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    Income Tax Bill में बड़े बदलाव: अब ITR लेट फाइल करने पर भी मिलेगा TDS रिफंड, जानें और क्या-क्या मिलेगी राहत?

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 06:15 PM (IST)

    ITR News संसद की कमेटी ने सोमवार को नए Income Tax Bill 2025 की जांच के बाद कुछ अहम बदलाव सुझाए हैं। इस बिल से पुराने Income Tax Act 1961 को बदला जाएगा। कमेटी के प्रमुख बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा ने लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की। कमेटी के मुताबिक अब ITR देरी से फाइल करने के बाद भी आपको TDS रिफंड मिलेगा।

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    संसदीय कमेटी ने Income Tax Bill में अहम बदलाव किए हैं।

    नई दिल्ली| TDS Refund News : अगर आपने ITR समय पर फाइल नहीं किया है और TDS कट गया है तो अब घबराने की जरूरत नहीं। क्योंकि, अब आप टाइम लिमिट के बाद ITR फाइल करके टैक्सपेयर्स रिफंड का दावा कर सकेंगे, वो भी बिना किसी पैनल्टी के।

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    दरअसल, संसद की एक कमेटी ने सोमवार को नए Income Tax Bill 2025 की जांच के बाद कुछ अहम बदलाव सुझाए हैं। इस बिल से पुराने Income Tax Act 1961 को बदला जाएगा। कमेटी के प्रमुख बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा (BJP Member Baijayant Panda) ने लोकसभा (Loksabha) में अपनी रिपोर्ट पेश की।

    कमेटी ने कौन-कौन से बदलाव सुझाए?

    1. TDS रिफंड में राहत :

    ITR News : कमेटी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति तय तारीख के बाद ITR फाइल करता है तो उसे बिना किसी पैनल्टी के TDS Refund मिलना चाहिए। अभी बिल में क्लॉज 263(1)(IX) कहता है कि रिफंड के लिए रिटर्न तय तारीख पर दाखिल करना जरूरी है।

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    कमेटी ने इसे हटाने की सिफारिश की है। इसका कारण यह है कि कई छोटे करदाताओं की आय टैक्स सीमा से कम होती है, लेकिन उनसे TDS काट लिया जाता है। ऐसे में रिफंड के लिए रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य करना गलत है, क्योंकि इससे उन पर पैनल्टी का डर रहता है।

    2. धार्मिक-चैरिटेबल ट्रस्ट्स को TAX में छूट:

    कमेटी ने धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्ट्स को लेकर भी अहम सुझाव दिया है। कमेटी ने कहा है कि धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्ट्स को मिलने वाले गुमनाम दान, खासकर जो दान पेटी में डाला गया हो, उस पर टैक्स नहीं लगना चाहिए। अभी बिल के क्लॉज 337 में कहा गया है कि सभी गैर-लाभकारी संगठनों (NPO) को गुमनाम दान पर 30% टैक्स देना होगा, सिवाय उन ट्रस्ट्स के जो पूरी तरह धार्मिक उद्देश्य के लिए बने हैं।

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    लेकिन कमेटी का कहना है कि कई ट्रस्ट धार्मिक और चैरिटेबल दोनों तरह के काम करते हैं। इनके दान पर टैक्स लगाना गलत है, क्योंकि दान देने वालों का नाम पता करना हमेशा संभव नहीं होता। कमेटी ने पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 115BBC जैसी छूट को फिर से लाने की सिफारिश की, जिसमें धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्ट्स को गुमनाम दान पर टैक्स से छूट थी।

    3. NPO की आय पर TAX का नियम:

    कमेटी ने कहा कि गैर-लाभकारी संगठन यानी NPO की पूरी रसीद पर टैक्स लगाना गलत है। क्योंकि, टैक्स सिर्फ "नेट इनकम" पर लगना चाहिए। इसलिए बिल में "इनकम" शब्द को फिर से शामिल करने की सलाह दी गई है।

    इसे लेकर कमेटी ने कहा कि बिल का मकसद टैक्स नियमों को आसान करना है, लेकिन धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्ट्स के लिए गुमनाम दान पर टैक्स लगाने का नियम भारत के NPO सेक्टर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इसे ठीक करना जरूरी है।

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    ...तो अब कानूनी झंझट खत्म!

    संसदीय कमेटी के इस बदलाव पर टैक्स एक्सपर्ट विवेक जालान (Partner, Tax Connect Advisory Services LLP) ने बताया कि टैक्यपेयर्स की परेशानी को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने बिल से क्लॉज 263(1)(IX) को हटा दिया। अब देर से रिटर्न दाखिल करने पर भी रिफंड मिलेगा और कोई कानूनी झंझट नहीं होगा। करदाता इस बदलाव से बहुत खुश हैं।

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