Budget 2025: बजट का आपकी लाइफस्टाइल पर कितना असर पड़ता है, खरीदारी से निवेश तक क्या हैं मायने? पढ़ें पूरी डिटेल
Union Budget 2025 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल यानी 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025 संसद में पेश करेंगी। बजट में इनकम टैक्स स्लैब बदलाव महंगाई बुनियादी ढांचा खर्च और सामाजिक योजनाओं पर जोर हो सकता है। बजट व्यवहार और जीवनशैली पर क्या प्रभाव डालता है बजट को लाइव कहां देख सकते हैं जैसे सभी सवालों के जवाव के लिए यहां पढ़ें-

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल, यानी 1 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट 2025 पेश करेंगी। सभी की निगाहें बजट पर टिकी हुई हैं। जीवन यापन के लिए बढ़ते खर्चे और आर्थिक दबावों के बीच बहुत खासकर टैक्सपेयर समेत कई सेक्टरों के लोगों को बजट से राहत की उम्मीद है।
बजट क्या होता है?
बजट वह प्रक्रिया है, जिसमें सरकार संसद में पूरे साल का लेखा जोखा बताती है, जिसमें तीन मुख्य चीजें- आय, व्यय और उधार के बारे में होता है। यानी कि सरकार ने पिछले साल कितना पैसा जुटाया, इसे कहां खर्च किया और कितना उधार लेना पड़ा।
बजट एक वित्तीय वर्ष के खत्म होने से पहले और दूसरे की शुरुआत से पहले आता है। इसमें यह भी बताया जाता है कि चालू वित्तीय वर्ष में अनुमानित कितनी कमाई होगी, कहां और कितना पैसा खर्च होगा। सरकार को कितना उधार लेना पड़ सकता है।
बजट क्यों मायने रखता है?
आमतौर पर लोगों को लगता है कि बजट से उनको क्या लेना-देना, यह उनका पैसा नहीं है। कुछ चीजें महंगी होंगी, कुछ सस्ती। थोड़ी बहुत टैक्स की राहत मिल सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है। जो लोग बजट को समझते हैं, वो जानते हैं कि सरकार का पैसा जैसा कुछ होता ही नहीं है। सरकार जो भी कमाई करती है, खर्च करती है, वो सब टैक्सपेयर्स का पैसा होता है।
बजट अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है, खासकर कीमतों और आय पर प्रभाव डालकर। टैक्स, ड्यूटी और सब्सिडी में बदलाव कर वस्तुओं और सेवाओं की लागत को बदल सकता है। इसके जरिये उपभोक्ता व्यवहार और समग्र आर्थिक गतिशीलता को आकार दे सकता है।
आइए यहां समझिए आय पर बजट के प्रभाव
प्रत्यक्ष प्रभाव
- इनकम टैक्स में बदलाव: टैक्स स्लैब या दरों में बदलाव होने पर सीधे आपकी घर ले जाने वाली आय (take-home pay) पर असर पड़ता है।
- कटौतियों/छूटों में संशोधन: अगर इनमें बदलाव होता है तो आपकी खर्च योग्य आय और बचत की क्षमता पर असर पड़ता है।
- पूंजीगत लाभ कर में बदलाव: इसमें बदलाव से शेयर, रियल एस्टेट, और बॉन्ड जैसे निवेशों पर मिलने वाले रिटर्न पर प्रभाव पड़ता है।
- प्रोफेशनल टैक्स/सरचार्ज: ये बदलाव विशेष रूप से उच्च आय समूहों ( higher-income groups) की शुद्ध आय पर प्रभाव डालते हैं।
अप्रत्यक्ष प्रभाव
- बुनियादी ढांचा खर्च: बुनियादी ढांचे पर सरकारी खर्च बढ़ने से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। निर्माण और संबद्ध उद्योगों जैसे क्षेत्रों में भी आय में वृद्धि होती है।
- ब्याज दर में बदलाव: उतार-चढ़ाव उधार लागत (जैसे- ईएमआई) और बचत पर रिटर्न को प्रभावित करते हैं, जिससे डिस्पोजेबल आय पर असर पड़ता है
- क्षेत्र-विशिष्ट प्रोत्साहन: इनसे लक्षित उद्योगों में उच्च वेतन और नौकरी के अवसर बढ़ सकते हैं।
- सामाजिक कल्याण योजनाएं: कमजोर समूहों को अतिरिक्त आय या सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिरता बढ़ती है।
आम जनता पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव
- महंगाई: बजट में लिए गए फैसले महंगाई को बढ़ा या घटा सकते हैं, जिससे आम आदमी के घर के बजट पर असर पड़ता है।
- उपभोग: अगर लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसे होंगे तो उपभोग बढ़ेगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
- बचत: टैक्स में छूट या अन्य प्रोत्साहनों से बचत को बढ़ावा मिल सकता है।
- निवेश: बजट निवेशकों को शेयर बाजार, रियल एस्टेट आदि में निवेश के लिए प्रोत्साहित या हतोत्साहित कर सकता है।
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आपकी जीवनशैली पर प्रभाव
खर्च करने की क्षमता: बजट आपके खर्च करने की क्षमता को सीधे प्रभावित कर सकता है।
बचत और निवेश: बजट आपको बचत और निवेश के लिए प्रेरित या हतोत्साहित कर सकता है।
जीवनशैली में बदलाव: बजट के कारण होने वाले आर्थिक बदलाव आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करने के लिए विविश कर सकते हैं।
बजट कहां देख सकते हैं?
बजट सत्र का संसद टीवी डीडी न्यूज समेत विभिन्न समाचार चैनलों पर सीधा प्रसारण होता है। बजट को आधिकारिक सरकारी प्लेटफार्मों और समाचार वेबसाइटों के माध्यम से ऑनलाइन भी स्ट्रीम किया जा सकता है। आप संसद टीवी https://sansadtv.nic.in/ पर सीधे बजट देख सकते हैं।
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