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    दुनिया के सबसे बड़े निवेशक के पास ₹12 लाख करोड़ दौलत, लेकिन 1 भी ग्राम नहीं है सोना; लॉजिक जानकर आप भी बेच डालेंगे सारा Gold !

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 12:17 PM (IST)

    वॉरेन बफेट (Warren Buffett) दुनिया के शीर्ष निवेशक (Worlds No 1 Investor) हैं जिनकी संपत्ति 139.1 अरब डॉलर है लेकिन उन्होंने सोने में निवेश नहीं किया है। बफेट के अनुसार सोना उनकी वैल्यू इन्वेस्टिंग स्ट्रैटेजी से मेल नहीं खाता क्योंकि इसका कोई खास उपयोग नहीं है और इससे कोई आय नहीं होती।

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    10वें सबसे अमीर शख्स का गोल्ड से है मोहभंग

    नई दिल्ली। वॉरेन बफेट दुनिया के नंबर 1 इंवेस्टर (World's No 1 Investor) माने जाते हैं। इंवेस्टिंग के जरिए ही उन्होंने 139.1 अरब डॉलर (12.2 लाख करोड़ रु) की दौलत बनाई है। वे दुनिया के 10वें सबसे अमीर शख्स (Top 10 Richest Person in the World) भी हैं। वे शेयरों (Warren Buffett Portfolio) में निवेश करते हैं। मगर उन्होंने गोल्ड में निवेश नहीं किया है। लाखों करोड़ की संपत्ति के बावजूद उनके पास जरा सा भी गोल्ड नहीं है। सोने में निवेश को लेकर वॉरेन बफेट बिल्कुल अलग सोचते हैं। वॉरेन बफेट एक नियम को फॉलो करते हैं कि सोने जैसी एसेट्स में निवेश न करें। पर क्यों, आइए जानते हैं।

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    क्यों नहीं करते गोल्ड में निवेश

    सालों से बफेट का कहना है कि गोल्ड उनकी वैल्यू इंवेस्टिंग स्ट्रैटेजी (Warren Buffett Value Investing Strategy) से मेल नहीं खाता है। एक बार बफेट ने सोने में निवेश न करने की दो वजह बताई थीं। पहली इसका कोई खास उपयोग न होना और दूसरी गोल्ड द्वारा कोई इनकम जनरेट न करना।

    सिर्फ एक बार किया गोल्ड में इंवेस्ट

    मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बफेट ने सोने में एक बार निवेश किया है और वो था एक गोल्ड माइनिंग कंपनी बैरिक गोल्ड में। वो निवेश भी उन्होंने 6 महीनों के अंदर ही निकाल लिया था। बफेट के मुताबिक सोने का कुछ इंडस्ट्रियल यूज है और ज्वैलरी के लिए इसकी डिमांड है, पर इनके अलावा ये एक बेकार निवेश है।

    पर क्या गोल्ड का रिटर्न रहा है खराब

    साल 2011 में सोना प्रति आउंस 1,750 डॉलर के रेट पर था। अब इसका रेट 3,350 डॉलर के आसपास है। बफेट ने 2011 में सोने में निवेश न करने की बात कही थी। तब से अब तक सोने का रेट डबल तो हुआ है, मगर चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के लिहाज से इसकी ग्रोथ केवल 5% रही है।

    वहीं इसी दौरान अमेरिकी शेयर बाजार ने 14% से अधिक CAGR की ग्रोथ हासिल की। यानी बफेट का गोल्ड में निवेश न करने का फैसला सही लगता है।

    गोल्ड की दिलचस्प कहानी

    साल 2009 में गोल्ड का रेट प्रति आउंस 1,000 डॉलर पर था। तब किसी ने बफेट से सोने को लेकर अगले पाँच सालों में उनके नजरिए के बारे में पूछा। तब उन्होंने कहा था कि "यह कुछ नहीं करेगा, सिवाय आपकी ओर देखने के।"

    मजे की बात ये है कि सोना फिर चढ़ा और 1,800 डॉलर तक गया, पर 2014 तक वापस 1,000 डॉलर पर आ गया। यानी निवेशकों को उन पाँच सालों में कोई भी रिटर्न नहीं मिला।