर बदलना जैसे बड़े फैसलों में आपकी मंजूरी जरूरी होती है।
यह भी पढ़ें- कौन हैं रोचन संकर, जिनके लिए एनवीडिया ने झोंक दिए ₹8000 करोड़? उनकी पूरी टीम ही हायर कर ली!
7. कंपनी के रिकॉर्ड देखने का अधिकार
आपको कंपनी की कानूनी किताबें और स्टैच्यूटरी रिकॉर्ड चेक करने का अधिकार है।
8. शेयर ट्रांसफर करने का अधिकार
कानून के अनुसार आप अपने शेयर किसी और को ट्रांसफर कर सकते हैं।
9. शिकायत करने का अधिकार
अगर कंपनी आपके अधिकारों का उल्लंघन करती है तो आप SEBI के SCORES प्लेटफॉर्म पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
कंपनी के मालिकाना हक के हिस्सेदार होते हैं निवेशक
शेयर मार्केट में पैसा लगाना सिर्फ रिटर्न पाने के लिए नहीं, बल्कि कंपनी की नीतियों और फैसलों में हिस्सा लेने का भी मौका है। इसलिए अगली बार जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदें, तो याद रखिए कि आप सिर्फ निवेशक नहीं बल्कि उस कंपनी के मालिकाना हक के हिस्सेदार भी हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।