क्या आपको भी गोल्ड ETF से मिला है गजब का रिटर्न, अब गिरावट के बीच प्रॉफिट बुकिंग करें या नहीं?
पिछले कुछ महीनों में गोल्ड ईटीएफ ने शानदार रिटर्न दिया है, लेकिन हाल ही में इसमें गिरावट आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुनाफावसूली के कारण है। निवेशकों को एसआईपी या एसटीपी के जरिए धीरे-धीरे निवेश करने की सलाह दी जाती है ताकि वे कीमतों के उतार-चढ़ाव का असर कम कर सकें। गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड की कीमत को ट्रैक करते हैं और स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होते हैं।

नई दिल्ली। अगर आपने पिछले कुछ महीनों में गोल्ड ETF में निवेश किया है, तो आपने शानदार रिटर्न कमाया होगा। पिछले तीन महीनों में गोल्ड ETF ने औसतन 23% का रिटर्न दिया है। इनमें UTI Gold ETF ने सबसे ज़्यादा 27.19% का मुनाफा दिया, जबकि LIC MF Gold ETF ने 23.40%, Kotak Gold ETF ने 22.96% और Nippon India ETF Gold BeES ने 22.94% का रिटर्न दिया। सबसे कम रिटर्न Tata Gold ETF से आया, जो करीब 22.25% रहा।
लेकिन अब ये तेजी थोड़ी थमती दिख रही है। पिछले कुछ हफ्तों में गोल्ड ETF में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों ने मुनाफा बुकिंग (Profit Booking) के चलते कुछ सुधार किया है, जिससे कीमतों में गिरावट आई।
| ETF का नाम | रिटर्न (%) |
| UTI Gold ETF | 27.19 |
| LIC MF Gold ETF | 23.4 |
| Kotak Gold ETF | 22.96 |
| Nippon India ETF Gold BeES | 22.94 |
| Tata Gold ETF | 22.25 |
अप्रैल से शुरू हुई रैली का क्या था कारण?
कोटक म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर सतीश डोंडापाटी का कहना है कि अप्रैल 2025 से शुरू हुई ये रैली कई कारणों से मजबूत रही जिनमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व का संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीद रही। इसके अलावा भू-राजनीतिक तनावों में बढ़ोतरी, सेंट्रल बैंकों की लगातार खरीदारी और सुरक्षित निवेश (safe-haven buying) की मांग की वजह से यह तेजी देखने को मिली।
हाल ही में आए $250–$300 के उछाल के पीछे भी अमेरिकी सरकार के शटडाउन से जुड़ी चिंताएं मुख्य वजह थीं। लेकिन जैसे ही निवेशकों ने मुनाफा बुक किया और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स के साथ डॉलर मजबूत हुआ, सोने में थोड़ी गिरावट आ गई।
हाल की गिरावट
पिछले दो हफ्तों में गोल्ड ETF की रफ्तार थमी है। औसतन सिर्फ 0.70% का रिटर्न मिला है। UTI Gold ETF ने सबसे ज्यादा 4.26% का फायदा दिया है। जबकि Aditya Birla Sun Life Gold ETF ने सिर्फ 0.12% का रिटर्न दिया है।
पिछले एक हफ्ते में स्थिति और कमजोर रही है और औसतन गोल्ड ETF ने 6.11% की गिरावट दिखाई। Tata Gold ETF में सबसे ज़्यादा गिरावट 6.81% रही है। जबकि UTI Gold ETF ने सबसे कम 2.64% का नुकसान दिखाया है।
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क्या ये गिरावट चिंता की बात है?
विशेषज्ञों का कहना है कि ये शॉर्ट-टर्म वोलैटिलिटी (short-term volatility) है, न कि कोई बड़ा ट्रेंड रिवर्सल। मध्यम और लंबी अवधि में सोने के लिए पॉजिटिव फैक्टर्स अब भी बने हुए हैं। जिनमें बढ़ता ग्लोबल कर्ज (global debt levels), सेंट्रल बैंकों की लगातार सोना खरीदी और दुनिया भर में जारी भू-राजनीतिक और महंगाई का दबाव बना हुआ है।
बिलियनेयर निवेशक रे डेलियो ने भी चेतावनी दी है कि अमेरिका के रूस के तेल पर लगाए गए प्रतिबंध वैश्विक वित्तीय बाजारों को झटका दे सकते हैं, जिससे डॉलर कमजोर और सोने की कीमतें मजबूत हो सकती हैं।
उनके मुताबिक, सोना हमेशा से एक नॉन-फिएट करेंसी (यानी सरकार द्वारा नियंत्रित न होने वाली मुद्रा) रहा है और करेंसी संकट या कम ब्याज दरों के समय में इसका प्रदर्शन बेहतर रहता है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
सतीश डोंडापाटी का सुझाव है कि निवेशक अभी लंप-सम (एकमुश्त) निवेश से बचें। इसके बजाय SIP (Systematic Investment Plan) या STP (Systematic Transfer Plan) के जरिए धीरे-धीरे निवेश करें। इससे आप कीमतों के उतार-चढ़ाव का असर कम कर पाएंगे और औसत लागत पर अच्छा फायदा मिलेगा।
गोल्ड ETF ऐसे फंड होते हैं जो फिजिकल गोल्ड की कीमत को ट्रैक करते हैं। हर यूनिट आम तौर पर एक ग्राम सोने के बराबर होती है। ये स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड रहते हैं, इसलिए इन्हें खरीदने-बेचने के लिए डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है।
"ETF से जुड़े अपने सवाल आप हमें business@jagrannewmedia.com पर भेज सकते हैं।"
(डिस्क्लेमर: यहां ETF को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

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