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    क्या है पब्लिक लायबिलिटी इंश्योरेंस, किनके लिए बाध्यकारी; 6 प्वाइंट्स में समझें दुर्घटना होने पर कैसे मिलेंगे ₹15 करोड़

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 06:12 PM (IST)

    पब्लिक लायबिलिटी इंश्योरेंस व्यवसायों को शारीरिक चोट या संपत्ति की क्षति के लिए वित्तीय और कानूनी जिम्मेदारी से बचाता है। 1991 में लागू पीएलआई एक्ट खतरनाक पदार्थों से जुड़े बिजनेस के लिए अनिवार्य है। यह दुर्घटना की स्थिति में पीड़ितों को मुआवजा सुनिश्चित करता है। शारीरिक चोट संपत्ति क्षति और कानूनी लागतें कवर होती हैं।

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    क्या है पब्लिक लायबिलिटी इंश्योरेंस, किनके लिए बाध्यकारी; 6 प्वाइंट्स में समझें दुर्घटना होने पर कैसे मिलेंगे ₹15 करोड़

    नई दिल्ली। What is Public Liability Insurance: आज के समय में किसी भी बिजनेस को करने में कई तरह के रिस्क होते हैं। खासकर  केमिकल्स, मैन्युफैक्चरिंग, फार्मास्यूटिकल्स, माइनिंग और पेट्रोकेमिकल वाले बिजनेस में। इस तरह के उद्योग में हादसे होने का डर रहता है। दुनिया भर में ऐसी कई घटनाएं देखने को मिल चुकी हैं, जब किसी फैक्ट्री में बड़ा हादसा हुआ हजारों की जान चली गई। इसका सबसे सटीक उदाहरण भोपाल गैस त्रासदी है। 1984 में हुई इस त्रासदी में  3787 लोगों की जान चली गई थी, जबकि लाखों लोग इससे आज भी प्रभावित हैं। इस दुर्घटना के बाद सरकार ने 1991 में पब्लिक लायबिलिटी इंश्योरेंस (PLI) एक्ट लागू किया था।

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    1. क्या है पब्लिक लायबिलिटी इंश्योरेंस ।  What is Public Liability Insurance

    पब्लिक लायबिलिटी इंश्योरेंस व्यवसायों को उनके परिसर में या उनके संचालन के कारण होने वाली किसी तीसरे पक्ष की शारीरिक चोट या संपत्ति की क्षति के लिए वित्तीय और कानूनी जिम्मेदारी से बचाता है।

    यह एक वित्तीय सुरक्षा जाल के रूप में कार्य करता है, जो ग्राहकों, आगंतुकों या अन्य गैर-कर्मचारियों से जुड़ी दुर्घटनाओं से उत्पन्न होने वाले चिकित्सा बिल, कानूनी शुल्क और क्षति के दावों जैसे खर्चों को कवर करता है, जिनके लिए व्यवसाय कानूनी रूप से उत्तरदायी है। यह कवरेज सार्वजनिक संपर्क वाले व्यवसायों के लिए आवश्यक है, यह मानसिक शांति प्रदान करता है और गंभीर वित्तीय तनाव को रोकता है।

    1984 की भोपाल गैस त्रासदी के बाद 1991 में लागू किया गया पब्लिक लायबिलिटी इंश्योरेंस (पीएलआई) एक्ट, खतरनाक पदार्थों से जुड़े किसी भी बिजनेस के लिए इंश्योरेंस कवर लेना अनिवार्य हो गया है। इसका उद्देश्य किसी भी इंडस्ट्रियल एक्सीडेंट की स्थिति में पीड़ितों को शीघ्र मुआवजा सुनिश्चित करना और पर्यावरण की रक्षा करना है। यह न केवल एक कानूनी दायित्व है, बल्कि व्यवसायों के लिए एक नैतिक जिम्मेदारी भी है।

    2. किसे PLI लेना जरूरी है?

    PLI उन सभी बिजनेस के लिए अनिवार्य है जो खतरनाक चीजों को स्टोर करता है, ढोता है या उनका इस्तेमाल करता है।। इसमें केमिकल्स, मैन्युफैक्चरिंग, फार्मास्यूटिकल्स, माइनिंग और पेट्रोकेमिकल जैसे क्षेत्र शामिल हैं। टियर 2 और टियर 3 क्लस्टर्स में कई MSME अभी भी इसके बारे में नहीं जानते हैं, लेकिन नियामकों द्वारा अब इसे सख्ती से लागू किया जा रहा है इसलिए इसके अनुपालन अब आवश्यक हो गया है।

    3. किस तरह के नुकसान को कवर करता है PLI?

    2024 के संशोधन के तहत, पीएलआई कवरेज शारीरिक चोट, संपत्ति क्षति, संपत्ति क्षति और कानूनी लागत को कवर करता है। जैसै-

    शारीरिक चोट: किसी तीसरे पक्ष को शारीरिक क्षति, जैसे कि किसी ग्राहक का आपकी संपत्ति पर फिसलकर उसकी हड्डी टूट जाना।

    संपत्ति क्षति: किसी तीसरे पक्ष की संपत्ति का नुकसान या क्षति, जैसे कि आपके व्यवसाय के पार्किंग स्थल में खड़े किसी ग्राहक के वाहन का क्षतिग्रस्त हो जाना।

    कानूनी लागत: किसी दावे का बचाव करने से जुड़े खर्च, जिसमें वकील की फीस और अन्य कानूनी लागतें शामिल हैं।

    4. कितना मिलता है क्लेम?

    मृत्यु: ₹5,00,000 + मेडिकल खर्च अधिकतम ₹1.5 लाख

    पर्मानेन्ट डिसेबिलिटी: ₹5,00,000 + मेडिकल खर्च अधिकतम ₹25,000

    टेम्पररी डिसेबिलिटी: ₹25,000 प्रति माह (3 महीने तक)

    प्रोपर्टी डैमेज: ₹50,00,000 तक

    अन्य चोटें/बीमारियां: ₹25,000 तक

    कुल मिलाकर, प्रति दुर्घटना ₹5 करोड़ और एनुअली कुल ₹15 करोड़ तक का इंश्योरेंस अनिवार्य है।

    5. अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो क्लेम कैसे किया जाता है?

    अपनी इंश्योरेंस कंपनी को तुरंत (अक्सर 24-48 घंटों के अंदर) हेल्पलाइन, ईमेल या क्लेम पोर्टल के माध्यम से सूचित करें। प्रारंभिक डिटेल्स प्रदान करें: पॉलिसी संख्या, तारीख, समय, घटना का स्थान, चोट/नुकसान की जानकारी, गवाहों के नाम/कॉन्टेक्ट नंबर, अगर कोई हो तो।

    आपको आमतौर पर ये जमा करने होंगे:

    • क्लेम फॉर्म (पूरी तरह भरा हुआ)
    • एफआईआर की कॉपी
    • घटना रिपोर्ट (आपके कर्मचारी या सुरक्षा अधिकारी द्वारा तैयार)
    • घटना की तस्वीरें/सीसीटीवी फुटेज
    • मेडिकल रिपोर्ट/अस्पताल के बिल (शारीरिक चोट के क्लेम के लिए)
    • प्रॉपर्टी को हुआ नुकसान चालान/मरम्मत का अनुमान
    • अदालत का समन या कानूनी नोटिस (अगर थर्ड पार्टी कानूनी कार्रवाई शुरू करता है)

    बीमाकर्ता एक सर्वेक्षक, इन्वेस्टर या लॉस एडजस्टर को नियुक्त कर सकता है ताकि:

    मौके का दौरा किया जा सके

    नुकसान/किस प्रकार की चोट है उसका आकलन किया जा सके

    लापरवाही/लायबिलिटी की पुष्टि की जा सके

    लीगल पेपर्स की समीक्षा की जा सके

    कानूनी कार्यवाही (अगर कोई हो)

    अगर थर्ड पार्टी कानूनी क्लेम फाइल करता है, तो बीमाकर्ता आमतौर पर ये काम संभालता है:

    • वकील नियुक्त करना
    • अदालती कार्यवाही संभालना
    • आपकी ओर से समझौते पर बातचीत करना
    • क्लेम सैटलमेंट

    मूल्यांकन और कानूनी प्रक्रिया के बाद:

    • बीमाकर्ता थर्ड पार्टी को दिए गए कंपन्शेसन (पॉलिसी लिमिट तक) का भुगतान करता है।
    • कानूनी खर्च, डिफेंस  कॉस्ट और ब्याज भी (शर्तों के अनुसार) कवर किए जा सकते हैं।
    • सैटलमेंट जारी होने से पहले आपको डिडक्टिबल्स/अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ सकता है।
    • निपटान हो जाने के बाद बीमाकर्ता एक डिस्चार्ज वाउचर जारी करता है।

    6.PLI Act आम लोगों और पर्यावरण की सुरक्षा कैसे करता है?

    PLI एक्ट न केवल श्रमिकों, बल्कि आसपास के लोगों और कम्युनिटिज की भी सुरक्षा करता है—किसी कारखाने के पास पैदल चलने वालों, इंडस्ट्रियल युनिट्स के बाहर छोटे विक्रेताओं, या किसी खतरनाक स्थल के आसपास के स्कूलों की भी। इंश्योरेंस को अनिवार्य बनाकर, यह एक्ट यह सुनिश्चित करता है कि कॉर्पोरेट लापरवाही के कारण होने वाली इंडस्ट्रियल एक्सिडेंट्स के विनाशकारी प्रभावों से मानव जीवन और पर्यावरण की रक्षा हो।

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