ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे बदल रही जिंदगी? सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर शेयर करिए कहानी; मिलेगा ₹7 लाख का रिवॉर्ड!
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बिनेंस (Binance) ने मंगलवार को एक नया ग्लोबल कैंपेन लॉन्च किया। जिसे नाम दिया- ह्यमन्स ऑफ बिनेंस (Humans of Binance)। इसका मकसद है- असली कहानियों के जरिए दिखाना कि कैसे डिजिटल एसेट्स और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आम लोगों की जिंदगी बदल रही है। इस ग्लोबल कैंपेन में भारत के मोहित मल्होत्रा की कहानी को दिखाया गया है जो अपनी बेटी को पायलट बनाना चाहते हैं।

नई दिल्ली| क्रिप्टो की दुनिया में भारत लगातार चमक रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बिनेंस (Binance) ने मंगलवार को एक नया ग्लोबल कैंपेन लॉन्च किया। जिसे नाम दिया- ह्यमन्स ऑफ बिनेंस (Humans of Binance)।
इसका मकसद है- असली कहानियों के जरिए दिखाना कि कैसे डिजिटल एसेट्स और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आम लोगों की जिंदगी बदल रही है। खास बात यह है कि इस ग्लोबल कैंपेन में भारत की भी मजबूत झलक दिखाई दे रही है।
बिनेंस ने इस सीरीज में अलग-अलग देशों से लोगों की कहानियां शामिल की हैं। इनमें से एक कहानी है भारत के मोहित मल्होत्रा (Mohit Malhotra Binance) की। 42 साल के मोहित पेशे से मार्केटिंग प्रोफेशनल हैं और 2018 से बिनेंस से जुड़े हुए हैं। वे ब्लॉकचेन और डिजिटल एसेट्स को अपने परिवार के बेहतर भविष्य की कुंजी मानते हैं। उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा है अपनी बेटी को पायलट बनाने का सपना पूरा करना।
क्रिप्टो से कैसे बदली जिंदगी?
मोहित बताते हैं कि
"बिनेंस एकेडमी (Binance Academy) जैसी सुविधाओं ने उन्हें ब्लॉकचेन की समझ दी। इससे वे सही फैसले ले पाए और अपने धन को सुरक्षित रखने के लिए नई स्किल्स सीख पाए। क्रिप्टो की मदद से वे न सिर्फ अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर रहे हैं, बल्कि लंबे समय के लिए एक मजबूत नींव भी बना रहे हैं।"
उनकी यह कहानी दिखाती है कि सही जानकारी और टूल्स से कैसे कोई भी अपनी महत्वाकांक्षा को हकीकत में बदल सकता है।
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क्या बोलीं बिनेंस की को-फाउंडर?
बिनेंस की को-फाउंडर यी हे ने कहा कि,
"ह्यूम्स ऑफ बिनेंस सिर्फ एक सीरीज नहीं बल्कि एक मूवमेंट है। यह दिखाता है कि असली लोग, असली कहानियों के साथ डिजिटल एसेट्स के जरिए अपनी जिंदगी कैसे बदल रहे हैं।"
कैंपेन की भारत में अहमियत क्यों?
भारत में इस कैंपेन की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि चैनालिसिस (Chainalysis) की 2025 ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स (Global Crypto Adoption Index) में भारत लगातार नंबर-1 पर है। इसका मतलब है कि भारत में रिटेल और DeFi दोनों स्तरों पर क्रिप्टो का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है।
बिनेंस साउथ एशिया के रीजनल ग्रोथ लीड कुशल मनुपाटी के मुताबिक,
"भारत हमेशा से ग्लोबल क्रिप्टो अडॉप्शन का केंद्र रहा है। मोहित की कहानी करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाओं को दर्शाती है। हमारी कोशिश है कि हम सुरक्षित प्लेटफॉर्म, एजुकेशन और नए अवसर देकर यूजर्स को और सशक्त बनाएं।"
प्रेरणादायक कहानियों को मिलेगा रिवॉर्ड
आने वाले हफ्तों में बिनेंस हर सप्ताह एक नई कहानी पेश करेगा। ये वीडियो बताएंगे कि किस तरह अलग-अलग लोग चुनौतियों का सामना करते हुए क्रिप्टो से नया रास्ता बना रहे हैं। साथ ही बिनेंस ने अपने यूजर्स को भी मौका दिया है कि वे #HumansOfBinance हैशटैग के जरिए अपनी कहानियां शेयर करें। सबसे प्रेरणादायक कहानियों को शॉर्ट एनिमेटेड फिल्म में बदलकर 8000 डॉलर (करीब 7 लाख रुपए) के यूएसडीसी (USDC) रिवॉर्ड दिए जाएंगे।
इस पहल से साफ है कि ब्लॉकचेन अब सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं बल्कि लोगों की जिंदगी बदलने वाला टूल बन चुका है। भारत इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों और क्रिप्टो को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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