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    किसने बनाया नमकीन का साम्राज्य 'Haldiram', छोटी सी दुकान से शुरू होकर दुबई-सिंगापुर तक पहुंची 'बीकानेर की भुजिया'

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 10:20 AM (IST)

    हल्दीराम (Haldiram History) एक प्रसिद्ध भारतीय ब्रांड की शुरुआत 1937 में गंगा बिशन अग्रवाल ने बीकानेर में की थी। उन्होंने मोठ की फलियों से बनी भुजिया से लोकप्रियता हासिल की। 1970 में नागपुर में एक बड़ी प्रोडक्शन यूनिट स्थापित की गई। आज हल्दीराम (Haldiram Success Story) के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भारत और विदेशों में हैं और इसकी वैल्यू 85000 करोड़ रुपये से अधिक है।

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    कैसे शुरू हुई थी हल्दीराम, जो आज दुनिया भर में फेमस

    नई दिल्ली। भारत में जितनी पुरानी और फेमस कंपनियां हैं, उन सभी की कामयाबी की अनोखी कहानी है। सैंकड़ों साल पुरानी कई कंपनियां अलग-अलग सेक्टर्स में आज भी अपना दबदबा बनाए हुए हैं। इनमें खाने-पीने की चीजों के सेगमेंट में भी एक से एक पुरानी कंपनियां और फेमस ब्रांड हैं। इन्हीं ब्रांड्स में एक नाम है हल्दीराम (Haldiram Success Story), जिसके नाम से आप जरूर वाकिफ होंगे। पर क्या आप जानते हैं कि हल्दीराम (Haldiram History) को किसने और कब शुरू किया? आइए जानते हैं हल्दीराम की दिलचस्प कहानी।

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    88 साल पहले हुई शुरुआत

    88 साल पहले 1937 में हल्दीराम ब्रांड की शुरुआत हुई। इसे शुरू किया था गंगा बिशन अग्रवाल ने। बता दें कि गंगा बिशन अग्रवाल को ही 'हल्दीराम' कहा जाता था। इसी नाम से उन्होंने अपना ब्रांड बनाया, जो आज दुनिया भर में फेमस है।

    छोटी सी दुकान से किया कारोबार शुरू

    हल्दीराम यानी गंगा बिशन अग्रवाल ने बीकानेर, राजस्थान में एक छोटी सी दुकान से अपना कारोबार शुरू किया था। उन्होंने सबसे पहले बेसन की भुजिया बनाई। मगर उसमें वो स्वाद नहीं आया। फिर उन्होंने बेसन की जगह मोठ की फलियों से भुजिया बनाई, जिसका स्वाद लाजवाब रहा।

    नए तरीके और सामानों से बनी ये भुजिया ज्यादा कुरकुरी थी, जो आज कई फ्लेवर में उपलब्ध है। फिर क्या था, इस छोटी सी दुकान ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की और अपने अनोखे स्वाद वाली भुजिया की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए कारोबार का विस्तार किया। इसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए, हल्दीराम के पोते शिव किशन अग्रवाल ने इस बिजनेस को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।

    नागपुर में लगाई प्रोडक्शन यूनिट

    भुजिया की लोकप्रियता के चलते 1970 में नागपुर में एक बड़ी प्रोडक्शन यूनिट लगाई गई, जो हल्दीराम ब्रांड का फॉर्मलाइज्ड बिजनेस की ओर कदम बढ़ाने का संकेत था। फिर धीरे-धीरे कई तरह की नमकीन, मिठाइयाँ और बेवरेजेज पेश किए गए।

    आज कितना बड़ा है कारोबार

    आज के समय में हल्दीराम के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नागपुर, दिल्ली, हुगली, रुद्रपुर और नोएडा में मौजूद हैं। वहीं इसके प्रोडक्ट सिंगापुर, नीदरलैंड, भूटान और यूएई तक जाते हैं। भारत में 40% से ज्यादा मार्केट शेयर के साथ स्नैक्स सेगमेंट में हल्दीराम सबसे बड़ा ब्रांड है।

    कितनी है हल्दीराम की वैल्यू

    आज हल्दीराम की वैल्यू 85000 करोड़ रु से भी अधिक आंकी जाती है। जबकि इसका सबसे छोटा नमकीन पैकेट सिर्फ 5 रु में मिलता है। माना जाता है कि हल्दीराम ब्रांड को नई ऊंचाई तक लेकर जाने में सबसे अहम भूमिका को गंगा बिशन के पोते शिव किशन अग्रवाल की रही है।