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    Budget Expectations: सरकार खोले राहत का पिटारा, गारमेंट्स और टेक्सटाइल इंडस्ट्री करेगी बूम

    Updated: Wed, 11 Dec 2024 05:48 PM (IST)

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगी। इस बजट से उद्योग जगत की काफी उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। गारमेंट्स और टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भी बजट से काफी उम्मीदें हैं। यह इंडस्ट्री सरकार से कुछ रियायतें चाहती है जिससे निवेश बढ़े और घरेलू निर्यातक दमदार तरीके से प्रतिस्पर्धा कर सकें। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।

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    गारमेंट्स सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए तमाम सुझाव सरकार के पास विचाराधीन है।

    कुंदन तिवारी, जागरण नोएडा। गारमेंट्स एवं टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम को पूरे सेक्टर पर लागू किया जाए। अभी सरकार ने केवल मैन मेड फाइबर पर यह स्कीम लागू कर रखी है। बजट में पीएलआई का लाभ गारमेंट्स एवं टेक्सटाइल इंडस्ट्री को मिलता है तो निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

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    संयुक्त उद्यम के तहत तमाम विदेशी कंपनी इस सेक्टर में देशी उत्पादन इकाइयों का सहयोग करने के लिए आगे आएंगी। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, रोजगार की संभावनाएं प्रबल होगी। पिछले दिनों तमाम ऐसे सुझाव सरकार को दिए गए है, जिस पर अमल किया जाना चाहिए।

    इंडस्ट्री की क्या है डिमांड?

    इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव बंसल ने बताया कि निर्यातकों को ऑर्डर पूरा करने के लिए बैंक से लोन लेना पड़ता है। इस पर सरकार की ओर से ब्याज में राहत देने के लिए इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम दी जाती थी, जो 30 सितंबर को समाप्त हो गई। इसको लंबी अवधि के लिए लागू रखना चाहिए। इसकी दर पहले की तरह पांच प्रतिशत की जाए।

    उन्होंने कहा कि सेक्टर में तरह-तरह के नवाचार के लिए पिछली सरकारों ने टेक्नोलाजी अपग्रेडेशन फंड स्कीम लागू की गई थी, जिससे नई-नई मशीनों के लिए सब्सिडी दी जाती थी, जिसे बंद कर दिया गया। इस स्कीम को भी फिर से शुरू किया जाना चाहिए।

    वृद्धिशील बिक्री पर प्रोत्साहन

    नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर के चेयरमैन ललित ठुकराल ने कहा कि सरकार घरेलू कंपनियों और प्रतिष्ठानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने या उनका विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिसके लिए सरकार वृद्धिशील बिक्री पर प्रोत्साहन प्रदान करती है। सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए तमाम सुझाव सरकार के पास विचाराधीन है।

    उन्होंने कहा कि चूंकि गारमेंट्स और टेक्सटाइल के क्षेत्र में नोएडा को हब माना जाता है और यह एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल है। इसलिए उम्मीद है कि बजट में सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार अवश्य सोच रही होगी।

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