ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर दिख क्यों नहीं रहा अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रा का शेयर? फंस गए लाखों निवेशक; क्या है वजह?
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर (Reliance Infrastructure Share Price) लगातार दूसरे दिन रेगुलर ट्रेडिंग से बाहर हैं, जिससे 7 लाख निवेशकों में चिंता है। ...और पढ़ें

ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर नहीं दिख रहा रिलायंस इंफ्रा का शेयर
नई दिल्ली। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर (Reliance Infrastructure Share Price) लगातार दूसरे दिन रेगुलर ट्रेडिंग से बाहर हैं। इससे 7 लाख निवेशकों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि कंपनी के इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (IRP) में शामिल होने के बाद रेगुलेटरी पाबंदियां जारी हैं।
बता दें कि अनिल अंबानी के अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप कीफर्म को स्टॉक एक्सचेंजों ने सख्त एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) के तहत रखा है, जिससे इसके शेयरों में ट्रेडिंग काफी हद तक सीमित हो गई है और इसका स्टॉक एक्टिव ट्रेडिंग से दूर है।
दिवालिया कार्रवाई का मामला क्या है?
- 30 मई 2025 को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच ने IDBI ट्रस्टीशिप द्वारा धुरसर सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े ₹88.68 करोड़ (ब्याज समेत) बकाया टैरिफ के लिए दायर दिवालिया याचिका को स्वीकार किया
- रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने DSPPL को ₹92.68 करोड़ का भुगतान करके इस दावे का तुरंत जवाब दिया
- फिर नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल से संपर्क किया और तर्क दिया हुए कि देनदारी खत्म हो गई है
- फिर 4 जून को, अपीलीय ट्रिब्यूनल ने NCLT के आदेश और कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू करने पर रोक लगा दी, और बाद की सुनवाई में अंतरिम राहत जारी रखी
ASM फ्रेमवर्क से क्या हो रहा है?
ASM फ्रेमवर्क के तहत, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों को हफ्ते में सिर्फ एक बार ट्रेड करने की इजाजत है। ये दिन है सोमवार का और वो भी इसमें सिर्फ बेचने की अनुमति है और नई खरीदारी की नहीं। इससे निवेशकों की पोजीशन से बाहर निकलने की क्षमता सीमित हो गई है और अनिश्चितता बढ़ गई है, खासकर रिटेल शेयरधारकों के बीच, क्योंकि हाल के सेशन में स्टॉक में भारी उतार-चढ़ाव और बार-बार अपर-सर्किट देखने को मिला है।
परेशान हैं निवेशक
निवेशक शिकायत कर रहे हैं कि नॉन-ट्रेडिंग दिनों में उनके रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर शेयर होल्डिंग्स टर्मिनल पर दिखाई नहीं दे रहे थे, जिससे उन्हें कन्फ्यूजन हुआ। मगर ब्रोकरेज फर्मों ने बताया है कि शेयर फ्रंट-एंड प्लेटफॉर्म पर दिखाई न दें, मगर वे डीमैट खातों में सेफ हैं और बैक-ऑफिस या कंसोल सिस्टम के जरिए उन्हें एक्सेस किया जा सकता है।
इन जवाबों के बावजूद, शेयरधारकों में चिंता है। वे अपने निवेश की सुरक्षा और सामान्य ट्रेडिंग फिर से शुरू होने की टाइमलाइन के लिए सवाल कर रहे हैं।
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(डिस्क्लेमर: यहां एक शेयर की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

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