आखिर हर घंटे रूस से कितना तेल आता है भारत, जिससे बन रहा ट्रंप का मुंह ! जानें और कौन से देश भेजते हैं हमें Crude Oil
अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। ये अतिरिक्त टैरिफ रूस से तेल खरीदने (India Hourly Crude Import) के कारण लगाया गया है। साल 2024 में रूस भारत का सबसे बड़ा क्रूड ऑयल सप्लायर रहा। रूस ने 2024 में रोज भारत को 1.8 मिलियन बैरल भेजा। दूसरे नंबर पर इराक रहा।

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है। ये अतिरिक्त टैरिफ रूस से कच्चा तेल खरीदने (Russian Crude Oil Inflow Rate) के कारण लगाया गया है। नए निर्देश के बाद, अमेरिका भारतीय वस्तुओं पर (कुछ अपवादों को छोड़कर) 50% शुल्क लगाएगा।
पर भारत रूस से रोज कितना तेल खरीदता (Hourly Oil Import Volume) है? रूस के अलावा कौन से देश भारत को कच्चे तेल का निर्यात (India Oil Import Countries) करते हैं? आइए जानते हैं।
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हर घंटे कितना तेल आता है
भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी से अधिक कच्चा तेल आयात करता है। इसमें एक तिहाई से अधिक तेल रूस से आता है। भारत ने साल 2024 में रोज लगभग 1.8 मिलियन बैरल रूसी कच्चा तेल खरीदा, जो कि रूस के कुल तेल निर्यात का लगभग 37 प्रतिशत है।
रोज 1.8 मिलियन बैरल का मतलब है कि साल 2024 में हर घंटे भारत ने रूस से 75000 बैरल कच्चा तेल खरीदा।
साल 2024 में इन देशों से भारत ने खरीदा कच्चा तेल
- रूस : प्रतिदिन 1.8 मिलियन बैरल
- इराक : प्रतिदिन 1.02 मिलियन बैरल%
- सऊदी अरब : प्रतिदिन 0.64 मिलियन बैरल
- UAE : प्रतिदिन 0.45 मिलियन बैरल
- अमेरिका : प्रतिदिन 0.17 मिलियन बैरल
किसकी कितनी हिस्सेदारी
भारत ने 2024 में प्रतिदिन जितने तेल का आयात किया, उसमें 36.3 फीसदी हिस्सेदारी के साथ रूस पहले नंबर पर रहा। वहीं दूसरे नंबर पर इराक (20.5 फीसदी), तीसरे नंबर पर सऊदी अरब (13 फीसदी), चौथे नंबर पर यूएई (9 फीसदी) और 5वें नंबर पर अमेरिका (3.5 फीसदी) रहा।
आगे क्या हो सकता है
रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले इराक भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर था, उसके बाद सऊदी अरब और फिर यूएई। भारतीय रिफाइनरियाँ ज़्यादातर मध्य पूर्वी उत्पादकों से सालाना समझौतों के तहत तेल खरीदती हैं, जिसमें हर महीने और सप्लाई का अनुरोध करने की सुविधा होती है।
ट्रम्प की प्रतिबंधों की चेतावनी के बाद से, रिफाइनरियाँ अमेरिका, मध्य पूर्व, पश्चिम अफ्रीका और अज़रबैजान से कच्चा तेल खरीद रही हैं। भारत के पास इन्हीं से ऑयल इम्पोर्ट बढ़ाने का ऑप्शन मौजूद है।
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