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    60 साल तक CEO, हमेशा चलाया कीपैड फोन; दुनिया के सबसे बड़े निवेशक ने 95 की उम्र में छोड़ा पद

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 12:08 PM (IST)

    वॉरेन बफेट 95 साल की उम्र में बर्कशायर हैथवे के CEO पद से रिटायर हो गए हैं, 60 साल तक उन्होंने यह पद संभाला। अब ग्रेग एबेल उनकी जगह लेंगे। बफेट ने कीप ...और पढ़ें

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    60 साल तक CEO, हमेशा चलाया कीपैड फोन; दुनिया के सबसे बड़े निवेशक ने 95 की उम्र में छोड़ दिया पद

    नई दिल्ली। शेयर बाजार और बिजनेस की खबरों में दिलचस्पी रखने वालों के लिए आज का दिन बहुत बड़ा है। दरअसल, आज यानी 31 दिसंबर 2025 को दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफेट रिटायर हो रहे हैं। वह 95 साल के हैं। पिछले 60 सालों से वह बर्कशायर हैथवे के CEO का पद संभाल रहे थे। आज से वह इस पद से मुक्त हो जाएंगे। अब ग्रेग एबेल, बर्कशायर हैथवे के सीईओ की जिम्मेदारी निभाएंगे।

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    95 साल की उम्र में रिटायर होने वाले वॉरेन ने अपने करियर में बहुत कुछ देखा। 60 साल तक सीईओ रहते हुए उनके सामने कई कंपनियां डूब गईं, कई लोग कंगाल हो गए। लेकिन वॉरेन जस के तस बने रहे और दिनों-दिन अमीर होते चले गए। आज हम उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प पहलुओं के बारे में बताएंगे।

    हमेशा चलाया कीपैड फोन

    11 साल की उम्र में पहली बार शेयर खरीदने वाले वॉरेन बफेट ने हमेशा कीपैड फोन ही चलाया। कोविड कॉल में एप्पल के सीईओ टिम कुक ने उन्हें आईफोन गिफ्ट किया था। हालांकि, वह सिर्फ फोन के लिए ही इसका इस्तेमाल करते हैं।

    34 लाख करोड़ रुपये का कैश

    उनकी इन्वेस्टमेंट कंपनी बर्कशायर हैथवे दुनिया की सबसे बड़ी इन्वेस्टमेंट फर्म है। कंपनी के पास 34 लाख रुपये का कैश है। इस पैसे को वह कहीं निवेश नहीं करते न ही इसकी एफडी करते हैं। इस पैसे का इस्तेमाल वह कंगाल कंपनियों को खरीदने के लिए करते हैं। वॉरेन का मानना है कि हर सदी में ऐसे कई मौके जरूर आते हैं जब कोई न कोई अच्छी कंपनी कंगाल हो रही होती या डूब रही होती। ऐसे में उसे कम कीमत पर खरीदने का सही मौका होता है। और कैश के जरिए ही वॉरेन खरीदारी करते हैं।

    बुरी खबर ही है अच्छी खबर

    वॉरेन बफेट का मानना है कि जब बाजार के लिए कोई बुरी खबर आती है तो वह एक चतुर निवेशक के लिए अच्छी खबर आती है। इस दौरान लोग शेयर बाजार से पैसे निकालते हैं और शेयरों के दाम गिरते है। यही सही समय होता है जब आप अच्छे शेयरों को अच्छी कीमतों पर खरीद सकते हैं।

    इस नियम को फॉलो करते हैं वॉरेन बफेट

    निवेश करते समय वॉरेन बफेट हमशे इस नियम- 'रूल नंबर 1 कभी पैसा मत हारो, और दूसरा कि रूल नंबर वन को कभ मत भूलो' को फॉलो करते हैं। यह बफे के पूरे इन्वेस्टमेंट अप्रोच की नींव है। उनके अनुसार, कैपिटल को बचाना हमेशा पहला मकसद होना चाहिए। बहुत ज्यादा रिटर्न पाने के पीछे भागने के बजाय, बफेट ने इस बात पर जोर दिया कि सफल इन्वेस्टिंग असल में नुकसान से बचने के बारे में है।

    खूब दान करते हैं वॉरेन

    बफेट ने अपनी 99% दौलत दान करने का वादा किया है। उन्होंने पहले ही $60 बिलियन दान कर दिए हैं, जिसमें से $40 बिलियन गेट्स फाउंडेशन को दिए हैं। बाकी बची हुई रकम उनकी मौत के बाद दस सालों में उनके तीन बच्चों द्वारा मैनेज किए जाने वाले एक चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए बांटी जाएगी।

    बफेट कहते हैं, "मुझे अपने बच्चों पर भरोसा है। वे साथ मिलकर काम करेंगे और सही फैसले लेंगे।"

    दुनिया के 10वें सबसे अमीर शख्स हैं वॉरेन बफेट

    वॉरेन बफेट दुनिया के 10वें सबसे अमीर इंसान है। फोर्ब्स के अनुसार, बर्कशायर हैथवे के CEO वॉरेन बफेट की कुल संपत्ति $148.1 बिलियन है। हालांकि, "द ओरेकल ऑफ ओमाहा" के नाम से मशहूर बफेट कभी गरीब नहीं रहे, लेकिन पिछले पांच सालों में उनकी संपत्ति में काफी बदलाव आया है।

    2020 के फोर्ब्स आर्टिकल के अनुसार, बफेट 67.5 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के साथ जेफ बेजोस और बिल गेट्स के बाद तीसरे नंबर पर थे। इसका मतलब है कि बफेट ने पिछले पांच सालों में अपने नाम में 82 बिलियन डॉलर जोड़े हैं। आर्टिकल में बताया गया था कि 2020 के दौरान, बफेट की नेट वर्थ 2019 और 2021 के बीच असल में 15 बिलियन डॉलर कम हो गई थी। ऐसा 2020 में यात्रा की कमी के कारण हुआ, जिससे बर्कशायर हैथवे की एयरलाइन होल्डिंग्स की वैल्यू कम हो गई।

    बर्कशायर हैथवे की कई कंपनियों में हिस्सेदारी

    दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफेट की कंपनी बर्कशायर की कई कंपनियों में हिस्सेदारी है। 1962 में यह कंपनी किसी और के पास थी। इसके बाद इसके फाउंडर ने इसे बेचने के लिए बफेट के सामने पेशकश की। वॉरेन राजि हो गए। लेकिन जब पेमेंट के बारी आई तो मालिक ने शेयरों के दाम बढ़ा दिए थे।इससे वॉरने का भरोसा टूटा और उन्होंने ओपन मार्केट से ही इतना शेयर खरदी की वह इसके मालिक बन गए। हालांकि, कंपनी डूब चुकी थी। इसके बाद वॉरने ने इसे एक इन्वेस्टमेंट कंपनी में बदल दिया और बिजनेस को अलग-अलग सेक्टर में फैला दिया। आज उनकी यह कंपनी 189 अलग-अलग बिजनेस में कारोबार कर रही है।

    बर्कशायर की कुछ प्रमुख कंपनियां;
    1. एक्मे ब्रिक कंपनी
    2. आईएमसी इंटरनेशनल मेटलवर्किंग कंपनीज
    3. एलेघेनी कॉर्पोरेशन
    4. इंटरनेशनल डेयरी क्वीन, इंक.
    5. बेल लेबोरेटरीज
    6. आईपीएस
    7. बेन ब्रिज ज्वेलर
    8. जैजवेयर्स
    9. बेंजामिन मूर एंड कंपनी
    10. जॉन्स मैनविल
    11. बर्कशायर हैथवे ऑटोमोटिव
    12. जॉर्डन फर्नीचर
    13. बर्कशायर हैथवे डायरेक्ट इंश्योरेंस कंपनी (थ्री)
    14. जस्टिन ब्रांड्स
    15. बर्कशायर हैथवे एनर्जी कंपनी
    16. लार्सन-जूल
    17. बर्कशायर हैथवे गार्ड इंश्योरेंस कंपनीज
    18. लिक्विडपावर स्पेशलिटी प्रोडक्ट्स इंक. (LSPI)
    19. बर्कशायर हैथवे होमस्टेट कंपनीज
    20. लुई - मोटरसाइकिल एंड लेजर
    21. बर्कशायर हैथवे स्पेशलिटी इंश्योरेंस
    22. लुब्रिजाल कॉर्पोरेशन
    23. मार्मोन होल्डिंग्स, इंक.
    24. हेल्जबर्ग डायमंड्स
    25. होमसर्विसेज ऑफ अमेरिका
    इतना ही नहीं बफे के नेतृत्व में, बर्कशायर ने Apple, कोका-कोला और बैंक ऑफ अमेरिका जैसी कंपनियों में ₹25 लाख करोड़ से ज्यादा निवेश किया। अगस्त 2024 में, बर्कशायर $1 ट्रिलियन मार्केट कैपिटलाइजेशन को पार करने वाली पहली नॉन-टेक अमेरिकी कंपनी बन गई, जिसके पास ₹34 लाख करोड़ कैश था - जो दुनिया में सबसे बड़ा ऐसा रिजर्व है।

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