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    Vi को सरकार से मिल सकती है बड़ी राहत, ₹83,000 Cr के बकाया AGR पर मोहलत मिलने की उम्मीद

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 10:53 AM (IST)

    वोडाफोन आइडिया (Vi AGR Due) को सरकार से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। वीआई पर ₹83,000 करोड़ से ज्यादा का एजीआर बकाया है, जिसे चुकाने के लिए सरकार कंपन ...और पढ़ें

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    वीआई को सरकार से मिल सकती है बड़ी राहत

    नई दिल्ली। वोडाफोन आइडिया (Vi) को सरकार से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। दरअसल वीआई पर ₹83,000 करोड़ से ज्यादा का एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया है, जिसे चुकाने के लिए सरकार कंपनी को चार से पांच साल की ब्याज-मुक्त मोहलत दे सकती है। यानी कंपनी को ये पैसा चुकाने के लिए 4-5 साल का समय मिल जाएगा और इसे बकाया पर ब्याज भी नहीं देना होगा।
    इससे नकदी की कमी से जूझ रही वीआई को राहत मिलेगी।

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    आधी रह जाएंगी देनदारियां

    जानकारों का मानना है कि मोरटोरियम खत्म होने के बाद, कंपनी को छह किस्तों में बकाया चुकाना होगा। लेकिन देनदारियों के रीअसेसमेंट के बाद यह रकम कम होकर लगभग आधी हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक कमेटी बनाई जाएगी, जिसकी अध्यक्षता एक सेक्रेटरी-लेवल का अधिकारी करेगा।
    ये कमेटी टेलीकॉम डिपार्टमेंट और Vi दोनों की बात सुनेगी। इसके बाद यह तय किया जाएगा कि वीआई को आखिर कितनी रकम अदा करनी है। कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद आने वाले हफ्तों में इस फैसले का ऐलान हो सकता है।

    कितना ब्याज देती हैं टेलीकॉम कंपनियां?

    Vi को अगले मार्च में ₹18,000 करोड़ से ज्यादा की पेमेंट करनी है, जो 2021 में सरकार के टेलीकॉम कंपनियों को दिए गए AGR पेमेंट पर रोक खत्म होने के बाद पहली किस्त होगी। बता दें कि यह बकाया इंटरेस्ट-फ्री नहीं था, जिसके चलते हर साल एजीआर की बकाया की राशि बढ़ती गई।
    बताया जा रहा है कि Vi और भारती एयरटेल बकाया रकम पर सालाना 29-30% कंपाउंड इंटरेस्ट देती हैं।

    सिर्फ Vi को मिलेगी राहत

    आने वाले राहत पैकेज के तहत, Vi की बकाया राशि को सील करके उस पर कोई नया ब्याज नहीं लगाया जाएगा। हालांकि भारती एयरटेल को अपनी किस्तें तय समय पर चुकानी पड़ेंगी, क्योंकि राहत सिर्फ Vi को दी जाएगी।

    AGR बकाया चुकाने में अपनी असमर्थता जताई

    गौरतलब है कि वीआई पहले ही बकाया AGR चुकाने में असमर्थता जता चुकी है। इसीलिए कंपन ने सरकार से मदद मांगी है। सरकार के पास वीआई में 48.99% हिस्सेदारी है। ये इसकी सबसे बड़ी शेयरहोल्डर है। सरकार ने कंपनी के कुछ पुराने बकाए को स्टॉक में बदल दिया था।

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