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    ₹10 वाला बिस्किट कितने का है जी? अब दुकानदार का जवाब कर देगा और खुश; इतना सस्ता हो रहा आपका फेवरेट Parle-G

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 07:28 PM (IST)

    पारले-जी ने अपने बिस्किट (Parle-G Biscuit Price Slash) के दामों में कटौती का ऐलान किया है। जीएसटी की नई दरों के लागू होने के बाद कंपनी ने यह फैसला लिया है। अब 5 रुपये वाला पारले-जी 4.50 रुपये और 10 रुपये वाला पैकेट 9 रुपये में मिलेगा। कंपनी के अनुसार, नई दरें 1 दिसंबर 2025 से लागू होंगी, और वजन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जीएसटी सुधार के बाद कंपनियों और ग्राहकों में कंफ्यूजन की स्थिति थी, जिसे अब दूर किया जा रहा है।

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    पारलेजी ने नए दाम 1 दिसंबर से लागू हो सकते हैं।

    नई दिल्ली| "दस रुपए वाला बिस्कुट कितने का है जी?" अब इस सवाल पर दुकानदार का जवाब सुनकर आप और खुश हो जाएंगे। क्योंकि 1 दिसंबर से आपका फेवरेट बिस्किट के पैकेट और सस्ते होने वाले हैं। जी हां, 22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू होने के बाद आपके फेवरेट ब्रांड पारलेजी ने बड़ा ऐलान किया है। पारलेजी ने 5 और 10 रुपए वाले बिस्किट (Parle-G new price) के पैकेट की कीमतें कम करने की घोषणा कर दी है। एफएमसीजी कंपनी पारले के वाइस प्रेसिडेंड मयंक शाह का कहना है कि प्रोडक्ट के कम एमआरपी (MRP) और ज्यादा वजन वाले नए पैकेट अगले दो महीने यानी दिसंबर तक बाजार में आ जाएंगे।

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    अब कितने में मिलेंगे ₹5-10 वाले बिस्किट के पैकेट?

    मयकं शाह ने बताया कि 1 दिसंबर 2025 से पारले के नए पैकेट कम कीमत पर मार्केट में आ जाएंगे। कीमत कम होने पर वजन में कोई कटौती नहीं की गई है। वजन उतना ही रहेगा, बस कीमतें कम कर गई हैं। मयंक शाह के मुताबिक, 5 रुपए वाला पारले़जी अब 4.50 रुपए और 10 रुपए वाला पैकेट अब 9 रुप में मिलेगा।

    यह भी पढ़ें- चिप्स, नमकीन, बिस्किट से मसाले तक, 5 और 10 रुपए में क्यों आते हैं इनके पैकेट? छोटे दामों में छिपा है बड़ा राज!

    कंपनियों के साथ ग्राहकों में रही कंफ्यूजन की स्थिति

    मयंक शाह ने आगे बताया कि जीएसटी सुधार के बाद कीमतों में बदलाव करना कंपनियों के लिए आसान नहीं रहा। कंपनियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। जीएसटी कम होने के बाद प्रोडक्ट के पैकेट साइज, वजन और कीमत को लेकर कंपनियों के साथ-साथ ग्राहकों में कंफ्यूजन की स्थिति बनी रही। इसे लेकर विस्तार से चर्चा भी की गई है।

    हालांकि, होता यह है कि एफएमसीजी कंपनियों को अपने प्रोडक्ट्स के पैकेजिंग में बदलाव करने में करीब डेढ़ से दो महीने का समय लगता है। लेकिन इस बार कंपनियों को यह समय नहीं मिल पाया। जिसके चलते नई पैकिंग वाले प्रोडक्ट्स बाजार में आने में देरी हो रही है।

    पहले महंगी MRP वाले पैकेट में होगा बदलाव

    मयंक शाह ने प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग की टाइमलाइन के बारे में बात करते हुए कहा कि, "पहले फेज में बड़े और ज्यादा कीमत वाले पैकेट्स की MRP को कम किया जाएगा। उसके बाद कम MRP वाले छोटे पैकेट की कीमतों बदलाव किया जाएगा। ये वो प्रोडक्ट्स होंगे, जिनकी बाजार में हिस्सेदारी करीब 60-70 फीसदी है। यह ग्राहकों को नवंबर के आखिर तक या फिर दिसंबर महीने की शुरुआत में धीरे-धीरे मिलने लगेंगे।

    बता दें कि 22 सितंबर से जीएसटी 2.0 लागू हो चुका है। जिसके तहत सरकार ने चार जीएसटी स्लैब 5%, 12%, 18% और 28% को सिर्फ दो स्लैब 5% और 18% में कर दिया है। जिससे आम आदमी को भरपूर राहत मिली है।