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    क्या है ब्लॉकचेन और डिजिटल एसेट्स, देश का युवा कैसे भारत को बना सकता है नई डिजिटल ताकत?

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 07:13 PM (IST)

    ब्लॉकचेन को आप ऐसे समझिए जैसे एक डिजिटल कॉपी वाला नोटबुक जो एक साथ कई कंप्यूटरों पर मौजूद है। जब भी कोई लेन-देन होता है पैसे भेजना या आर्ट खरीदना तो यह नोटबुक में दर्ज होकर लॉक हो जाता है। इसे कोई बदल नहीं सकता। इसलिए यह पारदर्शी और सुरक्षित है। डिजिटल एसेट्स जैसे बिटकॉइन और एथेरियम इसी टेक्नोलॉजी से बने हैं।

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    देश का युवा कैसे भारत को बना सकता है नई डिजिटल ताकत?

    नई दिल्ली| आज की दुनिया टेक्नोलॉजी से बदल रही है और इसमें ब्लॉकचेन और डिजिटल एसेट्स सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं। यह सिर्फ फाइनेंस को नहीं बदल रहे, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण का नया रास्ता खोल रहे हैं। भारत की युवा आबादी, जो दुनिया में सबसे बड़ी और सबसे ऊर्जावान है, के लिए यह सुनहरा मौका है। जरूरी है कि युवा जिम्मेदारी के साथ इन नए साधनों को समझें और इस्तेमाल करें, क्योंकि यह तय करेंगे कि हम अपनी वैल्यू और निवेश को किस तरह मैनेज करेंगे।

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    भारत की डिजिटल क्रांति: सफलता की मिसाल

    पिछले दशक में भारत ने डिजिटल इनक्लूजन का कमाल दिखाया है। आधार, जन धन योजना और यूपीआई जैसी पहल ने पहचान, बैंकिंग और पेमेंट्स को आम आदमी तक पहुंचा दिया। आज लगभग हर युवा भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन, पढ़ाई और बिजनेस के लिए ऑनलाइन इकोसिस्टम का हिस्सा है। अब हम एक नई डिजिटल क्रांति की दहलीज पर खड़े हैं। जहां वैल्यू बनाने, स्टोर करने और एक्सचेंज करने का तरीका ही बदल रहा है।

    2025 की चैनालिसिस ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में भारत लगातार तीसरे साल ऑन-चेन क्रिप्टो एक्टिविटी में पहले स्थान पर रहा। आज देश में 10 करोड़ से ज्यादा डिजिटल एसेट होल्डर्स हैं। युवाओं की टेक-सेवी सोच और उद्यमी माइंडसेट इसे और मज़बूत बना रहे हैं।

    यह भी पढ़ें- ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे बदल रही जिंदगी? सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर शेयर करिए कहानी; मिलेगा ₹7 लाख का रिवॉर्ड!

    ब्लॉकचेन और क्रिप्टो क्या हैं? इसे ऐसे समझें

    ब्लॉकचेन को आप ऐसे समझिए जैसे एक डिजिटल कॉपी वाला नोटबुक, जो एक साथ कई कंप्यूटरों पर मौजूद है। जब भी कोई लेन-देन होता है, पैसे भेजना या आर्ट खरीदना तो यह नोटबुक में दर्ज होकर लॉक हो जाता है। इसे कोई बदल नहीं सकता। इसलिए यह पारदर्शी और सुरक्षित है।

    डिजिटल एसेट्स जैसे बिटकॉइन और एथेरियम इसी टेक्नोलॉजी से बने हैं। इनके जरिए आप बिना देरी और एक्स्ट्रा फीस के वैल्यू भेज या पा सकते हैं। स्टेबलकॉइन डॉलर जैसी करेंसी से जुड़े होते हैं और इन्हें भेजना उतना ही आसान है जितना मैसेज करना। वहीं, NFTs और टोकनाइज्ड एसेट्स डिजिटल ओनरशिप का सबूत हैं, चाहे वह आर्ट हो, गाना हो या जमीन।

    फाइनेंस के अलावा, ब्लॉकचेन भारत की कई समस्याएं सुलझा सकता है। जैसे जमीन का रिकॉर्ड सुरक्षित रखना, सप्लाई चेन में फ्रॉड रोकना, हेल्थ डाटा प्रोटेक्ट करना या एजुकेशन सर्टिफिकेट की आसान वेरिफिकेशन।

    युवाओं के लिए क्यों जरूरी है फाइनेंशियल लिटरेसी?

    सच यह है कि डिजिटल एसेट्स की दुनिया तेजी से बदल रही है। इसमें मौके हैं तो स्कैम और रिस्क भी हैं। इसलिए युवाओं के लिए फाइनेंशियल लिटरेसी सबसे जरूरी है। कैसे डिजिटल एसेट खरीदें, स्टोर करें और ट्रेड करें, रिस्क को कैसे पहचानें और कैसे हाइप से बचें, यह सब जानना जरूरी है। जिम्मेदारी से निवेश करना और डिजिटल एसेट्स को डायवर्स पोर्टफोलियो का हिस्सा मानना समझदारी होगी।

    आगे का रास्ता: जागरूकता ही ताकत है

    ब्लॉकचेन और डिजिटल एसेट्स कोई ट्रेंड नहीं, बल्कि आने वाले फाइनेंशियल सिस्टम का अहम हिस्सा हैं। भारत की कहानी यही बताती है कि इनोवेशन और इनक्लूजन साथ-साथ चल सकते हैं। अगर युवा जिज्ञासा के साथ सीखेंगे और सावधानी के साथ कदम बढ़ाएंगे, तो ब्लॉकचेन सिर्फ एक 'बज़वर्ड' नहीं रहेगा, बल्कि प्रगति का असली टूल बनेगा।

    - लेखकः कुशाल मानुपाटि, रीजनल ग्रोथ हेड, बायनेन्स साउथ एशिया 

    (डिस्क्लेमर: यहां क्रिप्टो को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, क्रिप्टो मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

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