IEX Share Price : क्या होती है मार्केट कपलिंग, जिसके चलते 28% गिरे देश के सबसे बड़े पावर एक्सचेंज के शेयर? जानें सबकुछ
IEX market coupling rules मार्केट कपलिंग एक ऐसा मॉडल है जिसके तहत देश के सभी पावर एक्सचेंजों पर बाय और सेल की बोलियों को इकट्ठा किया जाता है और फिर उनका मिलान किया जाता है। जिसके बाद एक समान मार्केट क्लियरिंग प्राइस यानी MCP तय किया जाता है। इसका मतलब यह है कि इन एक्सचेंजों के ज़रिए कारोबार की जाने वाली बिजली की सिर्फ एक ही कीमत होगी।

नई दिल्ली| Indian Energy Exchange Share : देश के सबसे बड़े पावर एक्सचेंज यानी इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) में आज 24 जुलाई को भारी गिरावट दर्ज हुई। IEX के शेयर 28% से ज्यादा गिरे और उनमें लोअर सर्किट लग गया। इसके साथ ही यह अपने 52 वीक के लो लेवल पर पहुंच गया। और इसकी सबसे बड़ी वजह रही- मार्केट कपलिंग का ऐलान।
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन यानी CERC ने मार्केट कपलिंग के नियम को मंजूरी दे दी है, जो जनवरी 2026 से लागू हो जाएगा। सरकार के इस नियम के चलते IEX को झटका लगा और निवेशकों के बीच इसके शेयरों को बेचने की होड़ लग गई। अब सवाल यह है कि आखिर मार्केट कपलिंग नियम है क्या और यह लागू क्यों हो रहा है?
आखिर मार्केट कपलिंग है क्या?
What is Market Coupling : मार्केट कपलिंग एक ऐसा मॉडल है, जिसके तहत देश के सभी पावर एक्सचेंजों पर 'बाय' और 'सेल' की बोलियों को इकट्ठा किया जाता है और फिर उनका मिलान किया जाता है। जिसके बाद एक समान मार्केट क्लियरिंग प्राइस यानी MCP तय किया जाता है। इसका मतलब यह है कि इन एक्सचेंजों के ज़रिए किसी भी समय कारोबार की जाने वाली बिजली की सिर्फ एक ही कीमत होगी।
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क्यों लागू हो रहा यह नियम?
फिलहाल देश में तीन मेन पावर एक्सचेंज हैं। इनमें इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX), हिंदुस्तान पावर एक्सचेंज लिमिटेड (HPX) और पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिडेट (PXIL) शामिल हैं। दरअसल, जैसे स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयर खरीदे-बेचे जाते हैं। ठीक उसी तरह पावर एक्सचेंजों पर बिजली भी खरीदी और बेची जाती है।
लेकिन आपने नोटिस किया होगा कि NSE और BSE जैसे स्टॉक एक्सचेंजों पर एक ही शेयर की कीमत अलग-अलग होती है। ऐसा ही पावर एक्सचेंजों पर भी होता है। पावर एक्सचेजों की इसी समस्या को दूर करने के लिए मार्केट कपलिंग का नियम लागू करने पर विचार कर रही है।
IEX को क्या नुकसान?
IEX देश का सबसे बड़ा पावर एक्सचेंज है। इसके प्लेटफॉर्म पर देश की 90 फीसदी बिजली की ट्रेडिंग होती है। यानी बाकी की 10 फीसदी की ट्रेडिंग अन्य दो एक्सचेंजों पर होती है। ऐसे में माना जा रहा है कि मार्केट कपलिंग से सभी एक्सचेंजों की कीमत एक समान होगी, जिससे दूसरे एक्सचेंजों का कारोबार बढ़ेगा। आसान शब्दों में कहें तो IEX के ट्रेडिंग वॉल्यूम और रेवेन्यू में गिरावट आ सकती है।
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कैसा है शेयरों का प्रदर्शन?
IEX के शेयर NSE पर 169.10 रुपए के साथ ओपन हुए, जिनमें 10.10 बजे के बाद भारी गिरावट शुरू हो गई। दोपहर 1.15 बजे तक इसके शेयरों में 28.1 फीसदी की गिरावट के साथ लोअर सर्किट लग गया। Indian Energy Exchange Ltd का शेयर छह महीने में 20 फीसदी और एक साल में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई है।
हालांकि, पांच साल में इसने 132 फीसदी और अब तक कुल 159 फीसदी की रिटर्न दिया है। इसका 52 वीक का हाई लेवल 244.40 रुपए है। जबकि लो लेवल 135.26 रुपए है, जो आज यानी 24 जुलाई को दर्ज हुआ।
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(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

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