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    SEBI का बड़ा फैसला, बड़े IPO में मिनिमम शेयरहोल्डिंग के नियमों में छूट; बीमा कंपनियों को 7% का अलग से कोटा

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 06:17 PM (IST)

    बाजार नियामक सेबी ने बोर्ड बैठक में ₹50000 करोड़ से ₹1 लाख करोड़ के मार्केट कैप वाली कंपनियों के लिए न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंड को तीन से बढ़ाकर पांच साल कर दिया है। ₹1 लाख करोड़ से ₹5 लाख करोड़ के बीच की कंपनियों के लिए सेबी ने न्यूनतम ₹6250 करोड़ का IPO रखने की बात कही है।

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    बाजार नियामक सेबी ने अपनी बोर्ड बैठक खत्म हो गई है।

    नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी की बोर्ड बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में सेबी ने कहा कि 50,000 करोड़ रुपये से एक लाख करोड़ रुपये के बीच मार्केट कैप वाली कंपनियों के लिए 25% की कम से कम पब्लिक शेयर रखने के मानदंड को अब मौजूदा तीन सालों की जगह पांच सालों में हासिल किया जा सकता है।

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    जिन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण ₹1 लाख करोड़ से ₹5 लाख करोड़ के बीच है, उनके लिए सेबी ने न्यूनतम ₹6,250 करोड़ या IPO के बाद मार्केट कैप का ₹2.75% तक का IPO रखने की बात कही है।

    वहीं 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक मार्केट कैप वाली कंपनियों के लिए, सेबी ने न्यूनतम सार्वजनिक पेशकश का आकार 15,000 करोड़ रुपये या 1% रखने की बात कही है।

    इससे बदलाव से क्या होगा

    इससे Jio जैसे मेगा इश्यू के लिए पब्लिक ऑफर और MPS नियम अब ज्यादा सरल हो जाएंगे। कॉर्पोरेट्स पर दबाव घटेगा कंपनियों को कम समय में बड़े पैमाने पर इक्विटी डायल्यूशन से बचने का मौका मिलेगा। ऑफर्स से रिटेल और संस्थागत निवेशकों को निवेश के ज्यादा अवसर मिलेंगे।

    बड़े आईपीओ में मिनिमम शेयरहोल्डिंग के नियमों में छूट

    यदि लिस्टिंग के दिन पब्लिक में मौजूदा शेयरहोल्डिंग 15% से कम है, तो न्यूनतम 15% शेयरहोल्डिंग पर पांच सालों में तथा 25% तक शेयरहोल्डिंग 10 सालों में पानी होगी। वहीं 15% या उससे अधिक है, तो पांच साल में न्यूनतम 25% शेयरहोल्डिंग हासिल करनी होगी।

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    IPO में होगा बीमा कंपनियों के लिए 7% का अलग से कोटा

    एंकर कोटे में बीमा कंपनियों और पेंशन फंडों के लिए 7 फीसदी अतिरिक्त कोटा होगा। यानी बीमा, पेंशन फंड और म्यूचुअल फंडों के लिए 40 प्रतिशत कोटा होगा। इसके अलावा 250 करोड़ रुपये से अधिक के स्वीकार्य एंकर आवंटियों की संख्या 25 से बढ़ाकर 30 कर दी गई है।

    जीवन बीमा कंपनियों और पेंशन फंडों को आईपीओ एंकर बुक के लिए रिजर्व कैटेगरी में शामिल किया जाएगा। आईपीओ में एंकर हिस्से के लिए आरक्षित सीमा आईपीओ आकार के एक तिहाई से बढ़ाकर 40% कर दी गई है।