IRCTC सर्वर, तत्काल टिकट बुकिंग में क्यों हो रही दिक्कत? रेल मंत्री ने दिया जवाब; सुधार का बताया तरीका?
IRCTC पर तत्काल टिकट बुकिंग के दौरान सर्वर और पेमेंट की समस्याओं पर संसद में सवाल उठाया गया। रेल मंत्री ने बताया कि सरकार इन समस्याओं से अवगत है और सु ...और पढ़ें

नई दिल्ली। IRCTC पर टिकट बुक करते समय खासकर तत्काल टिकट बुकिंग (Tatkal Ticket Booking) के समय अक्सर सर्वर फेल, पेमेंट फेलियर और सिस्टम स्लो डाउन की समस्या होती है। आए दिन सोशल मीडिया X पर लोग इसकी शिकायत करते रहते हैं। इसी मुद्दे पर संसद के शीतकालीन सत्र में समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज ने सवाल पूछा है। इसके जवाब में रेलवे मंत्री अश्विनी वैश्वनव ने जवाब दिया है।
संसद में सरकार ने साफ किया है कि इन समस्याओं को लेकर वह पूरी तरह से अवगत है। सरकार कई स्तरों पर इस पर सुधार कर रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक विस्तृत जवाब में बताया कि IRCTC पोर्टल का अपटाइम अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच 99.98% और 2024-25 में 99.86% रहा है।
कितनी शिकायतें मिलीं?
सरकार ने शिकायतों की संख्या सार्वजनिक नहीं की, लेकिन यह स्वीकार किया कि फेल्ड ट्रांजैक्शन, रिफंड में देरी और बुकिंग एरर जैसी शिकायतें लगातार मिलती रहती हैं। रेलवे इन मामलों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग कर रहा है ताकि यात्रियों को जल्द समाधान मिल सके।
सरकार इसके रोकथाम पर क्या कर रही?
सरकार इसके रोकथाम के लिए फर्जी यूजर IDs पर कार्रवाई, साइबर अपराध पोर्टल पर शिकायतें कर रही है। सरकार ने उपभोक्ता सुरक्षा के लिए कई प्रशासनिक कदम उठाए गए हैं। जिनमें संदिग्ध यूजर IDs को तुरंत डीएक्टिवेट करना, संदिग्ध PNR पर नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल में शिकायत दर्ज करना और यूजर IDs की रिवैलिडेशन करना शामिल है। ये कदम सुनिश्चित करते हैं कि टिकट दलाल या बॉट यूजर्स सिस्टम पर दबाव न डालें और सही यूजर को बेहतर मौका मिले।
टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने के लिए सरकार ने क्या बड़े कदम उठाए
IRCTC ने मॉर्डन कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) का उपयोग, आधुनिक एंटी BOT तकनीक, बेहतर चेक और वैलिडेशन, नियमित थर्ड-पार्टी ऑडिट जैसी कई तकनीकी सुधार शामिल हैं। इन्हें थर्ड-पार्टी ऑडिट से सिस्टम की कमजोरियां पहचानकर लगातार सुधार किया जा रहा है।
ग्रामीण यात्रियों के लिए क्या व्यवस्था?
स्लो इंटरनेट वाले ग्रामीण क्षेत्रों में टिकट बुकिंग अक्सर चुनौती भरी होती है। इसे देखते हुए IRCTC ने अपनी वेबसाइट और ऐप को API आधारित तकनीक पर तैयार किया है, जिससे बहुत कम डेटा एक्सचेंज होता है।
इससे धीमे नेटवर्क पर भी टिकट बुकिंग संभव रहती है। CDN नेटवर्क ग्रामीण उपयोगकर्ताओं के लिए पेज लोडिंग को और तेज बनाता है।
ऑनलाइन टिकटिंग का हिस्सा बढ़ा
सरकार के अनुसार IRCTC पर अब कुल रिजर्वेशन में से 87% से अधिक टिकट ऑनलाइन बुक हो रहे हैं। रेल मंत्री ने बताया कि सिस्टम अपग्रेड और सर्वर क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। रियल-टाइम रिफंड और तेज प्रोसेसिंग की दिशा में भी काम प्रगति पर है, जो संसाधनों और आर्थिक व्यवहार्यता पर निर्भर करेगा।
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Source: Sansad

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