चेन्नई में पले, IIT से पढ़े, 3 साल में खड़ी की अरबों की AI कंपनी; क्रोम की बोली लगा चर्चा में आए अरविंद श्रीनिवास कौन हैं?
Who is Aravind Srinivas भारतीय मूल के अरविंद श्रीनिवास इस समय चर्चा में हैं। उन्होंने गूगल के ब्राउजर क्रोम को खरीदने का ऑफर दे दिया। इस ऑफर की रकम 3 लाख करोड़ रुपये है। इतनी तो उनकी कंपनी की वैल्यूएशन भी नहीं। ऐसे में उनके बारे में जानना जरूरी है कि। आइए जानते हैं कि अरविंद श्रीनिवास कौन हैं।

नई दिल्ली। Who is Aravind Srinivas: दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी गूगल को भारत के एक लड़के ऑफर दिया। ये ऑफर है गूगल के क्रोम को खरीदने का है। भारत के इस नवयुवक का नाम अरविंद श्रीनिवास (Aravind Srinivas) है। वह एक Perplexity AI कंपनी चलाते हैं। इसके सीईओ भी हैं। उन्होंने Google Chrome को खरीदने का ऑफर देकर सभी को चौंका दिया है।
उनकी कंपनी परप्लेक्सिटी एआई 3 साल ही पुरानी है। ऐसे में इतना बड़ा ऑफर देने वाले अरविंद के बारे में जानना तो बनता है। आखिर वो कौन हैं और उनका सफर कैसे शुरू हुआ और क्यों उन्होंने गूगल को 34.5 अरब डॉलर (3 लाख करोड़ रुपये) का ऑफर दिया। आइए एक-एक करके सभी सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।
कौन हैं अरविंद श्रीनिवास? Who is Arvind Srinivas
अरविंद श्रीनिवास भारतीय मूल के हैं। वह मूल रूप से तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के रहने वाले हैं। वह Perplexity AI के सीईओ और सह-संस्थापक हैं। उनका स्टार्टअप चैटजीपीटी और गूगल की जेमिनी की तरह ही एक AI संचालित सर्च इंजन है। अरविंद श्रीनिवास का जन्म 7 जून 1994 को चेन्नई में हुआ था। 31 साल की उम्र में उन्होंने एक बड़ा मुकाम हासिल किया है।
कहां से पढ़ें हैं अरविंद श्रीनिवास?
चेन्नई के रहने वाले अरविंद ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी IIT मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन किया और मास्टर डिग्री हासिल की। आगे की पढ़ाई के लिए वह कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी गए। यहां से उन्होंने कंप्यूटर साइंस में Phd की। पढ़ाई के दौरान ही एआई के प्रति उनकी रुचि बढ़ने लगी थी और वह AI को लेकर तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट करने लगे थे।
अरविंद श्रीनिवास ने क्या ChatGPT में काम किया?
Perplexity AI के CEO Aravind Srinivas ने सैम अल्टमैन की OpenAI के प्रोडक्ट चैटजीपीटी में चार महीने तक रिसर्च इंटर्न के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने AI स्टार्टअप DeepMind में 5 महीने तक रिसर्च इंटर्न के रूप में काम किया।
क्या गूगल में भी काम कर चुके हैं अरविंद श्रीनिवास?
जी हां ओपनएआई और डीपमाइंड में काम करने के बाद अरविंद ने गूगल में करीब एक साल (2020 से 2021 के बीच) तक नैकरी की। इसके बाद उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपनी एआई कंपनी शुरू की।
क्या Perplexity AI भारतीय स्टार्टअप है।
अरविंद श्रीनिवास, परप्लेक्सिटी एआई के को फाउंडर और सीईओ हैं। यह एक संवादात्मक सर्च और एआई कंपनी है। हालांकि परप्लेक्सिटी एआई एक भारतीय स्टार्टअप नहीं है। लेकिन अरविंद श्रीनिवास भारतीय मूल के व्यक्ति हैं। उनका जन्म चेन्नई, भारत में हुआ था और उन्होंने आईआईटी मद्रास से और University of California, Berkeley से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।
अरविंद ने कब शुरू किया अपना AI स्टॉर्टअप
अरविंद श्रीनिवास ने अगस्त 2022 में Perplexity की सह-स्थापना की। उन्होंने एंडी कोनविंस्की, डेनिस याराट्स और जॉनी हो के साथ मिलकर इस फर्म की की शुरुआत की। कहा जाता है कि Perplexity AI ने "दुनिया का पहला सार्वजनिक रूप से उपलब्ध संवादात्मक बेस्ट इंजन बनाया है जो किसी भी विषय के बारे में सीधे सवालों के जवाब देता है।
कितनी है अरविंद की कंपनी Perplexity की वैल्यूएशन?
2022 में बनी एआई कंपनी परप्लेक्सिटी की वैल्यूएशन वर्तमान में 14 अरब अमेरिकी डॉलर है। उन्होंने गूगल क्रोम खरीदने के लिए जो ऑफर गूगल को दिया है उससे उनकी कंपनी की वैल्यूएशन बहुत कम है। उन्होंने Chrome खरीदने के लिए 34.5 अरब डॉलर का ऑफर दिया है। लेकिन उनके कंपनी की वैल्यूएशन 14 बिलियन डॉलर है।
Perplexity AI ने अब तक एनवीडिया और जापान के सॉफ्टबैंक जैसे बड़े निवेशकों से लगभग 1 अरब अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं। कंपनी का दावा है कि कई फंडों ने इस सौदे के लिए पूरी तरह से धन मुहैया कराने की पेशकश की है, हालांकि किसी के नाम का खुलासा नहीं किया गया है।
क्या है श्रीनिवास की कंपनी का प्लान?
परप्लेक्सिटी एआई का कहना है कि उसे इस सौदे के लिए कई प्रमुख निवेश फंडों से पूर्ण वित्तीय सहायता मिली है। कंपनी के चीफ बिजनेस ऑफीसर, दिमित्री शेवेलेंको ने पुष्टि की है कि कई बड़े फंड पूरे लेनदेन के वित्तपोषण के लिए सहमत हुए हैं। हालांकि, सवाल यह है कि आखिर क्या गूगल उनके इस ऑफर को स्वीकार करेगा।
Tik Tok को भी दिया था ऑफर
परप्लेक्सिटी AI का पहला साहसिक कदम नहीं है। गूगल के क्रोम खरीदने का ऑफर देने से पहले अरविंद श्रीनिवास ने टिकटॉक के अमेरिकी परिचालन को अपने परिचालन में विलय करने का भी प्रस्ताव रखा था।
Chrome को टक्कर देने की तैयारी?
अरविंद श्रीनिवास की Perplexity AI खुद का AI ब्राउजर, कॉमेट, लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। कंपनी का दावा है कि अगर वह क्रोम खरीदती है, तो वह कोई "छिपा हुआ बदलाव" नहीं करेगी, जिससे उपयोगकर्ता का विश्वास और स्थिरता सुनिश्चित होगी।
कंपनी ने अगले दो वर्षों में क्रोम और उसके ओपन-सोर्स संस्करण, क्रोमियम में 3 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने का भी वादा किया है, जबकि वर्तमान क्रोम टीम के अधिकांश सदस्यों को बरकरार रखा जाएगा। लेकिन सवाल यह कि अगर गूगल ने उसके ऑफर को स्वीकार नहीं किया तो क्या होगा?
क्या सुंदर पिचाई बेच देंगे Google Chrome?
गूगल की पैरेंट कंपनी Alphabet के CEO सुंदर पिचाई भी भारतीय मूल के हैं। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या वह गूगल के क्रोम को बेच देंगे? हालांकि, अभी यह सवाल ही है। इस पर गूगल की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार का कोई जवाब नहीं आया है। गूगल के लिए, क्रोम एक ब्राउजर ही नहीं है, बल्कि यह उसके सर्च और Advertising Business का बड़ा सोर्स भी है।
कितनी है अरविंद श्रीनिवास की नेटवर्थ?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 30 जून, 2025 तक अरविंद श्रीनिवास की कुल नेट वर्थ 242.5 करोड़ रुपये (Aravind Srinivas Net Worth) से अधिक है। वहीं, उनके एआई स्टार्टअप की वैल्यूशन 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
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