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    GST Rate Cut: घर खरीदना हो सकता है सस्ता, रेडी टू मूव और अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर कितना लगता है जीएसटी?

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 05:19 PM (IST)

    जीएसटी काउंसिल की मीटिंग आज यानी 3 सितंबर से शुरू हो चुकी है जो 4 सितंबर यानी गुरुवार तक चलेगी। सरकार रियल एस्टेट सेक्टर पर जीएसटी ढांचे में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। इसमें रेडी टू मूव और अंडर कंस्ट्रक्शन दोनों तरह के घरों पर लगने वाले टैक्स (GST Rate Cut) पर अहम फैसले हो सकते हैं। यानी सब सही रहा तो घर खरीदना सस्ता हो सकता है।

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    सरकार रियल एस्टेट सेक्टर पर जीएसटी ढांचे में बदलाव करने की तैयारी कर रही है।

    नई दिल्ली| GST Council Meeting: अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए अहम है। सरकार रियल एस्टेट सेक्टर पर जीएसटी ढांचे में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। इसमें रेडी टू मूव और अंडर कंस्ट्रक्शन दोनों तरह के घरों पर लगने वाले टैक्स (GST Rate Cut) को लेकर अहम फैसले हो सकते हैं।

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    जीएसटी काउंसिल की मीटिंग आज यानी 3 सितंबर से शुरू हो चुकी है, जो 4 सितंबर यानी गुरुवार तक चलेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि बैठक आम जनता को ध्यान में रखते हुए अहम फैसले लिए जा सकते हैं। 

    अब सवाल उठता है कि क्या रेडी टू मूव और अंडर कंस्ट्रक्शन पर कितना जीएसटी लगता है? इसे लेकर ओराम कॉलोनिजर्स के संस्थाप प्रदीप मिश्रा ने बताया कि फिलहाल नियम यह है कि रेडी टू मूव फ्लैट्स पर कोई जीएसटी नहीं लगता।

    घर खरीदने पर कितना GST?

    अगर आप अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट खरीदते हैं तो उस पर जीएसटी देना पड़ता है। सामान्य आवासीय प्रोजेक्ट्स पर 5% जीएसटी है, जबकि अफोर्डेबल हाउसिंग पर सिर्फ 1% जीएसटी लिया जाता है।

    कैटेगरी वर्तमान GST रेट खास बात
    रेडी टू मूव फ्लैट 0% पहले से बना और रजिस्टर्ड घर पर कोई जीएसटी नहीं लगता
    अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट (नॉर्मल) 5% बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट तक के फ्लैट्स
    अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट (अफोर्डेबल हाउसिंग) 1% 45 लाख तक के घर को अफोर्डेबल कैटेगरी में माना जाता है।

    यह भी पढ़ें- Explainer : घर खरीदना सही या किराए पर रहना, किसमें नुकसान, किसमें फायदा? एक्सपर्ट से समझिए एक-एक डिटेल

    सीमेंट पर 28% और सरिया पर 18% लगता है GST

    प्रदीप मिश्रा बताते हैं कि घर खरीदने पर ही नहीं, बल्कि कंस्ट्रक्शन में लगने वाले सामान पर भी भारी-भरकम जीएसटी लगता है। जैसे सीमेंट पर अभी 28% जीएसटी लगता है। सरिया और स्टील पर 18% जीएसटी है।

    प्लाईबोर्ड, टाइल्स और पेंट पर भी 18% टैक्स वसूला जाता है। इसके अलावा इलेक्ट्रिकल फिटिंग, सैनिटरी वेयर और हार्डवेयर जैसी चीजों पर भी 18% तक जीएसटी देना पड़ता है। यही वजह है कि मकान बनाने की कुल लागत बढ़ जाती है।

    सामान वर्तमान GST रेट
    सीमेंट 28%
    स्टील/सरिया 18%
    प्लाईबोर्ड 18%
    टाइल्स 18%
    पेंट 18%
    सैनिटरी वेयर 18%
    इलेक्ट्रिकल फिटिंग/हार्डवेयर 18%

    अगर इन सामानों पर जीएसटी कम होता है तो सीधे तौर पर घर बनाने का खर्च घटेगा। इसका फायदा आम लोगों को मिलेगा और हाउसिंग सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रॉपर्टी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कि टैक्स रेट में कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर में मांग बढ़ेगी और नए प्रोजेक्ट्स तेजी से बिकेंगे। 

    कंस्ट्रक्शन सस्ता हुआ तो कम दाम पर मिलेंगे घर?

    प्रदीप मिश्रा बताते हैं कि अगर कंस्ट्रक्शन में लगने वाले सामानों पर जीएसटी में कटौती होती है तो घर बनाना सस्ता हो सकता है। अगर आप अपना प्लॉट लेकर घर बनाते हैं तो आपको फायदा हो सकता है। हालांकि, अगर आप रेडी टू मूव या फिर अंडर कंस्ट्रक्शन वाले घर, फ्लैट लेते हैं तो यह बिल्डर पर डिपेंड करता है कि वह आपको कितना डिस्काउंट दे सकता है।

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    प्रदीप मिश्रा ने बताया कि आमतौर पर जब सामान महंगा होता है तो घर-फ्लैट के दाम महंगे हो जाते हैं। लेकिन जब सामान में किसी प्रकार की कमी आती है तो बिल्डर अपनी प्रॉपर्टी के दाम कम नहीं करते। क्योंकि, प्रॉपर्टी की डिमांड हमेशा रहती है।

    कुल मिलाकर, जीएसटी काउंसिल की बैठक में अगर कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग सेक्टर पर राहत के फैसले होते हैं तो यह घर खरीदने वालों और बनाने वालों दोनों के लिए बड़ी खुशखबरी साबित हो सकती है।

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