भाविश अग्रवाल ने बेचे 92 करोड़ रुपये के Ola Electric Share, बुधवार को दिखेगी हलचल
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के को-फाउंडर भाविश अग्रवाल ने मंगलवार को एक बल्क डील के माध्यम से कंपनी में 0.6% हिस्सेदारी के 2.6 करोड़ शेयर बेचे। शे ...और पढ़ें

नई दिल्ली। Bhavish Aggarwal Sells Ola Electric Shares: ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के सह-संस्थापक भाविश अग्रवाल ने मंगलवार (16 दिसंबर) को एक बल्क डील के माध्यम से कंपनी में 0.6% हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करने वाले 2.6 करोड़ शेयर बेच दिए।
शेयरों की बिक्री औसतन ₹34.99 प्रति शेयर के भाव से हुई, जिससे कुल सौदे का आकार ₹92 करोड़ हो गया। सितंबर 2025 तक, भाविश अग्रवाल के पास ओला इलेक्ट्रिक में 30.02% हिस्सेदारी थी।
गिरवी रखे 260 करोड़ रुपये के सभी शेयर हुए फ्री
कंपनी सूत्रों के अनुसार, ओला इलेक्ट्रिक के फाउंडर भाविश अग्रवाल ने अपने व्यक्तिगत शेयरों का लिमिटेड मॉनिटाइजेशन करके प्रमोटर स्तर पर गिरवी रखे गए 260 करोड़ रुपये के सभी शेयरों को फ्री कर दिया है। इससे प्रमोटर की हिस्सेदारी के एक छोटे हिस्से के साथ-साथ अन्य व्यक्तिगत आय का भी मॉनिटाइज शामिल रहा।
क्या पड़ेगा असर?
इससे पहले गिरवी रखे गए शेयरों का 3.93 प्रतिशत हिस्सा पूरी तरह से मुक्त हो जाएगा, जिससे फाउंडर-प्रमोटर कर्ज मुक्त हो जाएंगे। सूत्रों ने बताया कि सीमित हिस्सेदारी के मुद्रीकरण के बाद प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी, जो नई पीढ़ी की लिस्ट कंपनियों में सबसे अधिक है।
ओला इलेक्ट्रिक से भविष्य में प्रमोटरों के और गिरवी रखे जाने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि वर्तमान गिरवी एआई स्टार्टअप क्रुत्रिम को सीड फंड देने के लिए रखी गई थी, जो सकारात्मक नकदी प्रवाह के साथ क्लाउड इंफ्रा प्लेयर के रूप में फिर से उभरी है।
सूत्रों के अनुसार, इस मुद्रीकरण से प्रवर्तकों के नियंत्रण में कोई कमी नहीं आएगी। आमतौर पर, फाउंडर के गिरवी रखे गए शेयर अस्थिरता और मार्जिन संबंधी जोखिम का संभावित स्रोत होते हैं। गिरवी रखे गए शेयरों को पूरी तरह से हटाने से एक महत्वपूर्ण जोखिम दूर हो जाता है और कंपनी की जोखिम प्रोफाइल में काफी सुधार होता है। यह कदम फाउंडर लेवल पर उठाया गया है और इसमें ओला इलेक्ट्रिक कंपनी शामिल नहीं है।
सूत्रों ने आगे कहा कि इससे कंपनी के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी व्यवसाय, दैनिक संचालन, प्रबंधन, शासन ढांचा, वित्तीय स्थिति या दीर्घकालिक रणनीतिक योजनाओं पर कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।
इसके साथ ही, ओला इलेक्ट्रिक के संस्थापक अपोलो हॉस्पिटल्स और हिंदुस्तान जिंक सहित उन प्रवर्तकों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने इस वित्तीय वर्ष के दौरान गिरवी रखे गए शेयरों को छुड़ाने के लिए सीमित हिस्सेदारी का मॉनेटाइजेशन किया।
दूसरी तिमाही में कैसा रहा परिणाम
सितंबर तिमाही के अंत में कंपनी का नेट लॉस घटकर ₹418 करोड़ रह गया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह घाटा ₹495 करोड़ था। तिमाही रेवेन्यू में 43.2% की गिरावट आई और यह पिछले साल के ₹1,214 करोड़ से घटकर ₹690 करोड़ रह गया।
ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री इस तिमाही में पिछले वर्ष की तुलना में 44% और पिछली तिमाही की तुलना में 19% घटकर 55,000 यूनिट रह गई। ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय (EBITDA) घटकर ₹203 करोड़ का घाटा रह गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह ₹379 करोड़ थी। कोटक के अनुमान के अनुसार घाटा ₹161 करोड़ रहने का अनुमान था।
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के शेयर (Ola Electric Share Price) आज, 16 दिसंबर को बीएसई पर ₹3.18 या 8.51% की गिरावट के साथ ₹34.20 पर बंद हुए। 6 महीने में इसके शेयर में 27 फीसदी की गिरावट देखने को मिल है।
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(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

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