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    बिस्किट बेचकर कमा लिए 78000 करोड़ रुपये, कौन हैं विजय चौहान एंड फैमिली, 100 साल से मशहूर इनका कारोबार

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 01:27 PM (IST)

    विजय चौहान एंड फैमिली, भारत के मशहूर बिस्किट ब्रांड पारले जी के लिए मशहूर है। 1928 में मोहनलाल लाल चौहान ने पशुओं के बाड़े में इस कंपनी की शुरुआत की थ ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। भारत में ऐसे कई ब्रांड (Indias Popular Brands) हैं जो 100 साल या उससे भी ज्यादा पुराने हैं और इनके नाम का जलवा आज भी बरकरार है। इसी लिस्ट में एक बिस्किट ब्रांड का नाम भी शामिल है, जिसकी शुरुआत 1928 में हुई थी और अब यह कंपनी 100 साल पूरे करने वाली है। यह कहानी है पारले जी बिस्किट की, जिसके मालिक हैं विजय चौहान एंड फैमिली (Vijay Chauhan & Family)। यह कारोबारी घराना, भारत के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 31वें नंबर पर आता है। फोर्ब्स के अनुसार, इस परिवार की रियल टाइम नेटवर्थ 8.6 बिलियन डॉलर यानी 78000 करोड़ रुपये है।

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    विजय चौहान के हाथों में पारले प्रोडक्ट्स (Parle Products) कंपनी का कंट्रोल है, जो अपने पॉपुलर ग्लूकोज़ बिस्किट, पारले जी के लिए जाना जाता है, इसे 1939 में लॉन्च किया गया था। आइये आपको बताते हैं कि आखिर पारले जी बिस्किट बनाने का आइडिया किसका था और कैसे इस कंपनी की शुरुआत हुई।

    कब शुरू हुए पारले जी प्रोडक्ट

    पारले जी बिस्किट की कहानी करीब 100 साल पुरानी है। सन 1928 में विजय चौहान के दादा, मोहनलाल लाल ने पशुओं के बाड़े में कन्फेक्शनरी बनाने के लिए पारले की शुरुआत की थी। यह वह समय था जब भारत में ब्रिटिश हुकुमत थी। उस जमाने में मोहन लाल चौहान ने स्वदेशी बिस्किट ब्रांड शुरू करने के बारे में सोचा।

    मोहन लाल चौहान ने करीब 100 साल पहले 60000 की पूंजी लगाकर जर्मनी से बिस्किट बनाने की मशीनें मंगवाईं। मोहनलाल ने अपने पांच बेटों - मानेकलाल, पीतांबर, नरोत्तम, कांतिलाल और जयंतीलाल - के साथ मुंबई के विले पार्ले इलाके में एक छोटी सी फैक्ट्री लगाई और बिस्किट बनाने का कारोबार शुरू कर दिया।

    20 साल बाद मिली बड़ी पहचान

    1928 में पारले जी की शुरुआत के करीब 20 साल बाद, जब भारत आजाद हुआ तो देश में पारले जी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी, क्योंकि यह ब्रिटिश स्नैक्स का भारतीय विकल्प साबित हुआ। बिस्किट बिजनेस में सफलता मिलने के बाद कंपनी ने सॉफ्ट ड्रिंक्स के कारोबार में भी कदम रखा और लगातार एफएमसीजी कारोबार में तेजी से आगे बढ़ता गया। खास बात है कि कंपनी के मेक्सिको समेत 8 देशों में विदेशों में भी कारखाने हैं।

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    नील्सन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पारले-जी बिस्किट ने 2011 की दुनिया के सबसे ज़्यादा बिकने वाले बिस्कुट का खिताब जीता था। मोहनलाल चौहान के बिस्किट ब्रांड पारले जी की विरासत को उनके पोते और विजय चौहान व उनका परिवार संभाल रहा है।

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