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    कौन है केतन पारेख, जिसे कोर्ट ने नहीं दी विदेश जाने की अनुमति, K-10 घोटाले से हिला दिया था शेयर बाजार

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 06:02 PM (IST)

    सेबी की स्पेशल कोर्ट ने केतन पारेख की उस अर्जी को ठुकरा दिया है जिसमें उसने विदेश यात्रा करने की अनुमति मांगी थी अदालत ने कहा कि इससे भारत के वित्तीय हितों को खतरा हो सकता है। दरअसल साल 2001 में केतन पारेख ने शेयर बाजार में एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया था जिसे K-10 स्कैम के तौर पर भी जाना जाता है।

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    केतन पारेख ने साल 2001 में बड़े घोटाले को अंजाम दिया था।

    नई दिल्ली। शेयर बाजार नियामक SEBI (सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) की स्पेशल कोर्ट ने केतन पारेख (Ketan Parekh) की विदेश यात्रा की अनुमति मांगने वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्वतंत्रता से चल रही जांच के साथ-साथ भारत के वित्तीय हितों को भी खतरा हो सकता है। दरअसल, केतन पारेख ने 4 महीने की विदेश यात्रा के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी थी, लेकिन याचिका में इस यात्रा से जुड़ा स्पष्ट विवरण नहीं दिया था।

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    कोर्ट ने कहा कि केतन पारेख को अतीत में दी गई अनुमतियों का कथित तौर पर अवैध प्रतिभूति लेनदेन जारी रखने के लिए दुरुपयोग किया गया था। आइये आपको बताते हैं कौन है केतन पारेख, जिसने हर्षद मेहता स्कैम के बाद शेयर बाजार में एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया था।

    केतन पारेख और K-10  स्कैम?

    केतन पारेख, पेशे से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और शेयर ब्रोकर रह चुका है, जिसने 2001 में शेयर बाजार में एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया था। 90 के दशक में केतन पारेख ने हर्षद मेहता के साथ मिलकर शेयर बाजार में काम किया इसलिए केतन को हर्षद मेहता का चेला तक कहा जाता है।

    हर्षद मेहता घोटाले के बाद भी केतन पारेख ने शेयर बाजार में अपने गोरखधंधे जारी रखे और साल 2001 में स्‍टॉक मार्केट मैनिपुलेशन घोटाल को अंजाम दिया, जिसे K-10 स्कैम के नाम से भी जाना जाता है। इस घोटाले में केतन ने फर्जी तरीके से छोटे मार्केट कैप वाली कंपनियों के शेयरों (K-10 स्टॉक) की कीमत बढ़ानी शुरू की थी।

    इसमें केतन पारेख ने बैंक से बड़े लोन लेकर छोटे स्‍टॉक खरीदे और बड़े निवेशकों से साठगांठ कर एक झटके में सारे K-10 स्‍टॉक बेच दिए। पंप और डंप के इस खेल के चलते मार्केट क्रैश हो गया. इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने केतन पारेख को दोषी पाया और 2 साल की सजा दी व सेबी ने 14 साल के लिए ट्रेडिंग करने पर बैन लगा दिया.

    सेबी ने आदेश में क्या कहा?

    सेबी की विशेष अदालत यह स्वीकार किया सर्वोच्च न्यायालय ने विदेश यात्रा के अधिकार को मूल अधिकार माना है, लेकिन इस मामले में राष्ट्रीय हित केतन पारेख के व्यक्तिगत कारणों से अधिक महत्वपूर्ण है। ऐसे में उन्हें खुली यात्रा की अनुमति देने से प्रतिभूति कानून के उल्लंघन का खतरा बढ़ सकता है।

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    बता दें कि केतन पारेख ने अपनी याचिका में पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए विदेश यात्रा की अनुमति मांगी थी, जिनमें एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होना, अपनी बड़ी बेटी की सेहत का हाल-चाल जानना और विदेश में रहने वाली बेटियों से मिलने की बात कही थी। केतन पारेख ने यूके, यूएई, सिंगापुर, थाईलैंड, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, यूरोपीय संघ और जॉर्जिया जैसे कई स्थानों की यात्रा करने की भी मांग की थी।