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    Gold Price Forecast 2025 : ये 5 चीजें थामेंगी सोने की तेज रफ्तार, आएगी जोरदार गिरावट! ये क्या इशारा कर रहे विश्लेषक?

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 06:56 PM (IST)

    विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसलों से पहले सोने की कीमतों (Gold price forecast) में तेजी रुक सकती है लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक है। भू-राजनीतिक तनाव और मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर निवेशकों की नजर है। कीमतों में पहले ही 10% की वृद्धि हो चुकी है इसलिए व्यापारी सतर्क हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों का बाजार पर असर पड़ेगा।

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    अमेरिकी फेडरल रिजर्व के 17 सितंबर को नीति फैसले से पहले सोने की कीमतों में तेजी कुछ थम सकती है।

    नई दिल्ली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के 17 सितंबर को नीति फैसले से पहले सोने की कीमतों (Gold price forecast) में तेजी कुछ थम सकती है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि आगे चलकर इस कीमती धातु की चमक बरकरार रहेगी। 

    उन्होंने कहा कि कारोबारी शुल्क प्रभाव का आकलन करने के लिए पहला व्यापार मुद्रास्फीति के आंकड़े, दूसरा ब्रिटेन और यूरो क्षेत्र सहित तीसरा प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुद्रास्फीति के आंकड़ों और चौथा बैंक ऑफ इंग्लैंड तथा पांचवां बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक नीति बैठकों पर नजर रखेंगे। 

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    जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के जिंस एवं मुद्रा शोध के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा, ''सोने की कीमतों में सकारात्मक गति जारी रही और यह लगातार चौथे सप्ताह बढ़त के साथ बंद हुआ। हालांकि सप्ताह के मध्य में बढ़त की गति कुछ धीमी हो गई। पिछले चार हफ्तों में कीमतों में 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी के बाद निवेशक और कारोबारी अब सतर्क हो गए हैं और मौजूदा कीमतों पर नए तेजी के सौदे जोड़ने से हिचक रहे हैं।''

    उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया और रूस-यूक्रेन में भू-राजनीतिक तनाव के कारण सोने की कीमतों को समर्थन मिल रहा है। मेर ने कहा कि सोना-चांदी की कीमतों के सकारात्मक बने रहने की उम्मीद है, लेकिन फिलहाल निवेशकों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों पर है। 

    ऐसे में कीमतों में कुछ समेकन देखने को मिल सकता है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय बैठक 16 सितंबर को शुरू होगी और 17 सितंबर को नीति निर्णय की घोषणा की जाएगी।

    एंजल वन के प्रथमेश माल्या ने कहा कि अमेरिका में भारतीय आयात पर लगाए गए 50 प्रतिशत के शुल्क और हाल के हफ्तों में रूस-यूक्रेन संघर्ष बढ़ने के चलते यह तेजी आश्चर्यजनक नहीं है। 

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