Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    New Trump Tariff: ट्रंप का अब ये कैसा 40 फीसदी वाला टैरिफ, भारत सहित इन दशों की कंपनियों पर कितना पड़ेगा असर

    Updated: Tue, 21 Oct 2025 04:45 PM (IST)

    अमेरिका के लगाए गए 40% पारगमन शुल्क से भारत और आसियान क्षेत्र की कंपनियों के लिए अनुपालन संबंधी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। मशीनरी, बिजली उपकरण और सेमीकंडक्टर क्षेत्रों पर इसका असर होने की आशंका है। ट्रंप प्रशासन द्वारा 'पारगमन' की परिभाषा स्पष्ट न होने से आसियान देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए जोखिम पैदा हो सकता है। 

    Hero Image

    नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा लगाए गए 40 प्रतिशत पारगमन शुल्क से भारत और आसियान क्षेत्र की कंपनियों के लिए अनुपालन से जुड़ी बड़ी दिक्कतें पैदा होने और मशीनरी, बिजली उपकरण एवं सेमीकंडक्टर क्षेत्रों पर इसका खास असर पड़ने की आशंका है। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने एक रिपोर्ट में यह आशंका जताई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 31 जुलाई को उन वस्तुओं पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी जिन्हें ‘शुल्क से बचने के लिए तीसरे देश के रास्ते’ भेजा गया हो।


    यह व्यापक देश-स्तरीय शुल्कों के अतिरिक्त होगा। मूडीज ने मंगलवार को ‘एशिया-प्रशांत क्षेत्र में व्यापार’ पर केंद्रित अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप प्रशासन ‘पारगमन’ को किस तरह परिभाषित करेगा।

    लेकिन इस कदम के निशाने पर मुख्य रूप से चीन में उत्पादित ऐसी वस्तुएं हैं जो तीसरे देशों के जरिये अमेरिका भेजी जाती हैं। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि पारगमन शुल्क से जुड़ी अस्पष्टता आसियान देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए जोखिम पैदा करती है। यदि अमेरिका इस परिभाषा को सीमित रखता है और केवल चीन से आयातित, हल्के रूप से प्रसंस्कृत या दोबारा लेबल लगाकर भेजी वस्तुओं को ही शामिल करता है तो क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं पर इसका असर सीमित रहेगा।

    यह भी पढ़ें: ट्रंप के दबाव में मुकेश अंबानी ने बदली रणनीति, रूस के बजाय मिडिल ईस्ट से खरीदा क्रूड ऑयल; क्या है रिलायंस का प्लान?

    इसके उलट, यदि अमेरिका पारगमन की व्यापक व्याख्या अपनाता है और उन वस्तुओं को भी शामिल करता है जिनमें चीनी सामग्री का कोई भी महत्वपूर्ण अंश है, तो इससे एशिया-प्रशांत आपूर्ति शृंखला को गंभीर आर्थिक नुकसान हो सकता है।

    मूडीज ने कहा कि यह शुल्क आसियान के निजी क्षेत्र के लिए बड़ी अनुपालन चुनौतियां खड़ी करेगा। निर्यातकों को अमेरिकी शुल्क से बचने के लिए उत्पादों का ‘महत्वपूर्ण रूपांतरण’ साबित करने में अतिरिक्त सतर्कता और प्रमाणन शर्तों का सामना करना पड़ेगा।

    रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, पारगमन जोखिमों का सबसे अधिक सामना मशीनरी, बिजली उपकरण, उपभोक्ता ऑप्टिकल उत्पादों और सेमीकंडक्टर क्षेत्रों को करना पड़ सकता है। मूडीज ने कहा कि तीसरे देश के रास्ते आने वाले उत्पाद अधिकतर ‘मध्यवर्ती कच्चे माल’ के रूप में होते हैं, न कि अंतिम उपभोक्ता वस्तुओं में।