TATA Capital IPO को पहले दिन कितना मिला सब्सक्रिप्शन, कहां पहुंचा GMP; अब पैसा लगाएं या नहीं?
टाटा कैपिटल लिमिटेड के आईपीओ (Tata Capital IPO) को पहले दिन 39% बोलियां मिलीं। 333436996 शेयरों के मुकाबले 128608916 शेयरों के लिए बोलियां आईं। क्यूआईबी को 52% और खुदरा निवेशकों को 35% बोलियां मिलीं। कंपनी ने 68 निवेशकों से 4642 करोड़ रुपये जुटाए हैं। 15512 करोड़ रुपये के इस आईपीओ की मूल्य सीमा 310-326 रुपये प्रति शेयर है।

नई दिल्ली। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) टाटा कैपिटल के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को सोमवार को बोली के पहले दिन 39 फीसदी सब्सक्रिप्शन मिला। NSE पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, IPO में 33,34,36,996 शेयरों के मुकाबले 12,86,08,916 शेयरों के लिए बोलियां मिलीं।
पात्र संस्थागत खरीदारों (QIB) के मामले में 52 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिला, जबकि खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (RII) की श्रेणी को 35 प्रतिशत बोलियां मिलीं। गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए निर्धारित हिस्से को 29 फीसदी सब्सक्रिप्शन मिला। टाटा कैपिटल ने शुक्रवार को 68 घरेलू और वैश्विक संस्थागत निवेशकों से 4,642 करोड़ रुपये जुटाए।
कहां पहुंचा Tata Capital IPO GMP
Tata Capital IPO के 39 फीसदी सब्सक्रिप्शन के बाद इसमें उछाल देखने को मिला है। यह 12.5 रुपये पर पहुंच गया है। जिससे 3.83% की बढ़त के साथ 338.5 रुपये लिस्टिंग होने की संभावना है।
कब तक है टाटा कैपिटल IPO में पैसा लगाने का समय
टाटा कैपिटल IPO आठ अक्टूबर को बंद होगा और इसका प्राइस बैंड 310-326 रुपये प्रति शेयर है। इसका मूल्यांकन टॉप लेवल पर लगभग 1.38 लाख करोड़ रुपये है।
कुल 47.58 करोड़ शेयरों वाले इस आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में 21 करोड़ इक्विटी शेयरों का नया निर्गम और 26.58 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल है।
बिक्री पेशकश के तहत, टाटा संस 23 करोड़ शेयर जबकि अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) 3.58 करोड़ शेयर बेचेगी।
वर्तमान में, टाटा संस के पास टाटा कैपिटल में 88.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि आईएफसी के पास 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आईपीओ से प्राप्त राशि का उपयोग कंपनी के टियर-1 पूंजी यानी शेयर पूंजी आधार को मजबूत करने और आगे की उधारी सहित भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज के आने के बाद, यह हाल के वर्षों में टाटा समूह की दूसरी सार्वजनिक सूचीबद्धता होगी।
क्या आपको IPO में पैसा लगाना चाहिए?
यह जानने के लिए हमने आनंद राठी के विशेषज्ञ से बात की है। उनके मुताबिक टाटा कैपिटल भारत की तीसरी सबसे बड़ी डाइवर्सिफाइड NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) है, जिसके कुल ग्रॉस लोन ₹2,33,400 करोड़ तक पहुंच चुके हैं (30 जून, 2025 तक)। टाटा ग्रुप की 150 सालों से ज्यादा की विरासत और मजबूत ब्रांड वैल्यू कंपनी की बड़ी ताकत है।
टाटा कैपिटल की लोन बुक में 87.5% हिस्सेदारी रिटेल और SME ग्राहकों की है, जिससे इसका पोर्टफोलियो काफी विविध और स्थिर बना हुआ है। कंपनी की ग्रोथ दर भी तेज है। FY23 से FY25 तक इसके लोन पोर्टफोलियो में 37.3% CAGR की बढ़त हुई है।
IPO की कीमत पर कंपनी का P/E रेश्यो 32.3x और P/B रेश्यो 3.5x है, जो दिखाता है कि यह IPO पूरी तरह से प्राइस्ड है। फिर भी, इसकी मजबूत डिजिटल रणनीति, जोखिम प्रबंधन, और ब्रांच नेटवर्क इसे लंबी अवधि के लिए आकर्षक निवेश विकल्प बनाते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि टाटा कैपिटल का IPO लंबी अवधि के निवेशकों के लिए ‘सब्सक्राइब’ करने लायक है, खासकर उन लोगों के लिए जो स्थिरता और ग्रोथ दोनों चाहते हैं। कंपनी की डिजिटल उपस्थिति 1,500 से ज्यादा ब्रांचेस और AI-सपोर्टेड कलेक्शन और अंडरराइटिंग मॉडल इसे भविष्य के लिए तैयार बनाते हैं। विस्तार से यहां पढ़ें- Tata Capital IPO में कितना होगा फायदा; एक्सपर्ट ने बताया पैसा लगाएं या नहीं?
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(डिस्क्लेमर: यहां IPO को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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