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    कोरोना काल में जब एक खास गोली के लिए तरसा था अमेरिका, भारत ने एक आवाज पर भेजी थी 50 लाख टेबलेट

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 12:32 PM (IST)

    अप्रैल 2020 में जब कोरोना महामारी के वक्त अमेरिका बुरी तरह इस संकट से जूझ रहा था और एक जरूरी दवा Hydroxychloroquine Tablet के संकट का सामना कर रहा था तो भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध पर 50 लाख टेबलेट का निर्यात किया था। मलेरिया-रोधी इस दवा का इस्तेमाल COVID-19 के उपचार के लिए किया गया था।

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    कोरोना महामारी के समय भारत ने अमेरिका को 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' टेबलेट का निर्यात किया था।

    नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, टैरिफ (Donald Trump Tariff on India) को लेकर भारत पर अपनी मनमानी थोप रहे हैं, और कह रहे हैं कि चूंकि भारत, रूस से तेल खरीद रहा है इसलिए हम टैरिफ बढ़ा रहे हैं। उन्होंने यूएस-इंडिया ट्रेड डील से पहले ही भारत पर 25 फीसदी का टैरिफ लगा दिया, जब भारत ने इस पर जवाब दिया तो टैरिफ की दर को बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया। इतना ही नहीं, भारतीय फार्मा कंपनियों पर तो उन्होंने आने वाले 12 से 18 महीनों में टैरिफ की दर को बढ़ाकर 250 फीसदी तक करने की धमकी दी है।

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    दरअसल, भारत की कई फार्मा कंपनीज का अमेरिका में बड़ा कारोबार है और देश से हर साल जरूरी दवाओं का निर्यात यूएस को किया जाता है। अमेरिका को भारत की दवाओं की जरूरत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2020 में कोरोना महामारी के वक्त जब अमेरिका एक जरूरी दवा 'Hydroxychloroquine Tablet' के संकट से जूझ रहा था तो भारत ने एक आवाज पर 50 लाख टेबलेट का निर्यात किया था।

    'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' की 50 लाख टेबलेट

    न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2020 में भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine Tablet) की 50 लाख गोलियां संयुक्त राज्य अमेरिका को भेजी थीं। दरअसल, उस समय मलेरिया-रोधी इस दवा का इस्तेमाल COVID-19 के उपचार के लिए किया गया था।

    उस समय भारत ने इस एंटी-मलेरिया ड्रग के निर्यात पर बैन लगाया हुआ था, लेकिन प्रेसिडेंट ट्रंप के अनुरोध और कुछ अन्य देशों को कोरोना वायरस महामारी से निपटने में मदद के लिए मानवीय आधार पर मलेरिया रोधी दवा 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' के निर्यात पर प्रतिबंध हटा लिया था।

    पीएम मोदी से ट्रंप ने किया था अनुरोध

    कोरोना काल के समय इस दवा का निर्यात किसी भी देश को भारत द्वारा किया जाने वाला सबसे बड़ा ड्रग एक्सपोर्ट था। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (पहले कार्यकाल में) द्वारा नई दिल्ली से फेफड़ों से जुड़े रोग के संभावित उपचार के रूप में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति जारी करने का अनुरोध किया था।

    डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मलेरिया-रोधी दवा के अमेरिकी ऑर्डर पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया था, जिसका भारत प्रमुख उत्पादक है। दुनिया की 70 प्रतिशत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा बनाने वाले भारत ने 7 अप्रैल को यह प्रतिबंध हटा लिया था।

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    उस समय डोनाल्ड ट्रम्प के अनुरोध पर भारत ने अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियों के साथ-साथ दवा के निर्माण में आवश्यक 9 मीट्रिक टन सक्रिय दवा घटक या एपीआई के निर्यात को मंजूरी दे दी थी।