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    LPG पर मंडराया संकट, ईरान-इजरायल संघर्ष से गैस की किल्लत; भारत में महंगी होगी 2 वक्त की रोटी!

    इजरायल और ईरान (Israel Iran War) के बीच चल रहे संघर्ष की वजह से भारत द्वारा पश्चिमी देशों से आयात की जाने वाली एलपीजी (LPG Gas supply) पर असर पड़ सकता है। इस संघर्ष में अब अमेरिका भी आ गया है। उसने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करके तनाव को और बढ़ा दिया है।  

    By Gyanendra Tiwari Edited By: Gyanendra Tiwari Updated: Mon, 23 Jun 2025 04:03 PM (IST)
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    नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष ने भारत की टेंशन बढ़ा दी है। भारत में 3 में से 2 घरेलू गैस सिलेंडर पूर्वी एशिया से आते हैं। इस क्षेत्र में तनाव बढ़ने से एलपीजी की सप्लाई पर असर पड़ सकता है। और इसका नुकसान सबसे पहले भारतीयों को उठाना पड़ सकता है।

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    अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करके दुनिया के सबसे ज्यादा तेल उत्पादक क्षेत्र से आपूर्ति बाधित होने की चिंता को बढ़ा दिया है। ऐसे में एलपीजी की सप्लाई पर असर पड़ने से भारत को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

    कितनी LPG आयात करता है भारत

    पिछले 10 वर्षों में भारत में LPG गैस का उपयोग 2 गुना तक बढ़ गया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 33 करोड़ घर एलपीजी का इस्तेमाल करते हैं। इस्तेमाल में वृद्धि के चलते इसे दूसरे देशों से आयात करना पड़ता है। भारत 66 फीसदी एलपीजी आयात करता है। इसमें सबसे ज्यादा सऊदी अरब 95% है। इसके बाद हम यूएई और कतर से एलपीजी आयात करते हैं।

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    सिर्फ 16 दिनों के खपत के लिए ही देश में एलपीजी का स्टोरेज है। यानी अगर पश्चिमी एशिया से एलपीजी का आयात प्रभावित होता है तो हमारे पास सिर्फ 16 दिन के लिए ही गैस बची है। हालांकि पेट्रोल और डीजल के मामले में हमारी स्थिति बेहतर है। भारत दोनों का निर्यात करता है। जरूरत पड़ने पर पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर रोक लगाकर घरेलू बाजार की मांग की आपूर्ति की जा सकती है।

    मिडिल ईस्ट से प्रभावित हुई LPG सप्लाई तो और क्या हैं विकल्प?

    मिडिल ईस्ट के देशों से आयात प्रभावित होने पर भारत के पास LPG के लिए अमेरिका, यूरोप, मलेशिया या अफ्रीका जैसे विकल्प हैं। हालांकि, इसके शिपमेंट में काफी समय लगता है। इन देशों से एलपीजी आयात करने से कीमत महंगी हो सकती है।

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    कितने घरों में LPG और कितने में PNG?

    भारत में इस समय 33 करोड़ घरों में एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल होता है। अभी इन घरों तक पाइप्ड नेचुरल गैस की पहुंच नहीं है। सिर्फ 1.5 करोड़ घरों में ही PNG उपलब्ध है। ऐसे में एलपीजी की आपूर्ति बाधित होने से बिजली से खाना बनाना ही एकमात्र विकल्प बचता है। क्योंकि केरोसिन की आपूर्ति बंद है।

    तेल कंपनियां नहीं कर रहीं खरीदारी?

    मिडिल ईस्ट में उपजे संघर्ष के बावजूद तेल कंपनियां खरीदारी नहीं कर रही हैं। उन्हें लगता है कि आपूर्ति बाधित होने का जोखिम बहुत कम है। भारत का क्रूड ऑयल स्टॉक 25 दिनों का है।

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    एक सूत्र ने बताया, "अगर हम अभी एलपीजी या फिर क्रूड ऑयल का ऑर्डर भी करते हैं तो डिलीवरी होने में एक महीने का समय लग जाएगा। हमारे पास स्टोरेज कैपेसिटी लिमिटेड है। तेल की कीमतों में उछाल अस्थायी होगा। क्योंकि वैश्विक बाजार में कीमतें जल्दी स्थिर हो जाती हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतें पिछले तीन सालों से स्थिर बनी हुई है। अभी इसमें कोई बदलाव आने की संभावना कम है। हम सर्तक हैं और घरेलू उपभोक्ताओं की जरूरतों को प्राथमिकता दे रहे हैं।"