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    टाटा कैपिटल IPO में LIC का सबसे ज्यादा पैसा, 68 एंकर निवेशकों ने 4642 करोड़ रुपये से किया मालामाल; लिस्टिंग पर बनेगा पैसा?

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 10:55 AM (IST)

    टाटा कैपिटल के 15512 करोड़ रुपये के IPO में LIC सबसे बड़ा निवेशक बनकर उभरा जिसने 326 रुपये प्रति शेयर पर 700 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। ICICI प्रूडेंशियल MF निप्पॉन इंडिया MF और मोतीलाल ओसवाल MF समेत कई दिग्गज घरेलू और वैश्विक फंडों ने भी एंकर बुक में भाग लिया। कंपनी का IPO 6-8 अक्टूबर को खुलेगा और 13 अक्टूबर को शेयर बाजार में लिस्ट होने की उम्मीद है।

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    LIC ने 326 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 700 करोड़ रुपये मूल्य के 15.08 प्रतिशत शेयर हासिल किए।

    नई दिल्ली। टाटा कैपिटल के 15,512 करोड़ रुपये के IPO में कई बड़े घरेलू और वैश्विक फंडों का दबदबा रहा, जिसमें जीवन बीमा निगम (LIC) सबसे बड़ा निवेशक बनकर उभरा।

    सरकारी बीमा कंपनी ने 326 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 700 करोड़ रुपये मूल्य के 15.08 प्रतिशत शेयर हासिल किए।

    एक्सचेंज फाइलिंग से पता चला कि LIC के अलावा, ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड (MF), निप्पॉन इंडिया एमएफ, मोतीलाल ओसवाल MF, अमांसा होल्डिंग्स, नोमुरा, मॉर्गन स्टेनली, गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल और गोल्डमैन सैक्स उन बड़े वैश्विक और घरेलू संस्थानों में शामिल थे, जिन्होंने एंकर बुक में भाग लिया।

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    कुछ प्रमुख निवेशक और उनका एंकर बुक हिस्सा कितना?

    निवेशक एंकर बुक हिस्सा (%)
    ICICI प्रूडेंशियल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड 1.26
    HDFC ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड ए/सी एचडीएफसी लार्ज कैप फंड 1.89
    DSP ELSS टैक्स सेवर फंड 1.52
    आदित्य बिड़ला सन लाइफ ट्रस्टी प्राइवेट लिमिटेड 1.4
    मॉर्गन स्टेनली इन्वेस्टमेंट फंड्स एशिया ऑपर्च्युनिटी फंड 3.15
    गोल्डमैन सैक्स फंड्स- गोल्डमैन सैक्स इंडिया इक्विटी पोर्टफोलियो 1.12
    अमांसा होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड 3.77
    नोमुरा इंडिया इन्वेस्टमेंट फंड मदर फंड 3.77
    निप्पॉन लाइफ इंडिया ट्रस्टी लिमिटेड-ए/सी निप्पॉन इंडिया लार्ज कैप फंड 2.69
    मोतीलाल ओसवाल लार्ज कैप फंड 2.16
    व्हाइटओक कैपिटल स्पेशल ऑपर्च्युनिटी फंड 0.15

    सर्कुलर के अनुसार, टाटा कैपिटल ने 135 फंडों को 326 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 14.24 करोड़ इक्विटी शेयर आवंटित किए हैं, जिससे लेनदेन का आकार 4,642 करोड़ रुपये हो गया है।

    कंपनी की 15,512 करोड़ रुपये की पहली सार्वजनिक पेशकश 6-8 अक्टूबर के दौरान 310 रुपये से 326 रुपये प्रति शेयर की कीमत सीमा में सदस्यता के लिए खुलेगी।

    बैंड के शीर्ष स्तर पर, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) का मूल्यांकन लगभग 1.38 लाख करोड़ रुपये है।

    कुल 47.58 करोड़ शेयरों वाले इस आईपीओ में 21 करोड़ इक्विटी शेयरों का नया निर्गम और 26.58 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल है।

    टाटा कैपिटल के 13 अक्टूबर को शेयर बाजार में उतरने की उम्मीद है। पीटीआई एसपी एआरआई

    वर्तमान में, टाटा कैपिटल में टाटा संस की हिस्सेदारी 88.6 प्रतिशत है, जबकि आईएफसी के पास 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

    टाटा कैपिटल के IPO से निवेशकों को कितना मुनाफा हो सकता है?

    टाटा कैपिटल इस साल के सबसे चर्चित इश्यूज में से एक है। निवेशक इसमें पैसा लगाने को लेकर उत्सुक हैं, लेकिन असली सवाल है कि क्या इससे वाकई मुनाफा होगा? अगर हां, तो कितना? चलिए समझते हैं

    1. लिस्टिंग गेन की संभावना

    टाटा ग्रुप की पिछली लिस्टिंग टाटा टेक्नोलॉजीज ने 2023 में 140% प्रीमियम पर डेब्यू किया था, लेकिन अब वह 43% नीचे ट्रेड कर रही है। वहीं इस बार माहौल अलग है। टाटा कैपिटल एक NBFC (फाइनेंशियल सर्विस फर्म) है, जो टेक कंपनियों की तरह हाइप ड्रिवन नहीं होती।

    मार्केट में interest rate cycle और NBFCs की ग्रोथ को लेकर थोड़ा सतर्क नजरिया है।

    2. संभावित लिस्टिंग गेन

    एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि टाटा ब्रांड और मजबूत फंडामेंटल के चलते 10% से 25% का लिस्टिंग गेन संभव है। यानी अगर आपने ऊपरी प्राइस बैंड ₹326 पर निवेश किया और शेयर ₹360-₹400 पर लिस्ट हुआ, तो ₹34-₹74 प्रति शेयर का मुनाफा हो सकता है।

    संभावित शॉर्ट टर्म मुनाफा ₹5,000-₹15,000 (मात्रा निर्भर करती है अलॉटमेंट पर)

    3. लॉन्ग टर्म रिटर्न की संभावना

    टाटा कैपिटल लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प हो सकता है, खासकर इसकी मजबूत बुनियाद और व्यापक पहुंच को देखते हुए। यह भारत की तीसरी सबसे बड़ी एनबीएफसी है, जिसकी लोन बुक ₹2.33 लाख करोड़ की है।

    कंपनी का 87% लोन पोर्टफोलियो रिटेल और SME सेगमेंट में है, जिससे यह मास मार्केट में गहरी पैठ रखती है।

    वित्त वर्ष 2024 से 2025 के बीच इसका ब्याज आय (interest income) ₹16,366 करोड़ से बढ़कर ₹25,720 करोड़ हो गया है, जो जबरदस्त ग्रोथ ट्रेंड को दर्शाता है। FY25 में कंपनी ने ₹3,655 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया है।

    इसके साथ ही, इसकी AAA क्रेडिट रेटिंग और औसतन 7.8% की कम बोर्रोइंग कॉस्ट इसे प्रतिस्पर्धी बनाती है। सबसे अहम बात यह है कि टाटा ग्रुप की ब्रांड वैल्यू और मजबूत बैलेंस शीट निवेशकों को अतिरिक्त भरोसा देती है।

    4. निगेटिव फैक्टर्स

    हालांकि, कुछ जोखिम भी नजरअंदाज नहीं किए जा सकते। कंपनी की रिटर्न रेशियो-RoE (12.6%) और RoA (1.8%)-अपने बड़े प्रतिस्पर्धियों जैसे बजाज फाइनेंस की तुलना में कम है, जहां RoE करीब 19.2% है।

    इसके अलावा, कंपनी के पोर्टफोलियो में 20% हिस्सा अनसिक्योर्ड लोन का है, जो डिफॉल्ट की स्थिति में जोखिम बढ़ा सकता है। एक और अहम बात यह है कि IPO का वैल्यूएशन थोड़ा ऊंचा है। पोस्ट इश्यू बुक वैल्यू पर यह 3.4 गुना के स्तर पर प्राइस किया गया है, जो ग्रोथ को जरूरी बना देता है ताकि निवेशकों को अच्छे रिटर्न मिल सकें।

    5. लॉन्ग टर्म अनुमान

    अगर कंपनी 15-18% की ग्रोथ बनाए रखती है और RoE को 14-15% तक ले जा पाती है, तो अगले 2-3 साल में शेयर 50-70% तक ऊपर जा सकता है। यानी ₹326 की खरीद पर शेयर ₹480-₹550 तक जा सकता है।

    यह भी पढ़ें: इस दवा कंपनी का 9 अक्टूबर को आ रहा IPO, 485 रुपये होगा प्राइस बैंड; क्या हैं 5 खास बातें

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    (डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)