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    SFURTI स्कीम क्या है, जिसमें सरकार दे रही 8 करोड़ रुपये; कैसे करें आवेदन? जानें फायदे

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 03:17 PM (IST)

    SFURTI योजना, जो 2005 में शुरू हुई, पारंपरिक उद्योगों को मजबूत करने के लिए है। MSME मंत्रालय द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य कारीगरों को स्थायी ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। यदि आपने कभी सोचा हो कि हमारे गांवों और कस्बों में काम करने वाले कारीगर, बुनकर, कुम्हार, कोयर या खादी से जुड़े लोग अपने काम को आगे कैसे बढ़ा सकते हैं, तो इसके लिए सरकार की एक खास योजना SFURTI यानी स्कीम ऑफ फंड फॉर रिजेनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज है।

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    यह योजना 2005 में भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उ द्यम मंत्रालय (MSME) ने शुरू की थी। इसका मकसद बहुत साफ है कि देश के पारंपरिक उद्योगों को ज्यादा मजबूत, आधुनिक, बाजार से जुड़ा हुआ और मुनाफे वाला बनाना, ताकि कारीगरों और ग्रामीण उद्यमियों को स्थायी रोजगार और बेहतर आमदनी मिल सके।

    योजना काम कैसे करती है?

    SFURTI योजना को लागू करने की ज़िम्मेदारी कॉयर बोर्ड के पास है, जो इस योजना का नोडल एजेंसी है। जमीन पर काम करने के लिए कॉयर बोर्ड अलग-अलग क्लस्टरों के लिए इम्प्लीमेंटिंग एजेंसियों (IA) को चुनता है। इन क्लस्टरों में आम तौर पर एक ही क्षेत्र में रहने वाले करीब 500 कारीगर या छोटे उद्यमी शामिल होते हैं।

    कितना फंड मिलता है?

    SFURTI योजना के तहत एक क्लस्टर प्रोजेक्ट के लिए अधिकतम ₹8 करोड़ तक का फंड उपलब्ध कराया जाता है। इसमें सबसे खास बात यह है कि सॉफ्ट इंटरवेंशन (जैसे स्किल ट्रेनिंग, डिजाइन डेवलपमेंट, मार्केटिंग, ब्रांडिंग आदि) पर सरकार 100% खर्च उठाती है। हार्ड इंटरवेंशन (जैसे कॉमन फैसिलिटी सेंटर, मशीनरी, रॉ मटेरियल बैंक, इंफ्रास्ट्रक्चर) पर सामान्य राज्यों में 75% फंड सरकार देती है। जबकि उत्तर-पूर्वी राज्यों, जम्मू-कश्मीर और पहाड़ी राज्यों में 90% तक सरकारी सहायता मिलती है। बाकी हिस्सा इम्प्लीमेंटिंग एजेंसी या क्लस्टर से आता है।

    फंडिंग का ढांचा

    सॉफ्ट इंटरवेंशन (ट्रेनिंग, डिज़ाइन, मार्केटिंग आदि) पर सरकार 100% खर्च उठाती है। हार्ड इंटरवेंशन (मशीनें, CFC, इंफ्रास्ट्रक्चर) पर सामान्य राज्यों में 75% और उत्तर-पूर्व, जम्मू-कश्मीर व पहाड़ी राज्यों में 90% तक सरकारी सहायता मिलती है। पूरे प्रोजेक्ट की अधिकतम सीमा ₹8 करोड़ तक रखी गई है।

    किन्हें मिल सकता है लाभ?

    इस योजना के लिए NGO, सरकारी व अर्ध-सरकारी संस्थान, पंचायतें, प्राइवेट कंपनियां, CSR फाउंडेशन और क्लस्टर-आधारित SPV आवेदन कर सकते हैं।बशर्ते उनके पास क्लस्टर डेवलपमेंट का अनुभव हो।

    आवेदन कैसे करें?

    आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। इच्छुक संस्थाएँ SFURTI पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करके, ज़रूरी दस्तावेज़ अपलोड कर के अपना प्रस्ताव जमा कर सकती हैं।

    इस योजना का असली फायदा क्या है?

    • कारीगरों को समूहों और समितियों में संगठित करना
    • नए डिजाइन, बेहतर पैकेजिंग और मार्केटिंग की सुविधा
    • स्किल ट्रेनिंग, एक्सपोज़र विज़िट और तकनीकी प्रशिक्षण
    • कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC), रॉ मटेरियल बैंक, ट्रेनिंग सेंटर

    आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम

    SFURTI योजना का एक बड़ा उद्देश्य है ‘लोकल से ग्लोबल’ है। पारंपरिक कारीगरी को आधुनिक तकनीक, ब्रांडिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़कर सरकार देश के कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है।

    सीधे शब्दों में कहें तो SFURTI योजना हमारे पारंपरिक हुनर को सिर्फ बचाने की नहीं, बल्कि उसे नई ऊंचाइयों तक ले जाने की कोशिश है, ताकि कारीगर सम्मान के साथ कमाएं और देश की पहचान और मजबूत हो।

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