Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    GST सुधार से शेयर बाजार की धमाकेदार ओपनिंग, लेकिन बंद होते-होते क्यों फीका पड़ा जोश; जानें कल क्या होगा?

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 08:16 PM (IST)

    जीएसटी काउंसिल द्वारा बड़े टैक्स सुधारों के ऐलान से शेयर बाजार में काफी उत्साह दिखा। सेंसेक्स शुरुआती ट्रेड में 889 अंक तक चढ़ गया और निफ्टी ने 24980 का स्तर पार कर लिया। लेकिन दिन चढ़ते-चढ़ते बाजार का मूड बदल गया। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और ग्लोबल मार्केट से मिले कमजोर संकेतों ने रैली को रोक दिया। सवाल यह है कि आखिर निवेशकों का जोश फीका क्यों पड़ गया?

    Hero Image
    GST सुधार से शेयर बाजार की धमाकेदार ओपनिंग, लेकिन बंद होते-होते क्यों फीका पड़ा जोश।

    नई दिल्ली | गुरुवार को शेयर बाजार ने जबरदस्त तेजी के साथ शुरुआत की। जीएसटी काउंसिल द्वारा बड़े टैक्स सुधारों के ऐलान से निवेशकों में काफी उत्साह दिखा। सेंसेक्स शुरुआती ट्रेड में 889 अंक तक चढ़ गया और निफ्टी ने 24,980 का स्तर पार कर लिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लेकिन दिन चढ़ते-चढ़ते बाजार का मूड बदल गया। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और ग्लोबल मार्केट से मिले कमजोर संकेतों ने रैली को रोक दिया। मुनाफावसूली भी ऊपरी स्तरों पर हावी रही। नतीजा यह हुआ कि सेंसेक्स 800 अंकों की तेजी से फिसलकर अंत में सिर्फ 150 अंकों की बढ़त के साथ 80,718 पर बंद हुआ।

    वहीं निफ्टी 19 अंक चढ़कर 24,734 पर बंद हुई। अब सवाल यह है कि आखिर बाजार बंद होते-होते निवेशकों का जोश फीका क्यों पड़ गया? साथ ही शुक्रवार को शेयर बाजार की चाल कैसी रहने वाली है?

    शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स की मानें तो सबसे ज्यादा चोट मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में लगी, जहां तेज गिरावट ने बाजार की ब्रेड्थ बिगाड़ दी। आईटी, रियल्टी, मेटल और एनर्जी सेक्टर दबाव में रहे। रुपए में भी कमजोरी देखने को मिली। 

    यह भी पढ़ें- '28 तरह के टैक्स...काबिल-ए-तारीफ', नीति आयोग के पूर्व CEO ने की जमकर तारीफ; ट्रंप टैरिफ पर भी कही बड़ी बात!

    एक्सपर्ट व्यू:  अमेरिकी टैरिफ भारत के निर्यात पर दबाव डालेंगे

    जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर ने कहा कि,

    "बाजार ने अच्छी शुरुआत की थी। लेकिन मुनाफावसूली के चलते दिनभर का जोश टिक नहीं सका। केवल कंजम्पशन से जुड़े सेक्टर जैसे ऑटो, फाइनेंस और एफएमसीजी में खरीदारी रही। जीएसटी सुधार से घरेलू मांग को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ भारत के निर्यात पर दबाव डालेंगे। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है और जीडीपी में 2.2% का योगदान देता है। इसका असर दिखना तय है। कंपनियां एक्सपोर्ट को बनाए रखने के लिए नए रास्ते तलाश रही हैं, जैसे क्रॉस-कंट्री बिलिंग और विदेशों में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाना।"

    हालांकि नायर ने यह भी कहा कि जीएसटी कटौती से घरेलू खपत में बड़ा उछाल आएगा, जो निर्यात पर पड़ने वाले दबाव को कुछ हद तक संतुलित कर देगा। टेक्सटाइल्स, इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स, मेटल्स, ऑटो एंसिलरीज़, सी-फूड, बासमती, ज्वैलरी, आईटी और फार्मा जैसे सेक्टर पर निर्यात दबाव रहेगा। लेकिन घरेलू खपत बढ़ने से ड्यूरेबल्स, डिस्क्रिशनरी, स्टेपल्स, होटल्स, एफएमसीजी, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो सेक्टर में मांग बढ़ेगी।

    यह भी पढ़ें- New GST Rates: सैलून-जिम और स्पा से लेकर ब्यूटी सर्विसेज तक... सब होगा सस्ता; कितनी होगी बचत? देखें कैलकुलेशन

    कल क्या: 24,700 के नीचे टूटने पर और गिरावट संभव!

    ब्रोकरेज फर्म बजाज आलियांज के मुताबिक,

    "शुक्रवार को अगर निफ्टी 24,700 से नीचे फिसलती है तो शॉर्ट टर्म में इसमें 24,500–24,400 तक की गिरावट देखी जा सकती है। वहीं, 24,400–24,337 तत्काल सपोर्ट माना जा रहा है। अगर यह स्तर भी टूटता है, तो गिरावट तेज होकर अगले हफ्ते 24,000–23,800 तक जा सकती है। यह जोन 52-सप्ताह EMA और पुराने बड़े सपोर्ट का एरिया है। कुल मिलाकर, निफ्टी फिलहाल 24,400–25,000 के दायरे में कंसॉलिडेट कर सकता है। स्टॉक-स्पेसिफिक मूवमेंट ही कल बाजार की दिशा तय करेगा। निवेशकों को शॉर्ट टर्म ट्रेंड में सतर्क रहने की सलाह दी गई है।"

    बता दें कि जीएसटी काउंसिल ने बुधवार को 12% और 28% वाले स्लैब हटाकर सिर्फ 5% और 18% के दो स्लैब को मंजूरी दे दी है। यह 22 सितंबर से लागू होगी। फिलहाल निवेशकों ने इस फैसले को टैक्स सिस्टम को सरल बनाने और खपत बढ़ाने वाला कदम माना है।

    comedy show banner
    comedy show banner