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    कौन है डोनाल्ड ट्रंप के सबसे खास सलाहकार, टैरिफ के पीछे इनका दिमाग, खुद को मानते हैं बड़ा अर्थशास्त्री

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 05:25 PM (IST)

    टैरिफ को ट्रंप के आर्थिक सलाहकार स्टीफन मिरान के दिमाग की उपज माना जाता है। मिरान ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी उनके साथ रहे हैं और अब दूसरे कार्यकाल में भी अमेरिकी सरकार में अहम जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। स्टीफन मिरान ट्रंप द्वारा इनकम टैक्स में कटौती और टैरिफ बढ़ोतरी के प्रबल समर्थक रहे हैं और उन्हें प्रेसिडेंट ट्रंप की इकोनॉमिक पॉलिसी का रचनाकार भी कहा जाता है।

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    स्टीफन मिरान को ट्रंप की इकोनॉमिक पॉलिसी का रचनाकार भी कहा जाता है।

     नई दिल्ली। जिस टैरिफ से दुनियाभर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump Tariff) की किरकिरी हो रही है, क्या आप जानते हैं टैरिफ का यह आइडिया, ट्रंप को किसने दिया, आखिर कौन है वह शख्स जिसने ट्रंप के जरिए टैरिफ से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को हिला दिया। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि प्रेसिडेंट ट्रंप को टैरिफ का आइडिया उनके करीबी सहयोगी और आर्थिक सलाहकार स्टीफन मिरान (Stephen Miran) ने दिया। मिरान को ट्रंप की इकोनॉमिक पॉलिसी का रचनाकार भी कहा जाता है।

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    टैरिफ के आइडिया के बदले में डोनाल्ड ट्रंप, स्टीफन मिरान को अमेरिकी सेंट्रल बैंक, यूएस फेडरल रिजर्व में गवर्नर के तौर पर नियुक्त कर चुके हैं और वह 31 जनवरी 2026 तक इस पद पर अस्थाई रूप से रहेंगे। फिलहाल, स्टीफन मिरान,  काउंसिल ऑफ इकोनॉमिक एडवाइजर्स के चेयरमैन हैं। 

    कितने काबिल स्टीफन मिरान?

    स्टीफन मिरान, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमी में पीएचडी कर चुके हैं और डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी व आर्थिक सलाहकार माने जाते हैं। खुद ट्रंप ने कहा है कि स्टीफन मिरान ने मेरे पहले कार्यकाल में विशिष्टता के साथ काम किया है और दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही मेरे साथ हैं। डोनाल्ड ट्रंप की मानें तो अर्थशास्त्र की दुनिया में उनकी विशेषज्ञता अद्वितीय है। मिरान को यूएस फेडरल रिजर्व में गवर्नर नियुक्त करते हुए ट्रंप ने विश्वास जताया है कि वह बेहतर काम करेंगे।

    ट्रंप की नीतियों के प्रबल समर्थक

    एक ओर ट्रंप स्टीफन मिरान की तारीफ करते नहीं थकते तो दूसरी ओर मिरान, ट्रंप की नीति की सराहना करते रहते हैं। स्टीफन मिरान, ट्रंप द्वारा इनकम टैक्स में कटौती और टैरिफ बढ़ोतरी के प्रबल समर्थक रहे हैं। मिरान का मानना है कि इन दोनों के संयुक्त प्रभाव से आर्थिक विकास इतना बढ़ेगा कि अमेरिका का बजट घाटा कम हो जाएगा। इतना ही नहीं स्टीफन मिरान इस बात से भी ज्यादा इत्तेफाक नहीं रखते हैं कि ट्रंप के टैरिफ महंगाई बढ़ सकती है।

    लेकिन, यूएस फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जिरोम पॉवेल के लिए महंगाई को लेकर टैरिफ चिंता का एक प्रमुख कारण है। यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप, जिरोम पॉवेल को यूएस फेडरल रिजर्व के चेयरमैन पद से हटाना चाहते हैं। वह कई बार इसके लिए उन पर दबाव डाल चुके हैं और बर्खास्त करने तक की धमकी दे चुके हैं।

    US Fed Reserve में मिरान की एंट्री घातक!

    उधर, डोनाल्ड ट्रंप को आर्थिक सलाह देने वाले स्टीफन मिरान की फेडरल रिजर्व बोर्ड में एंट्री, संभावित राजनीतिक दबाव को लेकर चिंताएं पैदा कर सकती है। क्योंकि, यूएस फेड, एक ऐसी संस्था जिसे पारंपरिक रूप से राजनीतिक प्रभाव से बचाकर रखा गया है। दरअसल, सेंट्रल बैंक की स्वतंत्रता को व्यापक रूप से मुद्रास्फीति के विरुद्ध कड़े कदम उठाने की उसकी क्षमता के लिए जरूरी माना जाता है, इनमें ब्याज दरों में कटौती से लेकर बढ़ोतरी जैसे फैसले शामिल हैं।