अमेरिका-वेनेजुएला तनाव से सोने-चांदी को मिल रही मदद, नए रिकॉर्ड पर पहुंचे दाम; चेक करें ताजा भाव
मंगलवार को सोने और चांदी की कीमतों (Gold-Silver Price) में 1 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी आई, जिससे वे रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। अमेरिका और वेनेजुएला के ...और पढ़ें

सोने-चांदी के दामों में क्यों आ रही है तेजी?
आईएएनएस, नई दिल्ली। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन, मंगलवार को सोने (Gold Price) और चांदी की कीमतों (Silver Price) में 1 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी देखी गई और दोनों कीमती धातुएं अपने अब तक के रिकॉर्ड ऊंच्च स्तर पर पहुंच गईं। इसकी बड़ी वजह दुनिया में बढ़ता तनाव, खासकर अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ता विवाद रहा, जिससे लोग सुरक्षित निवेश के रूप में सोना-चांदी खरीद रहे हैं।
एमसीएक्स पर फरवरी कॉन्ट्रैक्ट वाला सोना 1.2 प्रतिशत बढ़कर 1,38,381 रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। खबर लिखे जाने तक (दोपहर करीब 12:51 बजे) यह 1,588 रुपए यानी 1.16 प्रतिशत की उछाल के साथ 1,38,332 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था।
कहां पहुंची चांदी की कीमत?
चांदी की कीमत 1.7 प्रतिशत बढ़कर 2,16,596 प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। खबर लिखे जाने तक यह 2,547 रुपए यानी 1.20 प्रतिशत की तेजी के साथ 2,15,419 रुपए प्रति किलोग्राम पर था। सत्र के दौरान डॉलर इंडेक्स में करीब 0.20 प्रतिशत की गिरावट आई।
डॉलर कमजोर होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना अन्य देशों की मुद्राओं में सस्ता हो गया, जिससे इसकी मांग और बढ़ गई। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव के कारण दुनिया में अनिश्चितता बढ़ी है, जिससे सोने और चांदी की कीमतों को मजबूती मिली है।
क्यों बढ़ा यूएस-वेनेजुएला के बीच तनाव?
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस महीने प्रतिबंधों के तहत अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने वेनेजुएला का तेल ले जा रहे एक सुपर टैंकर को जब्त कर लिया था। इसके अलावा, सप्ताहांत में वेनेजुएला से जुड़े दो और जहाजों को रोकने की कोशिश की गई, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया।
मेहता इक्विटीज के कमोडिटीज उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के बीच छुट्टियों के चलते छोटे हुए कारोबारी हफ्ते की शुरुआत में ही सुरक्षित निवेश की ओर रुझान देखने को मिल रहा है, जिससे सोने और चांदी की मांग बढ़ी है।
अब किधर जाएंगे सोने-चांदी के दाम?
कलंत्री ने कहा कि अमेरिका-वेनेजुएला तनाव के अलावा रूस के एक सेना अधिकारी की बम धमाके में मौत जैसी घटनाओं ने भी दुनिया में डर और अनिश्चितता बढ़ाई, जिससे कीमती धातुएं मजबूत हुईं। अमेरिका में महंगाई कम होने और जापान के केंद्रीय बैंक की बैठक से कोई बड़ा झटका न मिलने से भी सोने और चांदी की कीमतों को सहारा मिला।
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने को 1,35,550 से 1,34,710 रुपए के बीच सपोर्ट मिल सकता है, जबकि रुकावट का स्तर 1,37,650 से 1,38,470 रुपए तक के बीच में है। वहीं चांदी को 2,11,150 से 2,10,280 रुपए के बीच सपोर्ट मिल रहा है, जबकि रुकावट 2,13,810 और 2,14,970 रुपए के स्तर पर है।
1979 के बाद का सबसे अच्छा साल
केंद्रीय बैंकों की ज्यादा खरीद, अमेरिका में ब्याज दरें घटने की उम्मीद, अमेरिकी टैक्स को लेकर चिंता, अंतरराष्ट्रीय तनाव और गोल्ड-सिल्वर ईटीएफ में मजबूत निवेश ने इस वर्ष सोने और चांदी की कीमतों को बढ़ावा दिया। घरेलू हाजिर सोने की कीमतों में इस साल अब तक करीब 76 प्रतिशत और अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है, जो 1979 के बाद का सबसे अच्छा साल माना जा रहा है।
वहीं चांदी की कीमतों में देश और विदेश दोनों जगह लगभग 140 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है।

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